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Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूसीसी पोर्टल से जुड़ेंगी सभी प्रमुख सेवाएं, दस्तावेज़ों का सत्यापन होगा तुरंत

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Uniform Civil Code: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का लाभ उठाने के लिए न तो आपको सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत होगी और न ही कोई फॉर्म भरने की। यूसीसी की नियमावली और कार्यान्वयन को अंतिम रूप देने वाली विशेष समिति के अनुसार, यूसीसी पोर्टल को आधार, पैन कार्ड, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) सहित अन्य प्रमुख सेवाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि यूसीसी से संबंधित किसी भी आवेदन के दस्तावेज़ों को अन्य विभागों के माध्यम से सत्यापित किया जा सके।

यूसीसी पोर्टल से जुड़े विभागों के कारण आधार, पैन, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, संपत्ति आदि जैसे दस्तावेज़ों का सत्यापन तुरंत किया जाएगा। जैसे ही संबंधित दस्तावेज़ का नंबर पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, उसी क्षण सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इन कामों के लिए अलग-अलग कार्यालयों में संपर्क करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

Uniform Civil Code: उत्तराखंड में यूसीसी पोर्टल से जुड़ेंगी सभी प्रमुख सेवाएं, दस्तावेज़ों का सत्यापन होगा तुरंत

सुरक्षित प्रणाली पर आधारित होगा नया कानून

यूसीसी पोर्टल का 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इसकी सेवाएं राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के सुरक्षित डेटा सेंटर के माध्यम से प्रदान की जाएंगी। हाल ही में राज्य के डेटा सेंटर पर हुए साइबर हमले को ध्यान में रखते हुए, यूसीसी को एनआईसी के विश्वसनीय प्लेटफार्म से जारी किया जाएगा। इससे यूसीसी से संबंधित सभी जानकारी और दस्तावेज़ सुरक्षित रहेंगे और साइबर हमलों से बचाया जा सकेगा।

कानून लागू होते ही शुरू होगी प्रक्रिया

यूसीसी से जुड़े नियमों और कार्यान्वयन समिति ने फरवरी के अंतिम सप्ताह से अब तक लगभग 140 बैठकें की हैं। इन बैठकों के दौरान नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है। अगले चार दिनों में इन नियमों को छपवाकर मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा। इसके बाद सरकार इन्हें विधायिका में भेजेगी। विधायिका इन नियमों के तकनीकी पहलुओं की जांच के बाद अपनी मुहर लगाएगी और फिर इसे मंत्रिमंडल के माध्यम से लागू किया जाएगा।

यूसीसी लागू होने के बाद क्या होगा?

समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सबसे पहले विवाह, तलाक और लिव-इन संबंधों को पंजीकृत करने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यह जागरूकता अभियान मई 2025 तक चलेगा, ताकि सभी लोग यूसीसी से संबंधित प्रक्रियाओं को समझ सकें और उसका पालन कर सकें। इसके साथ ही पोर्टल के माध्यम से मुफ्त में वसीयत बनाने की सुविधा दी जाएगी, ताकि उत्तराधिकार कानून को सभी धर्मों में समान रूप से लागू किया जा सके और संपत्ति विवादों का निपटारा किया जा सके।

यूसीसी के लाभ

यूसीसी का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि सभी नागरिकों के लिए समान नियम होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र से संबंध रखते हों। विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति विवादों के मामले में एक समान कानून लागू होगा। इससे न केवल न्याय प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि समाज में फैली असमानता और भेदभाव को भी कम किया जा सकेगा।

इसके अलावा, यूसीसी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन दस्तावेज़ सत्यापन की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। इससे आम नागरिकों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा और उनके समय की भी बचत होगी। यूसीसी का उद्देश्य समाज में एक समान कानूनी ढांचा प्रदान करना है, ताकि सभी नागरिकों को समान अधिकार और सुविधाएं मिल सकें।

संपत्ति विवाद और उत्तराधिकार मामलों का समाधान

यूसीसी के लागू होने के बाद संपत्ति विवाद और उत्तराधिकार के मामलों में भी एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। अब सभी धर्मों में समान उत्तराधिकार कानून लागू होगा, जिससे संपत्ति विवादों का समाधान आसानी से हो सकेगा। पोर्टल के माध्यम से वसीयत बनाने की सुविधा से नागरिक अपने उत्तराधिकार संबंधी मामले को पहले से ही निपटा सकेंगे, जिससे बाद में किसी प्रकार का विवाद न हो।

यूसीसी के तहत विवाह और तलाक की प्रक्रिया

यूसीसी लागू होने के बाद विवाह और तलाक की प्रक्रिया भी एक समान होगी। अब तक भारत में विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग विवाह और तलाक के कानून लागू थे, लेकिन यूसीसी के बाद यह नियम सभी पर समान रूप से लागू होगा। इससे न केवल विवाह और तलाक की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि सभी नागरिकों को एक समान अधिकार भी मिलेंगे।

यूसीसी से क्या बदलेगा?

यूसीसी लागू होने के बाद समाज में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव यह होगा कि सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू होगा, जिससे धार्मिक और जातिगत भेदभाव को कम किया जा सकेगा। इसके साथ ही नागरिकों के अधिकार और कर्तव्यों में भी समानता आएगी, जिससे समाज में एकता और समानता की भावना बढ़ेगी।

इसके अलावा, यूसीसी के लागू होने से सरकार के कामकाज में भी सुधार होगा। अब विभिन्न धर्मों के लिए अलग-अलग कानून लागू करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे सरकार की कानूनी प्रक्रिया सरल और तेज होगी।

सरकार का दृष्टिकोण

उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूसीसी राज्य के विकास और नागरिकों की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का उद्देश्य समाज में न्याय और समानता को बढ़ावा देना है, और यूसीसी इसके लिए एक प्रभावी माध्यम साबित होगा।

समाज की प्रतिक्रिया

यूसीसी को लेकर समाज में मिलीजुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जो समाज में समानता और न्याय स्थापित करेगा। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इससे धार्मिक स्वतंत्रता पर आंच आ सकती है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यूसीसी का उद्देश्य किसी की धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करना नहीं है, बल्कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करना है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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