Lebanon में युद्ध की भयानक स्थिति, लाखों लोगो ने किया पलायन, 4 लाख से अधिक बच्चे प्रभावित
Lebanon: लेबनान में युद्ध की स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इजराइल लगातार हिज्बुल्ला के ठिकानों को निशाना बना रहा है, जिसके परिणामस्वरूप चार लाख से अधिक बच्चे विस्थापित हो चुके हैं। यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेन एजेंसी (UNICEF) के एक शीर्ष अधिकारी ने इस संकट की गंभीरता को उजागर करते हुए चेतावनी दी है कि बच्चों के विस्थापन के कारण ‘एक विशेष पीढ़ी के खोने’ का खतरा बढ़ गया है। इजराइल का हिज्बुल्ला के खिलाफ यह सैन्य ऑपरेशन गाजा में हमास के खिलाफ चल रहे सैन्य अभियानों के साथ जारी है।
युद्ध का प्रभाव
लेबनान में युद्ध के कारण पिछले तीन हफ्तों में 12 लाख से अधिक लोग अपने घरों से भाग चुके हैं। इनमें से अधिकांश लोग बेरुत और उत्तर के अन्य क्षेत्रों की ओर पलायन कर गए हैं। UNICEF के उप कार्यकारी निदेशक टेड चाइबन ने विस्थापित परिवारों के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों का दौरा किया। चाइबन ने कहा, “मैं जानकर हैरान हुआ कि यह युद्ध तीन हफ्ते से चल रहा है और इसने बच्चों को बहुत प्रभावित किया है।”
शिक्षा का नुकसान
विस्थापित बच्चों की शिक्षा पर भी गंभीर संकट मंडरा रहा है। टेड चाइबन के अनुसार, लगभग 1.2 मिलियन बच्चे शिक्षा से वंचित हैं। उनके सार्वजनिक स्कूल या तो क्षतिग्रस्त हो गए हैं या उन्हें शरण स्थलों के रूप में उपयोग किया जा रहा है। हालांकि, कुछ लेबनानी निजी स्कूल अभी भी चल रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक स्कूल प्रणाली युद्ध के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है, खासकर सबसे कमजोर लोगों जैसे कि फिलिस्तीनी और सीरियाई शरणार्थियों के लिए।
शिक्षा का नुकसान: गहरी चिंता
युद्ध के कारण, बच्चों को न केवल उनकी शिक्षा से वंचित किया गया है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। स्कूलों में शरण लेने वाले बच्चे कई प्रकार के तनाव और चिंता का सामना कर रहे हैं, जो उनके समग्र विकास को बाधित कर रहा है। यह अत्यंत चिंताजनक है कि शिक्षा का यह नुकसान केवल वर्तमान में ही नहीं, बल्कि भविष्य में भी लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है।
बच्चों की मृत्यु दर
युद्ध के कारण बच्चों की मृत्यु दर भी चिंताजनक है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायली हमलों में अब तक 2,300 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 75 प्रतिशत पिछले महीने के दौरान मारे गए। चाइबन ने कहा कि पिछले तीन हफ्तों में 100 से अधिक बच्चों की जान गई और 800 से अधिक घायल हुए हैं। यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहद चिंता का विषय है।
सामाजिक स्थिति
युद्ध ने लेबनान की सामाजिक स्थिति को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विस्थापित परिवार सुरक्षित स्थलों की तलाश में कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। घरों से भागने वाले लोग न केवल भौतिक सुरक्षा की तलाश में हैं, बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक स्थिरता भी चाहिए। स्कूलों में शरण लेने वाले बच्चों की मानसिक स्थिति भी खराब हो गई है। वे हिंसा और विस्थापन के कारण एक स्थायी जीवन जीने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
मानवीय स्थिति
इस भयानक स्थिति में, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आगे आकर लेबनान के लोगों की मदद करने की आवश्यकता है। युद्ध ने केवल भौतिक क्षति नहीं पहुंचाई है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य को भी खतरे में डाल रहा है। UNICEF के अधिकारियों ने अपील की है कि सभी देशों को मिलकर इस संकट का समाधान निकालना चाहिए ताकि बच्चों की शिक्षा और उनके भविष्य को सुरक्षित किया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता
इस भयानक स्थिति में, यह आवश्यक है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवीय संगठन मिलकर लेबनान के लोगों के लिए सहायता प्रदान करें। बच्चों की शिक्षा को बचाने और उन्हें एक सुरक्षित भविष्य देने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। युद्ध का प्रभाव केवल तत्काल होता है, बल्कि इसके दीर्घकालिक परिणाम भी होते हैं।