राष्ट्रीय

IAS Pooja Khedkar: पूर्व IAS पूजा खेड़कर की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट में फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र का खुलासा

Spread the love

IAS Pooja Khedkar: महाराष्ट्र की पूर्व IAS प्रशिक्षु पूजा खेड़कर की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर की गई स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, पूजा खेड़कर का विकलांगता प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। इस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया है कि पूजा खेड़कर ने सिविल सर्विसेज परीक्षा 2022 और 2023 के दौरान फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे। इसके साथ ही, पूजा खेड़कर ने प्रमाणपत्र में नाम भी बदल दिया था। इस फर्जी प्रमाणपत्र के महाराष्ट्र से जारी होने के दावे को भी गलत पाया गया है। बता दें कि पूजा खेड़कर द्वारा प्रस्तुत विकलांगता प्रमाणपत्र को मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किया गया बताया गया था।

IAS Pooja Khedkar: पूर्व IAS प्रशिक्षु पूजा खेड़कर की मुश्किलें बढ़ी, कोर्ट में फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र का खुलासा

परीक्षा में कम अंक होने के बावजूद पास हुईं

पूजा खेड़कर ने विकलांगता प्रमाणपत्र का उपयोग UPSC परीक्षा में विशेष छूट प्राप्त करने के लिए किया था। इसके अलावा, कम अंकों के बावजूद पूजा खेड़कर UPSC परीक्षा पास करने में सफल रही थीं, और इसका श्रेय विकलांगता प्रमाणपत्र को दिया गया था। पूजा खेड़कर को UPSC परीक्षा में 841वीं रैंक मिली थी। इस स्थिति में, दिल्ली पुलिस ने अदालत में स्थिति रिपोर्ट दायर करते हुए स्वीकार किया है कि पूजा खेड़कर का विकलांगता प्रमाणपत्र फर्जी है, जिसे महाराष्ट्र में जारी नहीं किया गया था।

मेडिकल विभाग ने खारिज किया दावा

दिल्ली पुलिस की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, UPSC परीक्षा 2022 और 2024 के दौरान, पूजा खेड़कर ने दो विकलांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जो कथित तौर पर मेडिकल अथॉरिटी, अहमदनगर, महाराष्ट्र द्वारा जारी किए गए थे। दिल्ली पुलिस ने इस रिपोर्ट में इस संभावना को भी व्यक्त किया है कि यह दावा भी फर्जी हो सकता है, क्योंकि जब मेडिकल अथॉरिटी से इस बारे में जानकारी मांगी गई, तो मेडिकल विभाग ने किसी भी ऐसे विकलांगता प्रमाणपत्र को जारी करने से इनकार किया। विभाग का कहना है कि पूजा खेड़कर द्वारा प्रस्तुत किया गया विकलांगता प्रमाणपत्र उनके द्वारा जारी नहीं किया गया है।

कानूनी कार्रवाई और जांच की स्थिति

इस मामले में अब कानूनी कार्रवाई और जांच की दिशा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। पूजा खेड़कर की कठिनाईयों में वृद्धि होने के बाद, यह मामला कानूनी जगत में एक महत्वपूर्ण मोड़ ले सकता है। फर्जी प्रमाणपत्र के मामले में शामिल होने के कारण, पूजा खेड़कर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। यह मामला न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि समग्र प्रशासनिक और कानूनी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हो गया है।

सिविल सेवाओं की चयन प्रक्रिया पर प्रभाव

पूजा खेड़कर के इस फर्जी प्रमाणपत्र के मामले ने सिविल सेवाओं की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। इस घटना ने सरकारी नियुक्तियों की पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया की सच्चाई को लेकर चिंताओं को जन्म दिया है। सरकारी चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए इस तरह के मामलों की गंभीरता से जांच की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके।

आगे की राह और सुधार की दिशा

इस मामले से सीख लेते हुए, प्रशासन और संबंधित विभागों को चयन प्रक्रियाओं में सुधार के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है। फर्जी प्रमाणपत्र और दस्तावेजों की पहचान के लिए और अधिक सख्त जांच प्रक्रियाएं लागू की जानी चाहिए। इसके साथ ही, ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

पूजा खेड़कर के मामले ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उनकी मुश्किलों को उजागर किया है, बल्कि चयन और नियुक्ति प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। इस मामले में आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि दोषी व्यक्ति को कितनी सजा दी जाती है और भविष्य में इस तरह के मामलों को रोकने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे।

Manoj kumar

Editor-in-chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!