Tirupati Balaji Temple में क्यों दान किए जाते हैं बाल? बालों का क्या होता है
Tirupati Balaji Temple, जिसे श्री वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, आंध्र प्रदेश में स्थित भारत के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हर साल लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और भगवान वेंकटेश्वर को अपनी श्रद्धा के रूप में अर्पण चढ़ाते हैं। अर्पण के रूप में बाल दान करना यहां की एक प्रमुख परंपरा है। तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान की परंपरा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस परंपरा के पीछे की मान्यताओं और दान किए गए बालों का क्या होता है, इस पर बहुत कम लोग जानते हैं।
तिरुपति बालाजी में बाल दान की परंपरा
तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। यहां आने वाले भक्त अपने सिर के बालों को दान करते हैं, जो उनके समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जब कोई भक्त भगवान वेंकटेश्वर के चरणों में अपने बाल अर्पित करता है, तो वह अपनी व्यक्तिगत अहंकार और माया का त्याग करता है।
इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि बाल दान करने से भक्त के जीवन से सारी नकारात्मकता, बुराइयाँ और कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं। भगवान वेंकटेश्वर की कृपा से भक्त का जीवन समृद्धि और खुशहाली से भर जाता है। इसके अलावा, बालों को दान करने से भक्त को माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है, जिससे वह धन-धान्य से संपन्न हो जाता है।
बाल दान के पीछे की मान्यताएँ
तिरुपति बालाजी में बाल दान करने की मान्यता कई पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। एक कथा के अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर को एक बार अपने सिर का कुछ हिस्सा खोना पड़ा था, तब एक गंधर्व कन्या ने उन्हें अपने बालों का एक गुच्छा दान किया था। इससे प्रेरित होकर भक्तगण भी अपने बाल दान करते हैं, ताकि भगवान की कृपा प्राप्त कर सकें।
इसके अलावा, बालों का दान यह भी दर्शाता है कि भक्त अपने शरीर के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से को भी भगवान के प्रति समर्पित कर रहे हैं। बाल, जो कि सौंदर्य का प्रतीक होते हैं, उन्हें भगवान के चरणों में अर्पित करना भक्त के समर्पण और त्याग को दर्शाता है।
बालों का क्या होता है?
प्रत्येक वर्ष तिरुपति बालाजी मंदिर में लाखों भक्त बालों का दान करते हैं। इन बालों का धार्मिक महत्व तो है ही, साथ ही यह मंदिर ट्रस्ट के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत भी है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) हर साल इन दान किए गए बालों की नीलामी करता है।
दान किए गए बालों को लंबाई और गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है। बालों की लंबाई जितनी अधिक होती है, उनकी कीमत उतनी ही ज्यादा होती है।
बालों की नीलामी से होने वाली आय
हर साल तिरुपति बालाजी मंदिर में दान किए गए बालों से करोड़ों की कमाई होती है। बालों को विभिन्न श्रेणियों में बांटकर नीलाम किया जाता है। वर्ष 2018 में लगभग 1,87,000 किलोग्राम बालों की बिक्री हुई थी, जिससे मंदिर ट्रस्ट को 1.35 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी।
नीलामी से पहले बालों की लंबाई और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए उनकी श्रेणी बनाई जाती है। उच्च गुणवत्ता वाले बालों की कीमत अधिक होती है। उदाहरण के तौर पर, 2018 में सबसे उच्च गुणवत्ता वाले बाल 22,494 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिके थे, जबकि निम्न गुणवत्ता वाले बालों की कीमत 24 रुपये प्रति किलो तक होती थी।
बालों की श्रेणियाँ और मूल्य
बालों को पांच मुख्य श्रेणियों में बांटा जाता है:
- पहली श्रेणी के बाल: यह उच्चतम गुणवत्ता के होते हैं और इनकी लंबाई सबसे ज्यादा होती है। इन्हें अधिकतम मूल्य पर बेचा जाता है।
- दूसरी श्रेणी के बाल: यह बाल थोड़े छोटे होते हैं और इनकी गुणवत्ता भी पहली श्रेणी से कम होती है।
- तीसरी श्रेणी के बाल: इनकी लंबाई और गुणवत्ता औसत होती है।
- चौथी श्रेणी के बाल: यह बाल छोटी लंबाई के होते हैं और इनकी गुणवत्ता भी कम होती है।
- पाँचवीं श्रेणी के बाल: यह सबसे निम्न गुणवत्ता के होते हैं और इनकी कीमत भी सबसे कम होती है।
साथ ही सफेद बालों की भी अलग नीलामी होती है, जो 5462 रुपये प्रति किलो की दर से बिकते हैं।
बालों की सफाई और प्रक्रिया
दान किए गए बालों को सीधे नीलामी के लिए नहीं भेजा जाता। पहले इन बालों की सफाई की जाती है और उन्हें सही तरीके से संसाधित किया जाता है। इस प्रक्रिया में बालों को सबसे पहले उबाला जाता है, ताकि उनमें किसी भी प्रकार की गंदगी और कीटाणु न रह सकें। फिर बालों को धोकर सुखाया जाता है। जब बाल पूरी तरह सूख जाते हैं, तो उन्हें बड़े गोदामों में सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद इन बालों को उनकी लंबाई और गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है और फिर नीलामी के लिए तैयार किया जाता है।
नीलामी की प्रक्रिया
बालों की नीलामी एक विशेष प्रक्रिया के तहत की जाती है। इस नीलामी में विभिन्न कंपनियाँ और एजेंट भाग लेते हैं, जो बालों को खरीदकर उनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए करते हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में बालों का उपयोग खासतौर पर विग बनाने के लिए किया जाता है, जबकि विदेशी बाजारों में भी इन बालों की भारी मांग होती है।
विग बनाने के अलावा, तिरुपति बालाजी के बालों का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा अनुसंधान में भी किया जाता है। विशेषकर यूरोप, अमेरिका और चीन में इन बालों की भारी मांग होती है।