Almora Bus Accident: दो चार्ज ARTO निलंबित, धुमाकोट दुर्घटना में भी निलंबित हुए थे अधिकारी

Almora Bus Accident: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में हुए एक गंभीर बस दुर्घटना के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर परिवहन सचिव ने दो ARTO अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब राज्य में परिवहन सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ रही है। इस हादसे में 33 लोगों की जान चली गई, और यह घटना स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ा सदमा बनकर उभरी है।

हादसे की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन
परिवहन सचिव ब्रजेश संत ने यह घोषणा की कि निलंबित अधिकारियों में चार्ज डिविजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (ARTO) (इन्फोर्समेंट) पौड़ी कुलवंत सिंह और ट्रांसपोर्ट टैक्स ऑफिसर एवं चार्ज ARTO रामनगर नेहा झा शामिल हैं। इन दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, क्योंकि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का सही ढंग से निर्वहन नहीं करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। दोनों अधिकारियों को डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के कार्यालय में अटैच किया गया है।
इस घटना के तुरंत बाद, परिवहन सचिव के निर्देश पर जॉइंट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संतन कुमार सिंह ने एक चार-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जिसका नेतृत्व डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर राजीव मेहरा करेंगे। इस टीम में लोक निर्माण विभाग के सहायक निदेशक संजय बिष्ट, परिवहन विभाग के सहायक निदेशक नरेश सांगल, और पुलिस से लीड एजेंसी के सहायक निदेशक अविनाश चौधरी शामिल हैं। इस जांच समिति में जयपी रिसर्च इंडिया के विशेषज्ञ प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
जांच टीम का दौरा और रिपोर्ट
जांच टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है, जहाँ वे दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करेंगे और अपने निष्कर्षों को परिवहन कमिश्नर को रिपोर्ट करेंगे। यह समिति घटनास्थल की गहन जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
पिछली घटनाएँ और अधिकारियों की जिम्मेदारी
यह ध्यान देने योग्य है कि रामनगर की इन-चार्ज ARTO नेहा झा को जुलाई 2018 में धुमाकोट बस दुर्घटना के मामले में भी निलंबित किया गया था, जिसमें 48 लोगों की मौत हुई थी और 12 लोग घायल हुए थे। हालाँकि, उनकी निलंबन की अवधि के बाद उनकी बहाली कर दी गई थी, क्योंकि उनके खिलाफ कार्य में लापरवाही के आरोप साबित नहीं हो पाए थे।
जनता की चिंता और सरकार की जिम्मेदारी
इस दुर्घटना ने एक बार फिर से सार्वजनिक परिवहन सुरक्षा की गंभीरता को उजागर किया है। अल्मोड़ा की यह घटना परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, जिससे लोगों में सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ गई है। स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने सरकार से मांग की है कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं और सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री का ध्यान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने निर्देश दिया है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएँ न हों। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय है कि हम परिवहन क्षेत्र में व्याप्त समस्याओं को गंभीरता से लें और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।
अल्मोड़ा में हुई बस दुर्घटना ने न केवल 33 निर्दोष जानों को खोने का दुख दिया है, बल्कि यह सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े किए हैं। परिवहन सचिव द्वारा अधिकारियों के निलंबन और जांच टीम के गठन के साथ, यह उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे। अब समय आ गया है कि सरकारी विभाग अपने दायित्वों को समझें और सुनिश्चित करें कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो।






