Dehradun Arogya Expo: दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो में उमड़ी भीड़, देहरादून में आयुर्वेदिक उत्पादों की जबरदस्त खरीदारी

Dehradun Arogya Expo: देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) और आरोग्य एक्सपो में लोगों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां पर विभिन्न राज्यों और प्रमुख ब्रांडेड कंपनियों द्वारा आकर्षक 3D डिस्प्ले के साथ 200 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टॉल्स पर त्वचा, पेट और सिरदर्द जैसी बीमारियों के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां उपलब्ध हैं। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने वाले तेल और लोशन की सबसे अधिक मांग है।
200 से अधिक स्टॉल्स ने खींचा ध्यान
तीन दिवसीय इस एक्सपो में 200 से अधिक आयुर्वेदिक कंपनियों ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स को LED लाइट्स और रंगीन रोशनी से सजाया गया है ताकि लोगों को आकर्षित किया जा सके। कंपनियां यहां अपने उत्पादों के प्रचार के साथ-साथ उनके उपयोग और लाभों की जानकारी भी दे रही हैं।
गोशाला फार्मेसी, मथुरा से आए प्रशांत ने बताया कि जोड़ों के दर्द के लिए शूलहर तेल की सबसे ज्यादा मांग है। हर घंटे आने वाले लगभग 50 लोगों में से 25 लोग जोड़ों के दर्द से संबंधित दवाइयां खरीद रहे हैं।
नसों और जोड़ों के दर्द के लिए ऑर्थो ऑयल की बढ़ती मांग
सहारनपुर से आए श्रीकुल हर्बल कंपनी के प्रबंध निदेशक आदित्य सैनी ने कहा कि नसों और जोड़ों के दर्द के लिए ऑर्थो ऑयल की मांग सबसे अधिक है। इसके अलावा, लोग बीपी और शुगर की दवाओं के बारे में भी पूछताछ कर रहे हैं। वहीं, मुंबई स्थित श्री धूतपापेश्वर कंपनी के उत्पाद प्रबंधक अभिजीत महादी ने बताया कि सर्दियों के मौसम में जोड़ों के दर्द की शिकायत सबसे ज्यादा रहती है, इसलिए तेल और जैल की मांग भी बढ़ जाती है।
सभी आयु वर्ग के लिए उपलब्ध उत्पाद
कोयंबटूर स्थित आर्य वैद्य फार्मेसी के सौरभ शर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी के पास जोड़ों के दर्द के लिए 17 से अधिक उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें कैप्सूल और तेल प्रमुख हैं। अहमदाबाद की कंपनी पंचगव्य के राघव जोशी ने कहा कि सर्दियों में न केवल बुजुर्ग, बल्कि युवा भी जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इस मौसम के लिए विशेष रूप से दवाइयां उपलब्ध कराई गई हैं।
दबाव बढ़ा रही है तकनीक: क्यूआर कोड से पूरी जानकारी
डाबर कंपनी के स्टॉल पर विभिन्न औषधीय पौधों को प्रदर्शित किया गया है और उनके सामने क्यूआर कोड स्कैनर लगाया गया है। किसी भी पौधे और उससे बनने वाली दवाइयों की जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे स्कैन किया जा सकता है।
डाबर के वरिष्ठ विपणन प्रबंधक डॉ. दुर्गा प्रसाद ने बताया कि यह विशेष रूप से आयुर्वेद के छात्रों के लिए लगाया गया है, ताकि वे इन औषधियों के बारे में नई जानकारी प्राप्त कर सकें और उनका ज्ञान बढ़ सके। क्यूआर कोड से यह भी जानकारी मिलती है कि भस्म कैसे बनती है और कौन-सी औषधि किस बीमारी के लिए उपयोगी है।
मनोरंजन और खेल से जोड़ता ‘रनिंग गेम’
मुंबई की श्री धूतपापेश्वर कंपनी द्वारा एक मनोरंजक रनिंग गेम का आयोजन किया गया है। इस खेल में प्रतिभागी को कुछ सेकंड तक एक ही स्थान पर दौड़ना होता है और उसके अंक स्क्रीन पर जुड़ते रहते हैं। एक मिनट में अधिक अंक अर्जित करने पर आगे के स्तर खेलने का अवसर मिलता है। इस खेल ने आम जनता के साथ-साथ बच्चों का भी ध्यान आकर्षित किया है और लोग इसे बड़े उत्साह के साथ खेल रहे हैं।
सर्दियों में दर्द निवारक उत्पादों की बढ़ी मांग
सर्दियों में जोड़ों और नसों के दर्द की समस्या आम है, और इस एक्सपो में इस समस्या से राहत देने वाले उत्पादों की सबसे ज्यादा मांग हो रही है। आयुर्वेदिक तेल, जैल और कैप्सूल लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। लोग प्राकृतिक उपचारों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे आयुर्वेदिक उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है।
आयुर्वेद के प्रति बढ़ती जागरूकता
एक्सपो में आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान देखकर यह स्पष्ट है कि प्राकृतिक और जड़ी-बूटियों से बनी दवाओं का महत्व बढ़ रहा है। कंपनियां भी लोगों को आयुर्वेदिक उपचारों के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष प्रयास कर रही हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
इस एक्सपो में प्रदर्शित उत्पाद न केवल स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। रासायनिक दवाओं की तुलना में आयुर्वेदिक दवाएं पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं। यह आयुर्वेद की सबसे बड़ी विशेषता है, जो लोगों को इसके प्रति आकर्षित कर रही है।
दसवें विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो ने देहरादून में आयुर्वेद और स्वास्थ्य के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान को उजागर किया है। सर्दियों में दर्द निवारक उत्पादों की मांग से लेकर नई तकनीकों के उपयोग तक, यह एक्सपो आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार के लिए एक बेहतरीन मंच साबित हो रहा है। यह न केवल आम जनता को आयुर्वेद के लाभों से जोड़ रहा है, बल्कि छात्रों और विशेषज्ञों को भी नई जानकारियों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान कर रहा है






