Baghdad: इराक में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 9 आतंकवादी ढेर
Baghdad: इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सूदानी ने पुष्टि की है कि आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का एक कमांडर और उसके आठ अन्य आतंकवादी एक सैन्य ऑपरेशन में मारे गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका और इराक की सुरक्षा बलों ने सोमवार रात भर एक संयुक्त ऑपरेशन चलाया, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक भी घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री का बयान
प्रधानमंत्री अल-सूदानी ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान जासिम अल-मज़रुई, जिसे अबू अब्दुल कादिर के नाम से भी जाना जाता है, को मारा गया। यह ऑपरेशन इराक के सलाहुद्दीन प्रांत के हमरीन पर्वतीय क्षेत्र में हुआ। उन्होंने अपने बयान में कहा, “इराक में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। हम उन्हें उनके छिपने के स्थानों पर खोजेंगे और समाप्त कर देंगे।”
अमेरिकी सैनिकों की स्थिति
पेंटागन, जो अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय है, के प्रेस सचिव और अमेरिकी वायु सेना के मेजर जनरल पैट राइडर ने पुष्टि की कि ऑपरेशन के दौरान घायल हुए दोनों अमेरिकी सैनिकों की स्थिति स्थिर है। राइडर और अन्य अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस ऑपरेशन में उच्च स्तर के इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों को लक्ष्य बनाया गया था, हालांकि उन्होंने अब्दुल कादिर के मारे जाने की पुष्टि नहीं की।
सटीक खुफिया जानकारी
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि पेंटागन अंतिम जांच के परिणामों का इंतजार कर रहा है, इससे पहले कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान को सार्वजनिक किया जा सके। संयुक्त ऑपरेशंस कमांड ने एक बयान में कहा कि यह ऑपरेशन “अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बलों से प्राप्त सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर” किया गया था। इस बयान के अनुसार, मारे गए आतंकवादियों की घोषणा डीएनए परीक्षण के बाद की जाएगी।
इराक में आतंकवाद का खतरा
इस्लामिक स्टेट ने इराक में 2014 में तेजी से अपना प्रभाव बढ़ाया था, जिसके कारण हजारों लोगों की जान गई थी और लाखों लोग विस्थापित हुए थे। हालांकि, इराकी सुरक्षा बलों और अमेरिकी सहायता के साथ, इस्लामिक स्टेट के कई शीर्ष नेता मारे गए हैं या पकड़े गए हैं। इराकी प्रधानमंत्री का यह बयान एक बार फिर से यह दर्शाता है कि इराक की सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपने प्रयासों में कितनी गंभीर है।
संयुक्त ऑपरेशन का महत्व
यह संयुक्त ऑपरेशन इराक में सुरक्षा स्थिरता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। इराकी सेना और अमेरिकी बलों के बीच सहयोग ने पिछले कुछ वर्षों में इस्लामिक स्टेट की गतिविधियों को काफी हद तक कम कर दिया है। इराकी बलों की क्षमता को बढ़ाने के लिए अमेरिका की सहायता भी आवश्यक है, जिससे वे आतंकी गतिविधियों का सामना कर सकें।
भविष्य की चुनौतियाँ
हालांकि, इराक में आतंकवाद का खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। सुरक्षा बलों को इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल्स से निपटने के लिए सतर्क रहना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक आतंकवादियों के विचारधारा और नेटवर्क को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जाता, तब तक यह खतरा बना रहेगा।
नागरिकों की प्रतिक्रिया
इस ऑपरेशन के बारे में इराकी नागरिकों ने मिश्रित प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं। कुछ नागरिकों ने इसे सकारात्मक कदम बताया है, जबकि अन्य ने यह चिंता जताई है कि क्या इस्लामिक स्टेट फिर से सक्रिय हो सकता है। इराकी जनता की सुरक्षा और स्थिरता के लिए अब यह महत्वपूर्ण है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती रहे।
इस्लामिक स्टेट के खिलाफ किए गए इस ऑपरेशन ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि इराक की सरकार और अंतरराष्ट्रीय सहयोगी संगठनों की प्रतिबद्धता आतंकवाद के खिलाफ निरंतर है। हालांकि, इस्लामिक स्टेट की विचारधारा का मुकाबला करने के लिए और भी अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री अल-सूदानी के नेतृत्व में इराक का यह प्रयास आतंकवादियों के खिलाफ न केवल एक सैन्य कार्रवाई है, बल्कि यह एक संदेश भी है कि इराक एक सुरक्षित और स्थिर भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।
आगे बढ़ते हुए, इराक को यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा बल मजबूत रहें और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। यह न केवल इराक के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है, ताकि आतंकवाद का सामना किया जा सके और स्थिरता को स्थापित किया जा सके।