Rampur: पीएम मोदी की तारीफ करने वाले तीन युवाओं का अपहरण, सड़कों पर फेंकने से बना तनाव का माहौल

Rampur: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें तीन हिंदू युवकों का अपहरण किया गया। ये युवक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की तारीफ करते हुए एक रील बनाने के दौरान एक विवाद में फंस गए। इस मामले में मुस्लिम युवकों ने उन्हें जबरन एक कार में बैठाया, उनकी पिटाई की, और इस्लामी नारे लगाने के लिए मजबूर किया। घटना के बाद उन्हें सड़क पर फेंक दिया गया, जिससे क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
युवाओं का रील बनाने का शौक
घटना में शामिल तीन युवक, चंचल दीवाकर, प्रद्युम्न दीवाकर, और सोनू दीवाकर, गॉंव गोसिपुरा-पट्टी कलान के निवासी हैं। ये युवा सोशल मीडिया पर रील बनाने के शौकीन हैं। हाल ही में, इन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं की तारीफ करते हुए एक रील बनाई और इसके साथ ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए। इस रील को उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा किया, जिससे कुछ मुस्लिम युवकों में आक्रोश पैदा हो गया।
गॉंव में विरोध प्रदर्शन
गॉंव के मुस्लिम युवकों ने पहले तो घटना के खिलाफ गांव में विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि इस तरह की रील बनाना और नारे लगाना उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाता है। इसके बाद, घटना ने एक गंभीर मोड़ लिया जब मंगलवार सुबह करीब 11 बजे, कई मुस्लिम युवकों ने एक कार में आकर इन तीनों युवकों को जबरन कार में डाल लिया और ले गए।
अपहरण और पिटाई का मामला
अपहरण के बाद, युवकों के साथ बर्बरता की गई। बताया गया है कि उन्हें कार में पीटा गया और कई बार थप्पड़ मारे गए। इसके बाद, उन्हें इस्लामी नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया। फिर, उन्हें सड़क के किनारे दो किलोमीटर दूर फेंक दिया गया। युवकों ने घटना के बाद अपने रिश्तेदारों को जानकारी दी और फिर शाम को पुलिस थाने जाकर अपनी आपबीती सुनाई।
पुलिस कार्रवाई
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में जानकारी मिली है और जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस क्षेत्र में स्थिति की निगरानी कर रही है, ताकि किसी प्रकार की और हिंसा की घटना न हो।
समाज में बढ़ते तनाव
इस घटना ने न केवल युवकों को डराने का काम किया, बल्कि समाज में भी तनाव का माहौल बना दिया है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के कंटेंट को लेकर समाज में कितनी संवेदनशीलता हो सकती है। कुछ लोग अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं, लेकिन कभी-कभी यह उनके लिए मुसीबत का कारण बन जाता है।
सांप्रदायिक एकता की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर से यह दिखा दिया है कि हमारे समाज में सांप्रदायिक एकता बनाए रखने की कितनी आवश्यकता है। हमें अपने विचारों और मतों को व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन इसे इस तरह से नहीं करना चाहिए कि इससे किसी की भावनाएं आहत हों। सभी को एक साथ मिलकर रहना चाहिए और एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव रखना चाहिए।
कानूनी उपाय
सरकार और पुलिस विभाग को चाहिए कि वे इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। इसके साथ ही, लोगों को भी जागरूक करना होगा कि वे अपने विचारों को साझा करने के लिए किसी भी तरह की हिंसा या दबाव का सहारा न लें।
सामाजिक जागरूकता
इस मामले के पीछे की घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हमें सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। युवाओं को यह समझना होगा कि उनके कार्यों के परिणाम क्या हो सकते हैं। समाज में बदलाव लाने के लिए उन्हें सकारात्मक तरीके से काम करना होगा और संवाद का मार्ग अपनाना होगा।