Roorkee: क्षत्रिय समाज बैठक में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर साहिल तंवर ने कहा कि क्षत्रिय समाज न्याय पूर्ण विवेक के लिए अपने सगे खून का भी बलिदान करने से नहीं हटता पीछे

रुड़की l समता मूलक, सद्भाव एवं आपसी भाईचारे के समाज की स्थापना करना ही क्षत्रिय मूल महासंघ का मूल उद्देश्य है। उक्त विचार क्षत्रिय मूल निवासी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर साहिल तंवर ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, सुरजन सिंह नगर, ढंडेरा के सभागार में आयोजित क्षत्रिय समाज के लोगों की बैठक में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज द्वारा अपनी रियासतें दान में दे देना और देश की एकता व अखंडता के लिए प्राण तक न्यौछावर कर देने के बावजूद समाज में क्षत्रिय समाज की छवि को एक खलनायक के रूप में पेश किया जा रहा है जो सर्वथा अनुचित है। आज शोषित दलित एवं पिछड़े वर्ग के लोग क्षत्रिय समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने को उत्सुक है लेकिन राजनीतिक एवं कुछ स्वार्थी लोग ऐसा नहीं होने देना चाहते चूंकि उन्हें पता है कि क्षत्रिय समाज न्याय पूर्ण विवेक के लिए अपने सगे खून का भी बलिदान करने से पीछे नहीं हटता।
अनिल पुंडीर एडवोकेट ने कहा:
महासंघ के राष्ट्रीय विधि सलाहकार एवं उत्तराखंड प्रभारी अनिल पुंडीर एडवोकेट ने कहा कि संगठन देश के 17 राज्यों में संगठनात्मक ढांचा तैयार करने में जुटा हुआ है। तमाम पदाधिकारी संगठन के उद्देश्य को लेकर प्रत्येक राज्य के जिला स्तर पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर समाज के लोगों को अपने कर्तव्य एवं अपने संस्कृति के प्रति जागरुक कर एकजुट करने का कार्य कर रहे हैं।
संजीव कुशवाहा ने कहा:
उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष कुंवर संजीव कुशवाहा ने बैठक में उपस्थित क्षत्रिय समाज के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि अपने समाज की उन्नति एवं विकास के लिए एकजुट होकर अपनी संस्कृति एवं संस्कारों के अनुरूप कार्य करें। बैठक की अध्यक्षता नरेश पुंडीर एडवोकेट ने तथा संचालन अनिल पुंडीर ने किया।
बैठक में मौजूद:
बैठक में दया राम भाटी:, दीपक पुंडीर, उमेश पुंडीर, रघुवीर सिंह चौहान, संजय सिंह चौहान, मारकंडेय सिंह, मनु प्रताप सिंह, अनिल राणा, मुकेश सिंह, रामपाल सिंह, शिवम लोधी, विक्रम सिंह पुंडीर, हरीश राणा आदित्य राणा, आशीष चौधरी, संजय सिंह राणा, महेश ठाकुर, मोतीलाल पुंडीर, अमित सिंह राणा, शिवराज सिंह चौहान उर्फ बॉबी,आफताब चौहान, सत्यवीर सिंह चौहान, शनेश्वर सिंह आदि क्षत्रिय समाज के अनेक छत्रप मौजूद रहे।