Nainital में कांग्रेस की जनाक्रोश रैली, महंगाई, पलायन और भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरा


Nainital जिले में सोमवार को कांग्रेस द्वारा विभिन्न मुद्दों पर जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किया, जिसमें भारी संख्या में कार्यकर्ताओं और जनता ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने महंगाई, भ्रष्टाचार, पलायन और किसानों की समस्याओं जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार की नीतियों का कड़ा विरोध किया।
पंत पार्क से शुरू हुई रैली
रैली की शुरुआत नैनीताल के पंत पार्क से हुई, जहां पहले से ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय लोग एकत्रित हो चुके थे। कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और महंगाई, किसानों की समस्याओं, पलायन और राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर नाराजगी जताई। पंत पार्क से निकलकर रैली कुमाऊं आयुक्त कार्यालय की ओर बढ़ी, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आयुक्त कार्यालय का घेराव किया और अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।
यशपाल आर्य ने किया नेतृत्व
जनाक्रोश रैली का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि राज्य की भाजपा सरकार जनता की समस्याओं के प्रति पूरी तरह उदासीन है। आर्य ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह नगर निकाय चुनाव कराने में रुचि नहीं रखती क्योंकि उसे अपनी हार का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल रही है।
आर्य ने जोर देते हुए कहा कि राज्य के निवासियों को जल, जंगल और जमीन पर उनके अधिकार मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि सुधारों की कमी और नए औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना न होने के कारण लोग अपने गांवों को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
महंगाई और पलायन की समस्याएं बनीं मुख्य मुद्दा
रैली में वक्ताओं ने महंगाई और पलायन की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने लोगों की जेबों पर भारी बोझ डाला है। खासकर गरीब और मध्यम वर्ग इससे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कांग्रेस नेताओं ने सरकार से मांग की कि आपदा से प्रभावित मोटर मार्ग और सिंचाई नहरों का पुनर्निर्माण जल्द से जल्द किया जाए ताकि किसानों और ग्रामीणों को राहत मिल सके।
किसानों की समस्याओं पर गुस्सा
किसानों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की घोषणा कि वह 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर देगी, पूरी तरह से विफल साबित हुई है। आज हालात यह हैं कि महंगे बीज, दवाइयां और खेती की अन्य लागतों के कारण किसान खेती छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।
रैली में मौजूद नेताओं ने राज्य सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जाए ताकि वे अपनी उपज का उचित मूल्य पा सकें और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
कांग्रेस ने रखी अपनी मांगें
जनाक्रोश रैली के दौरान कांग्रेस ने राज्य सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। इनमें प्रमुख रूप से नगर निकाय चुनावों का शीघ्र आयोजन, राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक, किसानों को एमएसपी का अधिकार और जल, जंगल, जमीन पर राज्यवासियों के अधिकार शामिल थे।
इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार पहाड़ों में औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना करे ताकि स्थानीय युवाओं को रोजगार मिल सके और पलायन को रोका जा सके। पलायन के कारण गांव खाली होते जा रहे हैं, जो राज्य के विकास में एक बड़ी बाधा बन रहा है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराजगी
रैली में भाग लेने वाले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य को विकास के पथ से भटका दिया है। सरकार की नीतियां पूरी तरह से असफल रही हैं और जनता की समस्याओं का समाधान करने में वह पूरी तरह से विफल रही है। कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह केवल जुमलेबाजी कर रही है और जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जनता की समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आने वाले चुनावों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। कार्यकर्ताओं ने कहा कि कांग्रेस जनता की आवाज को उठाने का काम करती रहेगी और भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करती रहेगी।
भ्रष्टाचार पर कसा तंज
जनाक्रोश रैली में वक्ताओं ने राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार पर भी कड़ा तंज कसा। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मांग की कि सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने के लिए ठोस कदम उठाए।
वक्ताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण राज्य की विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं और जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगाई गई तो राज्य का विकास कभी नहीं हो पाएगा।
पलायन पर जताई चिंता
रैली में वक्ताओं ने पहाड़ी क्षेत्रों में पलायन की समस्या पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में कृषि सुधारों की कमी और नए औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना न होने के कारण लोग अपने गांवों को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। गांव खाली हो रहे हैं और लोग रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं ने सरकार से मांग की कि पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि और औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना की जाए ताकि लोगों को अपने गांवों में ही रोजगार मिल सके और पलायन की समस्या का समाधान हो सके।
जनता के अधिकारों की मांग
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य के निवासियों को जल, जंगल और जमीन पर अधिकार देने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को उनके प्राकृतिक संसाधनों पर उनका हक मिलना चाहिए और सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।
रैली में वक्ताओं ने कहा कि जल, जंगल और जमीन पर अधिकार मिलने से स्थानीय लोग अपने संसाधनों का सही तरीके से उपयोग कर सकेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।
कुल मिलाकर कांग्रेस की जनाक्रोश रैली ने राज्य में व्याप्त समस्याओं को जोर-शोर से उठाया। महंगाई, भ्रष्टाचार, पलायन और किसानों की समस्याओं पर सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई। कांग्रेस ने जनता को यह भरोसा दिलाया कि वह उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए संघर्ष करती रहेगी और भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करती रहेगी।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कुमाऊं आयुक्त कार्यालय का घेराव कर राज्य सरकार को चेतावनी दी कि अगर वह जनता की समस्याओं का समाधान नहीं करती तो कांग्रेस आने वाले चुनावों में उसे कड़ा सबक सिखाएगी।






