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Bangladesh: सुरक्षा के साए में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा महोत्सव की धूम

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Bangladesh: बांग्लादेश में दुर्गा पूजा महोत्सव बुधवार से कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हो गया। इस अवसर पर, अंतरिम सरकार ने सप्तमी के अवसर पर एक आधिकारिक छुट्टी की घोषणा की। पांच दिवसीय दुर्गा पूजा महोत्सव रविवार को देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ समाप्त होगा। इस दौरान, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस रविवार को ढाकेश्वरी मंदिर, जो प्रमुख शक्ति पीठों में से एक है, का दौरा करने की उम्मीद है।

कम पंडाल क्यों?

बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के नेता काजोल देबनाथ ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हम आज (सप्तमी) दुर्गा पूजा महोत्सव का जश्न मना रहे हैं। अब तक कहीं भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।” देबनाथ ने बताया कि इस साल दुर्गा पूजा के लिए 31,462 पंडाल बनाए गए हैं, जबकि 2023 में यह संख्या 32,408 थी। उन्होंने इस कमी के लिए मानसून के कारण आई बाढ़ और अन्य संबंधित मुद्दों को जिम्मेदार ठहराया।

Bangladesh: सुरक्षा के साए में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा महोत्सव की धूम

हिंदू समुदाय को लक्षित किया गया

5 अगस्त को शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद हुई हिंसा के दौरान, अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को लक्षित किया गया था। उनके व्यवसाय, संपत्तियों और धार्मिक स्थलों को क्षति पहुंचाई गई और आग के हवाले कर दिया गया। हजारों हिंदुओं ने ढाका और चटगांव में सुरक्षा की मांग करते हुए प्रदर्शन किए।

चेतावनी दी गई

दुर्गा पूजा महोत्सव की शुरुआत से कुछ सप्ताह पहले, अंतरिम सरकार के धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन ने त्योहार के दौरान सामुदायिक सद्भाव को बाधित करने या धार्मिक स्थलों को लक्षित करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। बांग्लादेश की कुल जनसंख्या लगभग 17 करोड़ है, जिसमें हिंदू लगभग आठ प्रतिशत हैं।

सुरक्षा व्यवस्था

दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। कई स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की भी व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। सरकार ने सभी पंडालों के आसपास सुरक्षा चौकियों की स्थापना की है और किसी भी असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है।

धार्मिक सहिष्णुता का महत्व

बांग्लादेश में विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच सहिष्णुता और समझ महत्वपूर्ण है। दुर्गा पूजा जैसे त्योहार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी हैं। इन त्योहारों के दौरान, विभिन्न समुदायों के लोग एक साथ आते हैं और एक-दूसरे की परंपराओं का सम्मान करते हैं।

सांस्कृतिक गतिविधियां

दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। लोग भव्य पंडालों में आते हैं, देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। इस बार, कम पंडालों के बावजूद, लोग उत्साह से इस पर्व को मना रहे हैं और अपने परंपराओं को जीवित रख रहे हैं।

अंतिम विचार

दुर्गा पूजा महोत्सव बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को भी दर्शाता है। इस साल पंडालों की संख्या में कमी आई है, लेकिन उत्सव का माहौल अभी भी जीवंत है। सभी समुदायों को मिलकर इस त्यौहार को मनाने की जरूरत है ताकि सांस्कृतिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा सके।

इस प्रकार, दुर्गा पूजा महोत्सव बांग्लादेश में एक महत्वपूर्ण घटना है, जो न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि सभी धार्मिक समुदायों के लिए एकता और भाईचारे का संदेश देती है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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