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Crime news: कोलकाता में महिला का कटा हुआ सिर कूड़े के ढेर से बरामद, हत्या की जांच शुरू

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Crime news: कोलकाता के टॉलीगंज इलाके से एक भयावह मामला सामने आया है, जहां शुक्रवार सुबह एक महिला का कटा हुआ सिर एक कूड़े के ढेर से बरामद किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, महिला का सिर बिना शरीर के कूड़े के ढेर में पड़ा हुआ था। पुलिस ने बताया कि यह कटा हुआ सिर एक महिला का है, हालांकि अभी तक शरीर के अन्य हिस्से बरामद नहीं हुए हैं।

पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने ग्रेहम रोड के पास, गोल्फ ग्रीन इलाके में एक प्लास्टिक बैग देखा था, जिसमें महिला के शरीर का हिस्सा था। इसके बाद, दक्षिण उपनगर थाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और स्थानीय पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी।

पुलिस ने बताया कि सिर को एमआर बांगुर अस्पताल भेजा गया है ताकि उसकी जांच की जा सके। वहीं, पुलिस के प्रयास जारी हैं ताकि बाकी शरीर के हिस्सों का पता लगाया जा सके।

घटनास्थल पर पहुंचे पार्षद

कोलकाता नगर निगम के वार्ड नंबर 95 के पार्षद तपन दासगुप्ता ने इस मामले को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि जब उन्हें स्थानीय लोगों से प्लास्टिक बैग में शरीर के अंगों के बारे में सूचना मिली, तो उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और इसके बाद गोल्फ ग्रीन पुलिस स्टेशन को इसकी सूचना दी।

Crime news: कोलकाता में महिला का कटा हुआ सिर कूड़े के ढेर से बरामद, हत्या की जांच शुरू

पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है, और यह सवाल भी उठने लगा है कि इस हत्या का कारण क्या हो सकता है। क्या यह कोई संगठित अपराध है या घरेलू हिंसा का परिणाम है? इन सवालों के जवाब अभी मिलना बाकी हैं।

पति पर गंभीर आरोप

इस बीच, दक्षिण 24 परगना जिले से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि उसके पति ने उसे बांगलादेशी नागरिकों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। महिला का कहना है कि शादी के बाद से ही उसके पति ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।

महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति, जो एक दर्जी के रूप में काम करता है, उसका यौन शोषण करता था और उसकी आपत्तिजनक वीडियो बनाकर बांगलादेश में कुछ लोगों को भेजता था। वह खुद बांगलादेश जाता था और वहां से पैसे लाता था। इसके अलावा, वह बांगलादेशी नागरिकों को अपने घर बुलाकर उसे उनके साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था।

महिला ने बताया कि उसने इस मामले को लेकर पुलिस से भी शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने मामले की जांच में लापरवाही बरती और आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं जुटाए। इसके अलावा, पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन को जब्त किया था और उसमें से संबंधित तथ्यों को भी हटा दिया।

पुलिस की लापरवाही पर सवाल

महिला के आरोपों के मुताबिक, पुलिस की लापरवाही और कार्रवाई की धीमी गति ने स्थिति को और गंभीर बना दिया। महिला का कहना है कि वह कई बार पुलिस के पास गई, लेकिन किसी ने उसकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और कई महत्वपूर्ण तथ्यों को दबा दिया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस ने जानबूझकर आरोपी को बचाने की कोशिश की या फिर यह सिर्फ उनकी लापरवाही का परिणाम था?

हत्या और शोषण के मामले में बढ़ती चिंता

यह दोनों मामले कोलकाता और इसके आसपास के क्षेत्रों में महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। जहां एक ओर महिला का सिर कूड़े के ढेर से बरामद हो रहा है, वहीं दूसरी ओर महिला के शोषण के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है।

इन दोनों मामलों में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठते हैं, और यह चिंता का विषय है कि क्या पुलिस इन मामलों में प्रभावी कार्रवाई कर पाएगी या नहीं। महिला सुरक्षा और अपराधों की जांच में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने वाली यह घटनाएं समाज के लिए एक चेतावनी हैं कि हमें और अधिक प्रभावी और संवेदनशील कानून व्यवस्था की आवश्यकता है।

कोलकाता में महिला के कटी हुई सिर की बरामदी और एक अन्य महिला द्वारा अपने पति पर गंभीर आरोप लगाने के मामलों ने न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साबित किया है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्याएं मौजूद हैं। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, ताकि अपराधियों को सजा मिल सके और समाज में महिलाओं के प्रति सुरक्षा और सम्मान का माहौल बने।

इन घटनाओं से यह भी सीखने की आवश्यकता है कि महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, यौन शोषण और अपराधों के मामलों में समाज को और अधिक जागरूक और सतर्क होने की जरूरत है। इसके साथ ही, पुलिस और प्रशासन को भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इन मामलों को शीघ्र निपटाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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