Uttarakhand News: सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए देहरादून से कर्णप्रयाग के बीच गति सीमा निर्धारित, 200 बोर्ड लगाए जाएंगे
Uttarakhand News: सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने देहरादून से कर्णप्रयाग के बीच की सड़कों पर वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर दी है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है, ताकि इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाई जा सके। इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (IRTE), फरीदाबाद द्वारा सड़क का सर्वेक्षण किया गया और अपनी रिपोर्ट राज्य परिवहन मुख्यालय को सौंपी गई है।
दुर्घटनाओं पर रोक के लिए उठाया गया अहम कदम
देहरादून से कर्णप्रयाग के बीच वाहनों की गति सीमा को तय करना राज्य परिवहन विभाग का एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस सर्वेक्षण के दौरान IRTE के विशेषज्ञों ने सड़क की चौड़ाई, ढलान, यातायात का दबाव, सुरक्षा उपाय और पूर्व में हुई दुर्घटनाओं का अध्ययन किया। इसके आधार पर, सड़क के विभिन्न हिस्सों पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 25 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है।
विशेषकर देहरादून से ऋषिकेश के बीच की सड़कों पर अधिकतम गति सीमा 50 किमी प्रति घंटा रखी गई है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर यह सीमा 25 किमी प्रति घंटा भी निर्धारित की गई है। यह कदम विशेष रूप से पहाड़ी इलाकों में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जहां सड़कें घुमावदार और संकरी होती हैं।
सड़क को 22 हिस्सों में विभाजित किया गया
IRTE द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, देहरादून से कर्णप्रयाग के बीच की पूरी सड़क को 22 भागों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक भाग में यातायात के दबाव, सड़क की स्थिति और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए वाहनों की गति सीमा निर्धारित की गई है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण के आधार पर ही राज्य की अन्य सड़कों पर भी गति सीमा निर्धारित की जाएगी। यह प्रयास न केवल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होगा, बल्कि राज्य में सड़क यातायात को भी सुरक्षित बनाएगा।
हर आधे किलोमीटर पर लगाए जाएंगे साइन बोर्ड
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गई है कि सड़क पर हर दाहिने या बाएं मोड़ से पहले संकेत बोर्ड लगाए जाएं। ऐसे लगभग 200 साइन बोर्ड हर आधे किलोमीटर की दूरी पर लगाए जाएंगे, ताकि दिन हो या रात, चालक आसानी से सड़कों की स्थिति के बारे में जान सकें और सुरक्षित तरीके से वाहन चला सकें। पहाड़ी क्षेत्रों में घुमावदार सड़कों पर यह संकेतक बोर्ड वाहन चालकों के लिए विशेष रूप से सहायक सिद्ध होंगे।
यह कदम खासतौर से उन चालकों के लिए सहायक होगा जो इस मार्ग पर पहली बार यात्रा कर रहे होंगे। उन्हें इन संकेतक बोर्डों के माध्यम से पता चलेगा कि उन्हें किस गति से वाहन चलाना चाहिए, जिससे वे दुर्घटनाओं से बच सकें।
राज्य की अन्य सड़कों पर भी लागू होगी यह व्यवस्था
IRTE द्वारा राज्य के परिवहन अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है। इस प्रशिक्षण में सड़क पर गति सीमा निर्धारित करने के सभी मानकों को समझाया गया है। अब राज्य परिवहन विभाग के अधिकारी इन मानकों के अनुसार अन्य सड़कों पर भी वाहनों की गति सीमा तय करेंगे। मुख्यालय स्तर पर गति सीमा को बदलने का नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इसके साथ ही, कुछ सड़कों पर भविष्य के घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए भी गति सीमा निर्धारित की जाएगी।
इस कदम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आए और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। इस दिशा में परिवहन विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है, ताकि राज्य की सड़कों पर यातायात नियमों का पालन किया जा सके और अनावश्यक दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
पर्यावरण और यातायात सुरक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण कदम
यह कदम केवल सड़क सुरक्षा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य के पर्यावरण को भी सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। धीमी गति से गाड़ी चलाने से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि ईंधन की खपत भी कम होगी, जिससे प्रदूषण पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़कों पर गति सीमा तय करना एक आवश्यक कदम है, जो न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि राज्य की सड़कों को अधिक सुरक्षित और सुगम भी बनाएगा। गति सीमा के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान भी इस योजना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी यात्री और वाहन चालक सड़क नियमों का पालन करें।
राज्य की सड़कों पर भविष्य में भी किए जाएंगे सुधार
राज्य सरकार की यह पहल उत्तराखंड की सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करने और यातायात को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस दिशा में भविष्य में भी सुधार किए जाएंगे और राज्य की सड़कों पर यातायात नियमों का पालन सख्ती से कराया जाएगा। इसके साथ ही, यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए अन्य सुधार भी किए जाएंगे।
इस नई व्यवस्था से न केवल सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी, बल्कि राज्य की सड़कों को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाने में भी मदद मिलेगी। यह योजना उत्तराखंड की सड़कों पर यातायात सुरक्षा और यात्री सुविधाओं में सुधार के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगी।