अपराध

Maharashtra: वसई में पत्नी की हत्या, संदेह के कारण युवक ने शव फ्रिज में छिपाया

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Maharashtra के वसई  क्षेत्र में एक युवक ने अपनी पत्नी की हत्या कर उसके शव को फ्रिज में छिपा दिया और डॉक्टर से मौत का प्रमाणपत्र पाने की कोशिश की। यह चौंकाने वाला मामला इस्लाम अब्दुल कयूम चौधरी (24) से संबंधित है, जिसने अपनी पत्नी खुरशिदा खातून चौधरी (24) की हत्या के बाद उसके शव को ठंडा रखने के लिए फ्रिज में रख दिया।

हत्या का कारण: संदेह

कयूम ने पुलिस को बताया कि उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह था। एक दिन जब वह जल्दी काम से लौटकर घर का दरवाजा खटखटाने लगा, तो उसकी पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला। इससे उसके संदेह में और वृद्धि हुई। जब कयूम ने दरवाजा खोला, तो उसने अपनी पत्नी को किसी अन्य व्यक्ति के साथ देखा। इसके बाद उनके बीच झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर कयूम ने अपनी पत्नी का दुपट्टा से गला घोंटकर हत्या कर दी।

Maharashtra: वसई में पत्नी की हत्या, संदेह के कारण युवक ने शव फ्रिज में छिपाया

मौत का प्रमाणपत्र: एक भयानक योजना

हत्या के बाद, कयूम ने सोचा कि उसे अपनी पत्नी के शव को दफनाने के लिए एक मौत का प्रमाणपत्र चाहिए। उसने स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन सभी ने उसे प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया। कयूम ने अपने भाई से भी संपर्क किया, जो नवजीवन में रहता था, और उसे पूरी घटना के बारे में बताया। इसके बाद, कयूम और उसके भाई ने खुरशिदा के शव को फ्रिज में रख दिया और अन्य क्षेत्रों में डॉक्टरों की तलाश शुरू की।

पड़ोसियों की चतुराई

इस बीच, पड़ोसियों को इस घटना के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने पल्हर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घर की जांच की और खुरशिदा का शव बरामद किया। पुलिस ने कयूम को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने कहा कि आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या के बाद शव को ठंडा रखने का प्रयास किया ताकि वह सड़ न जाए। जांच के दौरान, पुलिस ने कयूम की सारी गतिविधियों को ध्यान में रखा और मामले की गंभीरता को समझा। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और पूरी घटना की श्रृंखला को समझने की कोशिश कर रही है।

समाज में बढ़ती असुरक्षा

यह मामला केवल हत्या का नहीं है, बल्कि यह समाज में व्याप्त संदेह, संकोच और संबंधों में दरार को भी उजागर करता है। जब संदेह के चलते एक व्यक्ति इतना क्रूर हो सकता है, तो यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों को लेकर जागरूकता कितनी आवश्यक है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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