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Foreign conspiracy: भारत में बम धमकी के मामलों के पीछे अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया की साजिश

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Foreign conspiracy: भारतीय विमानों में बम की धमकियों का हालिया मामला सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने X (पूर्व में ट्विटर) और हॉटमेल के माध्यम से भेजे गए कई फर्जी संदेशों की जांच शुरू कर दी है। इन संदेशों का उद्देश्य भारतीय विमानों को परेशान करना था। पुलिस अधिकारियों ने इन इंटरनेट मीडिया हैंडल और ईमेल पतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए X और हॉटमेल से संपर्क किया है।

अपराधियों ने किया सुरक्षित VPN का उपयोग

इस मामले में जो खतरनाक गतिविधियाँ सामने आई हैं, वे ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रिया से जुड़ी हुई प्रतीत हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार, इन धमकियों के पीछे जो अपराधी हैं, वे अत्यधिक सुरक्षित वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPNs) का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके खातों का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अपराधियों को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारों, जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म, सुरक्षा एजेंसियों और VPN प्रदाताओं के सहयोग की आवश्यकता होगी।

असली IP पते की पहचान में कठिनाई

इस मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इंटरनेट मीडिया हैंडल से जुड़े IP पते की जांच की जा रही है। अपराधियों ने कई सुरक्षा परतों का उपयोग किया है। ये IP पते लगातार अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया के बीच बदलते रहते हैं। ये असली IP पते नहीं हैं। जब तक हम इंटरनेट मीडिया हैंडल के असली IP पतों की पहचान नहीं कर लेते, तब तक संदेश के मूल और जिम्मेदार लोगों की पहचान करना मुश्किल होगा।

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जांच में शामिल एजेंसियाँ

इस मामले की जांच में कई एजेंसियाँ शामिल हैं, जिनमें इंटेलिजेंस ब्यूरो और मल्टी-एजेंसी सेंटर (MAC) शामिल हैं। इन एजेंसियों की जांच यह भी देख रही है कि क्या ये धमकियाँ खालिस्तानी आतंकवादियों से संबंधित हैं।

सरकार का सख्त कदम

केंद्र सरकार बम की अफवाहों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए सक्रिय हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कानूनी प्रावधानों की घोषणा की है, जिसमें अपराधियों को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने का प्रावधान भी शामिल है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि ऐसे लोग जिनसे यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, वे हवाई यात्रा से वंचित रहें।

गृह सचिव की महत्वपूर्ण बैठक

इस बीच, गृह सचिव गोविंद मोहन ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के निदेशकों और इंटेलिजेंस ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में अफवाहों के पीछे की बड़ी साजिश पर चर्चा की गई और इंटेलिजेंस ब्यूरो को इस मामले में जानकारी प्राप्त करने की जिम्मेदारी दी गई।

गहरी साजिश की आशंका

पिछले एक हफ्ते में 100 से अधिक विमानों में बम की अफवाहों की घटनाएँ सामने आई हैं। अनुमान के अनुसार, बम की अफवाह के बाद एक विमान की खोज और उसकी पूरी सुरक्षा में विमानन कंपनी को लगभग 3 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। लगातार बढ़ रही बम की अफवाहों के पीछे एक गहरी साजिश का संदेह व्यक्त किया जा रहा है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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