Uttarakhand News: धामी सरकार PM मोदी की नौ मांगों को प्रभावी ढंग से लागू करेगी, विकास की कुंजी बनेगा

Uttarakhand News: उत्तराखंड की धामी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 25वें राज्य स्थापना दिवस पर की गई नौ मांगों को प्रभावी ढंग से लागू करने की योजना बना रही है। ये नौ मांगें राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। राज्य सरकार के विभिन्न संबंधित विभागों, जिनमें पर्यटन, शिक्षा जैसे छह प्रमुख विभाग शामिल हैं, ने इन मांगों को लागू करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। राज्य के प्रमुख सचिव राधा रतूरी ने इस संदर्भ में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष सचिव और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का देवभूमि से गहरा संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड से गहरा जुड़ाव है, जिसे उन्होंने राज्य के 25वें स्थापना दिवस के अवसर पर फिर से व्यक्त किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने राज्यवासियों और बाहर से आने वाले पर्यटकों से नौ महत्वपूर्ण अपील की। इनमें से प्रमुख अपीलों में से एक स्थानीय बोलियों जैसे गढ़वाली, कुमाऊंनी और जौनसारी के संरक्षण की बात थी। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा और विद्यालय शिक्षा विभाग से इस संदर्भ में एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
पर्यावरण संरक्षण और ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक अपील की थी। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम को आगे बढ़ाया जाए, ताकि जलवायु परिवर्तन के इस चुनौतीपूर्ण समय में इस दिशा में जल्द काम किया जा सके। इस संदर्भ में वन और पर्यावरण विभाग से कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तराखंड की नदियों और पारंपरिक घरों के संरक्षण का भी आग्रह किया।
नदियों और पारंपरिक घरों के संरक्षण के लिए योजना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक नदियों को भी संरक्षित किया जाए। इस कार्य के लिए जलागम विभाग को कार्ययोजना तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने गांवों में पुराने पारंपरिक घरों को बचाने की अपील की, विशेष रूप से तिबारी वाले घरों को। इन पारंपरिक घरों को होमस्टे में बदला जा सकता है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का एक बड़ा जरिया बन सकता है। पर्यटन विभाग इस कार्य के लिए जिम्मेदार होगा।
प्रवासियों को उनके गांव से जोड़ने की अपील
प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के प्रवासियों से उनके गांवों से जुड़ने की अपील की। इसके तहत, सामान्य प्रशासन विभाग को इस पहल के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम राज्य के विकास में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि यह पलायन को कम करने और विकास की दिशा में सहायक साबित हो सकता है।
बाहरी पर्यटकों को जागरूक करने के लिए योजना
प्रधानमंत्री ने बाहर से आने वाले पर्यटकों से कुछ अहम अपीलें की थीं। सबसे पहले, उन्होंने पर्यटकों से स्वच्छता को प्राथमिकता देने और सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने का आग्रह किया। इसके बाद उन्होंने पर्यटकों से स्थानीय उत्पादों को खरीदने की अपील की, ताकि ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को लागू किया जा सके। प्रधानमंत्री ने पर्यटकों से यातायात नियमों का पालन करने की अपील भी की, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में जहां सड़कों की स्थिति अलग होती है। इसके साथ ही, उन्होंने धार्मिक स्थलों पर जाने से पहले वहां के रिवाज और नियमों को जानने की अपील की, ताकि वहां की मर्यादाओं का उल्लंघन न हो।
नौ मांगों का कार्यान्वयन, मुख्यमंत्री से नियमित अपडेट्स
राज्य के मुख्यमंत्री राधा रतूरी ने इस पूरे कार्यान्वयन प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों से नियमित अपडेट्स लेने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये नौ मांगें प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को दर्शाती हैं, जो न केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश के समग्र विकास में भी सहायक होंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन मांगों को लागू करने के लिए तेजी से कदम उठाए जाएं और इस संबंध में कार्रवाई की स्थिति का नियमित रूप से विवरण सरकार को प्रदान किया जाए।
मुख्य सचिव के निर्देशों का महत्व
मुख्य सचिव राधा रतूरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अपीलों का पालन करने से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास होगा, खासकर पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को शीघ्र और प्रभावी रूप से लागू करना राज्य की तरक्की के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह राज्यवासियों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी जिम्मेदारी और समर्पण के साथ अपने कार्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा।
नौ मांगें और उनका प्रभाव
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई नौ मांगें उत्तराखंड राज्य के लिए विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। इन मांगों को लागू करने से न केवल राज्य के विकास को गति मिलेगी, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति, पर्यावरण और ग्रामीण जीवन को भी संजीवनी प्रदान करेगी। राज्य सरकार ने इन मांगों को लागू करने के लिए अपनी पूरी तत्परता व्यक्त की है और जल्द ही इन पर काम शुरू कर दिया जाएगा।






