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Uttarakhand: नशे में धुत पिता ने 14 साल के बेटे की लोहे की रॉड से हत्या की, चाची ने देखा शव को गड्ढे में दफनाते हुए

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Uttarakhand में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें नशे में धुत एक पिता ने अपने 14 साल के बेटे की लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी। पिता ने शव को घर में ही दफनाने की कोशिश की, लेकिन पड़ोस में रहने वाली बच्चे की चाची ने उसे गड्ढा खोदते हुए देख लिया और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

घटना का विवरण

यह दर्दनाक घटना गुरुवार शाम को घटित हुई, जब आरोपी पिता प्रेमशंकर शराब के नशे में घर लौटा। घर पहुंचने पर उसकी 14 साल के बेटे विवेक से किसी बात को लेकर बहस हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से और नशे में धुत प्रेमशंकर ने लोहे की रॉड से अपने बेटे के सिर पर कई बार वार कर दिया, जिससे विवेक की मौके पर ही मौत हो गई।

Uttarakhand: नशे में धुत पिता ने 14 साल के बेटे की लोहे की रॉड से हत्या की, चाची ने देखा शव को गड्ढे में दफनाते हुए

शव को दफनाने की कोशिश

हत्या के बाद प्रेमशंकर ने बच्चे के शव को घर के आंगन में दफनाने की योजना बनाई। उसने शव को दफनाने के लिए फावड़े से गड्ढा खोदना शुरू कर दिया। करीब रात आठ बजे विवेक की चाची आशा देवी, जो पड़ोस में रहती थीं, को गड्ढा खोदने की आवाज़ सुनाई दी। आशा देवी जब वहां पहुंची तो उन्होंने प्रेमशंकर से पूछा कि वह क्या कर रहा है। इस पर गुस्से और नशे में चूर प्रेमशंकर ने चिल्लाकर कहा, “मैंने अपने बेटे को मार डाला है, तुम्हें इससे क्या?”

यह सुनकर आशा देवी रोते हुए पास के पुलिस स्टेशन पहुंचीं और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस को सूचना मिलते ही कोतवाल नरेश चौहान, एसएसआई विनोद फर्त्याल और चौकी प्रभारी संदीप शर्मा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और आरोपी प्रेमशंकर को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की कार्रवाई

मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया और हत्या में इस्तेमाल हुई लोहे की रॉड को भी बरामद कर लिया। आरोपी प्रेमशंकर से पूछताछ की जा रही है और मामले की जांच की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

घटना की सूचना मिलने पर सीओ अन्ना राम आर्य भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की बारीकी से जांच शुरू की।

विवेक की मौत से इलाके में शोक की लहर

विवेक की इस दुखद मौत से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विवेक एक होनहार और शांत स्वभाव का लड़का था, जो हमेशा अपने काम में लगा रहता था। पिता-पुत्र के बीच कुछ मामूली विवाद होते थे, लेकिन इस तरह की घटना की किसी ने भी कल्पना नहीं की थी।

शराब के नशे में हिंसा

यह घटना एक बार फिर से समाज में शराब के बढ़ते दुरुपयोग और उसके खतरनाक परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित करती है। शराब के नशे में किए गए अपराधों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और यह घटना इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि नशा किस हद तक इंसान को पागल बना सकता है। शराब के नशे में व्यक्ति अपने गुस्से और भावनाओं पर काबू नहीं रख पाता और नतीजा ऐसी दर्दनाक घटनाओं के रूप में सामने आता है।

घरेलू हिंसा और पारिवारिक कलह

यह घटना घरेलू हिंसा का भी एक दुखद उदाहरण है। पारिवारिक कलह और तनाव का असर अक्सर बच्चों और अन्य परिवार के सदस्यों पर पड़ता है, जो मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद घातक हो सकता है। विवेक की मौत से यह साफ हो जाता है कि घरेलू हिंसा और परिवार में बढ़ते तनाव का असर केवल वयस्कों तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि बच्चों की जान तक ले सकता है।

समाज और प्रशासन की भूमिका

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाज और प्रशासन दोनों की अहम भूमिका होती है। समाज को ऐसे मामलों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि शराब और नशे की लत से जूझ रहे लोगों की समय रहते मदद की जा सके। परिवार के सदस्य और पड़ोसी भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा की संभावना को रोका जा सके।

प्रशासन को भी शराब की बिक्री और नशे के कारण हो रहे अपराधों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, समाज में नशामुक्ति और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि इस तरह की दर्दनाक घटनाओं को टाला जा सके।

नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता

इस घटना के बाद यह सवाल उठता है कि क्या हमारे समाज में शराब और अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं? प्रशासन और समाज को मिलकर शराब की उपलब्धता को नियंत्रित करने और नशामुक्ति के लिए व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है। नशे की लत में पड़े लोगों को सही समय पर काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सहायता उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है, ताकि वे अपने जीवन को सुधार सकें और ऐसी घटनाओं से बच सकें।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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