Nainital में गांधीजी की प्रतिमा अब सिखाएगी ट्रैफिक नियम, 75 साल बाद शहर में चरखा चलाते नज़र आएंगे महात्मा गांधी
Nainital: नैनीताल शहर में अब महात्मा गांधी की प्रतिमा सिर्फ सत्य और अहिंसा का संदेश नहीं देगी, बल्कि पर्यटकों को ट्रैफिक नियमों का पालन भी सिखाएगी। झीलों के इस शहर में, गांधीजी की यह नई प्रतिमा मुख्य चौराहे पर स्थापित की जाएगी, जो आने-जाने वाले वाहनों को प्रेरित करेगी।
इससे पहले स्थापित गांधीजी की पुरानी प्रतिमा को गांधी ग्राम टकुला में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि दांत के मुख्य चौराहे पर गांधीजी की एक नई प्रतिमा लगाई जाएगी। इस नई प्रतिमा में महात्मा गांधी को चरखा चलाते हुए दिखाया जाएगा, जिससे करीब 75 साल बाद गांधीजी को एक बार फिर नैनीताल में चरखा कातते हुए देखा जाएगा।
ऐतिहासिक स्थल पर महात्मा गांधी का योगदान
सन् 1929 में, इसी स्थल पर महात्मा गांधी ने हरिजन कल्याण के लिए धन एकत्र किया था। उस समय महिलाओं ने अपने मंगलसूत्र तक उतारकर गांधीजी को दिए थे, जो उनके प्रति उनके सम्मान और समर्पण को दर्शाता है। यह स्थान अब एक ऐतिहासिक महत्व का स्थल बन गया है, जहां से गांधीजी के सन्देशों की गूंज आज भी सुनाई देती है।
ताल्लीताल दांत और हाई कोर्ट तिराहे के चौड़ीकरण का कार्य
पर्यटक सीजन में नैनीताल में ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए लोक निर्माण विभाग (PWD) ने ताल्लीताल दांत और हाई कोर्ट तिराहे सहित अन्य चौराहों के चौड़ीकरण का कार्य शुरू किया है। हाई कोर्ट तिराहे का काम पूरा हो चुका है और ताल्लीताल दांत का चौड़ीकरण कार्य भी तेजी से चल रहा है। हालांकि, गांधीजी की वर्तमान प्रतिमा चौड़ीकरण के कार्य में बाधा बन रही है, इसलिए इसे स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।
महात्मा गांधी की प्रतिमा वर्तमान में मॉल रोड पर स्थित है, जो ताल्लीताल दांत के मुख्य चौराहे के पास है। यहां से गुजरने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए यह प्रतिमा प्रेरणा का स्रोत रही है। हालांकि, चौड़ीकरण के बाद भी यहां ट्रैफिक की समस्या बनी हुई है, जिसे हल करने के लिए प्रतिमा को दूसरी जगह स्थानांतरित किया जा रहा है।
नए ट्रैफिक प्रबंधन के तहत बदलाव
पर्यटक सीजन के दौरान, ताल्लीताल दांत के मुख्य चौराहे पर तेज़ हवाओं के कारण टिन की छत गिर गई थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने नए ट्रैफिक प्रबंधन के तहत वाहनों को भवाली और हल्द्वानी के बजाय मल्लीताल की ओर भेजना शुरू किया। यह व्यवस्था अब भी लागू है, और ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार के लिए गांधीजी की प्रतिमा को स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया गया है।
नई प्रतिमा में गांधीजी चरखा चलाते दिखेंगे
वर्ष 1970 के दशक में झील के किनारे स्थापित गांधीजी की प्रतिमा को अब हटाकर गांधी ग्राम टकुला में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि नई प्रतिमा को ताल्लीताल दांत के मुख्य चौराहे पर स्थापित किया जाएगा। यह नई प्रतिमा महात्मा गांधी को चरखा चलाते हुए दिखाएगी, जो सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
PWD के इंजीनियर विवेक धर्मशक्तु ने बताया कि नई प्रतिमा की स्थापना का कार्य शुरू हो चुका है। गांधीजी की यह नई प्रतिमा शहर के मुख्य चौराहे पर ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता फैलाएगी और पर्यटकों को सही दिशा में जाने के लिए प्रेरित करेगी।
विरोध प्रदर्शन की नई जगह
ताल्लीताल में गांधी चौक के पास अक्सर सामाजिक और राजनीतिक संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाते थे। अब, जब गांधीजी की प्रतिमा यहां से हटाई जा रही है, तो इन संगठनों को विरोध प्रदर्शन के लिए झील किनारे का स्थान चुनना होगा। वहीं, गांधीजी की नई प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए भी लोगों को मुख्य चौराहे पर जाना पड़ेगा।
ब्रिटिशकालीन डाकघर का भी होगा स्थानांतरण
ताल्लीताल दांत चौड़ीकरण परियोजना के तहत, यहां स्थित ब्रिटिशकालीन डाकघर को भी स्थानांतरित किया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने केंद्रीय संचार मंत्री को पत्र लिखा है। डाक विभाग द्वारा रिपोर्ट तैयार कर भेजी जा चुकी है और जिला प्रशासन ने पुराने बस अड्डे की नई इमारत में डाकघर को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया है। इस मामले में भारत सरकार के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
गांधीजी की प्रतिमा म्यूज़ियम में होगी स्थापित
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रत्नेश कुमार सक्सेना ने बताया कि ताल्लीताल में स्थापित गांधीजी की पुरानी प्रतिमा को टकुला गांधी म्यूज़ियम में स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही, नई प्रतिमा को ताल्लीताल के दांत पर स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना के लिए वाणिज्य मंडल और विधायक की सहमति प्राप्त हो चुकी है और जिला मजिस्ट्रेट को भी सूचित किया जा चुका है। नई प्रतिमा के लिए चंडीगढ़ और जयपुर में बातचीत चल रही है और जल्द ही आदेश को अंतिम रूप दिया जाएगा।