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Uttarakhand: उत्तराखंड सचिवालय में नई स्थानांतरण नीति लागू, एक अनुभाग में केवल 5 साल की तैनाती की अनुमति, दोबारा नहीं मिलेगी अनुभाग जिम्मेदारी

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देहरादून। उत्तराखंड शासन ने सचिवालय कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से “वार्षिक स्थानांतरण नीति-2025” को लागू कर दिया है। यह नई नीति पूर्ववर्ती स्थानांतरण नीति-2007 को निरस्त करते हुए लागू की गई है, जो तत्काल प्रभाव से प्रभावी होगी।

नई नीति के तहत अब सचिवालय सेवा में कार्यरत किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को अपने पूरे सेवाकाल में एक ही अनुभाग में केवल एक बार तैनात किया जा सकेगा और वह तैनाती भी अधिकतम 5 वर्ष की होगी। इससे सचिवालय में संस्थागत स्मृति बनाए रखने के साथ ही कर्मचारियों को विभिन्न अनुभागों में कार्य अनुभव का लाभ देने की मंशा जाहिर की गई है। स्थानांतरण नीति-2025 सचिवालय सेवा संवर्ग के संयुक्त सचिव से अनुभाग अधिकारी स्तर तक के अधिकारियों के साथ-साथ समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी और कंप्यूटर सहायक के लिए लागू होगी। यह नीति निजी सचिव, लेखा संवर्ग, सुरक्षा कर्मियों और परिचारकों पर लागू नहीं होगी।

तैनाती की अधिकतम अवधि इस प्रकार होगी

श्रेणी ‘क’ (संयुक्त सचिव से नीचे तक): एक विभाग में अधिकतम 3 वर्ष
श्रेणी ‘ख’ (अनुभाग अधिकारी): किसी अनुभाग में अधिकतम 5 वर्ष
श्रेणी ‘ग’ (समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी): 5 वर्ष
कंप्यूटर सहायक: 7 वर्ष
स्थानांतरण समिति का गठन

सचिवालय के विभिन्न श्रेणियों के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन होगा, जिसमें सचिवालय प्रशासन विभाग के सचिव और एक नामित अधिकारी शामिल होंगे। एक अनुभाग में 5 वर्ष पूरे होने के बाद कोई अधिकारी दोबारा उसी अनुभाग में नहीं आ सकेगा।यदि किसी अनुभाग में एक से अधिक कर्मियों की तैनाती अवधि पूरी हो रही है, तो सबसे वरिष्ठ अवधि वाले का पहले स्थानांतरण होगा। संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले अधिकारियों को संवेदनशील अनुभागों में तैनात नहीं किया जाएगा। स्थानांतरण आदेश निर्गत होने के 3 दिन के भीतर अधिकारी को नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा।

आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्थानांतरण रुकवाने या करवाने के लिए सिफारिश करने पर कड़ी कार्रवाई होगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी वार्षिक स्थानांतरण 31 जुलाई तक पूरे कर लिए जाएं ताकि कामकाज पर कोई असर न पड़े। यह नई नीति उत्तराखंड सचिवालय के कार्यसंस्कृति को सुधारने और ई-ऑफिस प्रणाली के अनुरूप अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासनिक वातावरण तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। सचिवालय प्रशासन विभाग ने साफ कहा है कि इस नीति का सभी स्तरों पर सख्ती से पालन कराया जाएगा।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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