Bareilly News: दिलशाद का मोबाइल खोलेगा राज़, सोशल मीडिया पर फंसाकर हिंदू लड़कियों को ब्लैकमेल करने का आरोप

Bareilly News: बरेली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दिलशाद नाम के युवक पर आरोप है कि उसने सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनका शोषण किया और बाद में उन्हें ब्लैकमेल किया। दिलशाद का भाई नौशाद भी इस गंदे खेल में शामिल था, जिसने हिंदू नाम बताकर लड़कियों को अपनी बातों में फंसाया। पुलिस जांच में दिलशाद का नाम भी उजागर हुआ है, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया है।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
दिलशाद और उसके साथियों ने हिंदू लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। दिलशाद ने लड़कियों को अपने हिंदू नाम से आकर्षित किया और फिर उनसे अश्लील वीडियो कॉल की, जिसे उसने स्क्रीन रिकॉर्ड करके रखा। बाद में, इन वीडियो के जरिए उसने लड़कियों को ब्लैकमेल करना शुरू किया। यह एक गंभीर अपराध है, जो न केवल लड़कियों की गरिमा को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि समाज में एक नकारात्मक संदेश भी देता है।
पुलिस जांच का प्रारंभ
पुलिस ने जब नौशाद के खिलाफ शिकायत की जांच शुरू की, तब दिलशाद का नाम भी सामने आया। अधिकारियों ने यह तय किया कि केवल आरोपियों को जेल भेजने के अलावा, उनके मोबाइल फोन को फोरेंसिक जांच के लिए भी भेजा जाएगा। प्रारंभिक जांच में दिलशाद के फोन से कई अश्लील वीडियो भी बरामद होने की सूचना है, जो इस मामले की गंभीरता को और बढ़ाते हैं।
लड़कियों के साथ छेड़छाड़
इस मामले में दो युवक, नौशाद और अमन, 19 सितंबर को कर्मचारी नगर चौकी के पास दो हिंदू लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हुए पकड़े गए थे। जब लोगों ने इन दोनों से उनके नाम पूछे, तो नौशाद ने अपना नाम राहुल बताया और अमन ने सतिश। जब स्थानीय लोगों ने दोनों के नामों पर संदेह जताया, तो उन्होंने आधार कार्ड दिखाने से इनकार कर दिया। अंततः, जब आरोपियों का मोबाइल खोला गया, तो उसमें नौशाद के नाम से एक इंस्टाग्राम आईडी मिली। लोगों ने संदेह के आधार पर दोनों युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया।
आधार कार्डों की गड़बड़ी
पुलिस ने जब नौशाद की जेब की तलाशी ली, तो उसमें पांच आधार कार्ड मिले। पहला आधार कार्ड सोनू के नाम पर, दूसरा नौशाद के नाम पर, तीसरा अंश के नाम पर, चौथा अमन के नाम पर और पांचवां राहुल के नाम पर था। इसी प्रकार, अमन की जेब से तीन आधार कार्ड मिले, जिनके नाम थे विक्की, विनीट और अमन। इन आधार कार्डों के अलावा, दोनों के मोबाइल में कई इंस्टाग्राम आईडी, अश्लील चैट और वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग भी पाई गईं।
दिलशाद की भूमिका
जब पुलिस ने एफआईआर लिखकर जांच शुरू की, तब दिलशाद का नाम भी सामने आया। उसकी जांच के दौरान उसके पास भी एक फर्जी आधार कार्ड और कई इंस्टाग्राम आईडी मिलीं। इसके अलावा, उसके पास लड़कियों के साथ हुई अश्लील चैट और वीडियो कॉल रिकॉर्डिंग भी पाई गईं। पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे लड़कियों को ब्लैकमेल करते थे। इस स्थिति में, अब पुलिस दिलशाद के फोन की भी फोरेंसिक जांच करने जा रही है, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि उसके फोन में क्या-क्या जानकारी है और यह खेल कितना बड़ा है।
मामले की गंभीरता
यह मामला केवल एक युवक की गलत गतिविधियों का नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों का एक बड़ा उदाहरण है। ऐसे मामलों में अक्सर समाज के युवा वर्ग को टारगेट किया जाता है, जो कि बेहद चिंताजनक है। जब लड़कियाँ सोशल मीडिया पर अपने आपको सुरक्षित महसूस करती हैं, तब ऐसे घटनाएँ उनकी सुरक्षा को खतरे में डालती हैं।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस प्रकार की घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि हमें समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति सम्मान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। सरकार और पुलिस को चाहिए कि वे ऐसे मामलों की गंभीरता को समझें और तुरंत कार्रवाई करें। इसके साथ ही, अभिभावकों को भी चाहिए कि वे अपने बच्चों को सोशल मीडिया के सही इस्तेमाल के बारे में जागरूक करें और उन्हें सिखाएं कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति पर विश्वास न करें।