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Uttarakhand: विदेशी पर्वतारोही दल चौखंभा पर्वत पर फंसा, हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी

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Uttarakhand: उत्तराखंड के चौखंभा -3 पर्वत (6,995 मीटर) पर एक विदेशी पर्वतारोही दल फंस गया है। इस दल में अमेरिका और ब्रिटेन के दो पर्वतारोही शामिल हैं। शुक्रवार को इस घटना की जानकारी भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) को राजन शर्मा और मासिफ गुड विलेज टूर ऑपरेटर के माध्यम से मिली।

IMF के अनुसार, अमेरिकी पर्वतारोही मिशेल थेरेसा और ब्रिटिश पर्वतारोही फे जेन मानर्स वर्तमान में चौखंभा 3 शिखर के 6,015 मीटर की ऊंचाई पर फंसे हुए हैं। पर्वतारोहियों ने बेस कैंप से संपर्क करके हेलीकॉप्टर के माध्यम से रेस्क्यू की मदद मांगी है। पर्वतारोहियों ने बताया है कि उनके पास भोजन और पानी खत्म हो चुका है, हालांकि अभी वे सुरक्षित हैं।

Uttarakhand: विदेशी पर्वतारोही दल चौखंभा पर्वत पर फंसा, हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन की तैयारी

यह अभियान 11 सितंबर से 18 अक्टूबर 2024 तक चलने वाला था, जिसमें पर्वतारोहियों को चौखंभा -3 की चोटी पर चढ़ाई करनी थी। अभियान के दौरान मौसम की परिस्थितियां बदलने के कारण वे बीच में ही फंस गए। चौखंभा क्षेत्र में वर्तमान मौसम सामान्य बताया जा रहा है, जो हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा करने में मददगार हो सकता है।

पर्वतारोहियों की स्थिति

राहत और बचाव कार्यों की जानकारी देते हुए टीम के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि पर्वतारोहियों की वर्तमान स्थिति गंभीर हो रही है, क्योंकि उनके पास भोजन और पानी की भारी कमी हो गई है। पर्वतारोही दल ने बताया कि वे अपनी शारीरिक स्थिति को बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अत्यधिक ठंड और खराब परिस्थितियों के कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

पर्वतारोहण क्षेत्र में बेस कैंप से संचार साधनों के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों पर्वतारोही सुरक्षित स्थान पर बने हुए हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और जीवन को खतरा हो सकता है यदि समय पर रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं किया जाता।

हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन

भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने जिला प्रशासन को लिखे एक पत्र में स्पष्ट किया है कि रेस्क्यू ऑपरेशन का पूरा खर्च IMF वहन करेगा। यह भी बताया गया है कि वर्तमान में मौसम सामान्य बना हुआ है, जिससे हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन को पूरा करना संभव होगा। रेस्क्यू के लिए टीम ने बद्रीनाथ धाम से हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की है और इस रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द से जल्द अंजाम देने की योजना बनाई जा रही है।

चौखंभा पर्वत की ऊंचाई और वहां की कठिन परिस्थितियों को देखते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन में कुछ कठिनाइयां आ सकती हैं, लेकिन मौसम की सामान्य स्थिति इस मिशन के सफल होने की संभावना को बढ़ा रही है।

पर्वतारोहण के जोखिम

पर्वतारोहण में जोखिम हमेशा बना रहता है, खासकर जब विदेशी पर्वतारोही भारतीय हिमालय की ऊंची चोटियों पर चढ़ाई करते हैं। चौखंभा पर्वत उत्तराखंड के सबसे कठिन पर्वतों में से एक है, और यहां की चढ़ाई मौसम के बदलाव और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।

इस घटना ने फिर से पर्वतारोहण की कठिनाइयों और खतरों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जहां भोजन, पानी और सुरक्षा उपकरणों की कमी पर्वतारोहियों के जीवन के लिए संकट बन सकती है। पर्वतारोहियों की कुशलता और उपकरणों की गुणवत्ता के बावजूद, ऐसे आपातकालीन स्थितियों में हेलीकॉप्टर रेस्क्यू ही एकमात्र विकल्प रह जाता है।

IMF की भूमिका

भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (IMF) पर्वतारोहियों के लिए मदद का महत्वपूर्ण स्रोत है, और इस घटना में भी IMF ने तुरंत कार्रवाई की है। पर्वतारोहण अभियानों के दौरान IMF का मुख्य उद्देश्य पर्वतारोहियों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाना होता है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए IMF द्वारा किए जा रहे प्रयासों से यह साबित होता है कि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि पर्वतारोही सुरक्षित नीचे आ सकें।

IMF ने पर्वतारोहियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक साधनों की व्यवस्था करने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर काम किया है और रेस्क्यू ऑपरेशन की योजना बनाई है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि पर्वत की ऊंचाई और कठिनाई के कारण किसी भी अन्य साधन से बचाव संभव नहीं हो सकता।

उत्तराखंड में पर्वतारोहण के प्रति जागरूकता

उत्तराखंड में पर्वतारोहण और पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो रही है। यहां की सुंदरता और चुनौतीपूर्ण पर्वत श्रंखलाएं देश-विदेश के पर्वतारोहियों को आकर्षित करती हैं। हालांकि, इस प्रकार की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पर्वतारोहण में जोखिम हर समय बना रहता है और इसके लिए उचित योजना और तैयारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन भी पर्वतारोहण अभियानों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। इन अभियानों के दौरान सुरक्षित और समय पर रेस्क्यू की सुविधाएं प्रदान करना सरकार और संबंधित एजेंसियों की प्राथमिकता होनी चाहिए।

भविष्य की योजनाएं

पर्वतारोहण अभियानों में हो रही घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार और IMF की ओर से पर्वतारोहण नियमों और सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की योजना बनाई जा सकती है। पर्वतारोहियों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण और खाद्य सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में वे सुरक्षित रह सकें।

इसके अलावा, पर्वतारोहण अभियानों के दौरान रेस्क्यू टीमों की संख्या और क्षमता को बढ़ाने के लिए भी विचार किया जा रहा है। भविष्य में ऐसे अभियानों में तकनीकी सहायता और बेहतर संचार साधनों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे पर्वतारोहियों को समय पर सहायता मिल सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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