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Uttarakhand News: राजस्व घाटा अनुदान में कमी, सरकार को करने होंगे आय बढ़ाने के उपाय

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Uttarakhand News: उत्तराखंड की राज्य सरकार को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार से प्राप्त राजस्व घाटा अनुदान अगले वित्तीय वर्ष तक आधा होने की संभावना है। यह अनुदान राज्य के खर्चों को प्रबंधित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसके घटने से सरकार की वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ेगा।

राजस्व घाटा अनुदान में गिरावट:

राज्य सरकार को मिलने वाला राजस्व घाटा अनुदान हर वर्ष कम हो रहा है। 2021-22 में यह अनुदान ₹7,772 करोड़ था, जो 2024-25 में घटकर ₹4,916 करोड़ हो गया है। सरकार ने अनुमान लगाया है कि 2026-27 तक यह अनुदान पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। इस स्थिति में सरकार के लिए अपने राजस्व बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोजना आवश्यक हो गया है।

Uttarakhand News: राजस्व घाटा अनुदान में कमी, सरकार को करने होंगे आय बढ़ाने के उपाय

आय बढ़ाने के नए उपाय:

राज्य सरकार नए राजस्व स्रोतों की खोज में जुटी हुई है, ताकि वित्तीय घाटे को पूरा किया जा सके। हाल ही में, सरकार ने नदियों, तालाबों और जलप्रपातों के वाणिज्यिक उपयोग पर शुल्क लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम सरकार की रणनीति का हिस्सा है, ताकि पानी के संसाधनों से अधिक राजस्व प्राप्त किया जा सके।

राजस्व प्रबंधन में चुनौतियां:

राजस्व उठाने वाले विभागों पर भी सरकार का दबाव बढ़ गया है। हाल ही में, वित्त विभाग ने मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में राजस्व प्राप्तियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के अनुसार, 15 अक्टूबर तक लक्ष्य के मुकाबले केवल 45 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हुआ है। वित्तीय वर्ष के आधे समय बीतने के बावजूद, राजस्व प्राप्ति के लक्ष्यों में सुधार नहीं हो रहा है। जीएसटी, खनन, स्टांप और पंजीकरण विभाग को छोड़कर अन्य विभागों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है।

राजस्व घाटा अनुदान का विवरण:

  1. वित्तीय वर्ष 2020-21
    • अनुदान: ₹5076 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: –
  2. वित्तीय वर्ष 2021-22
    • अनुदान: ₹7772 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: 53.1%
  3. वित्तीय वर्ष 2022-23
    • अनुदान: ₹7137 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: -8.2%
  4. वित्तीय वर्ष 2023-24
    • अनुदान: ₹6223 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: -12.8%
  5. वित्तीय वर्ष 2024-25
    • अनुदान: ₹4916 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: -21.0%
  6. वित्तीय वर्ष 2025-26
    • अनुदान: ₹2099 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: -57.3%
  7. वित्तीय वर्ष 2026-27
    • अनुदान: ₹0 करोड़
    • प्रतिशत परिवर्तन: -100%

मुख्य आय स्रोत:

  1. एसजीएसटी
    • 2024: ₹4469 करोड़
    • प्रतिशत: 44%
  2. उत्पाद शुल्क
    • 2024: ₹2225 करोड़
    • प्रतिशत: 51%
  3. गैर-GST
    • 2024: ₹1274 करोड़
    • प्रतिशत: 53%
  4. स्टांप और पंजीकरण
    • 2024: ₹1240 करोड़
    • प्रतिशत: 51%
  5. परिवहन
    • 2024: ₹622 करोड़
    • प्रतिशत: 41%
  6. खनन
    • 2024: ₹269 करोड़
    • प्रतिशत: 52%
  7. जलकर
    • 2024: ₹107 करोड़
    • प्रतिशत: 16%
  8. वनों और वन्यजीव
    • 2024: ₹311 करोड़
    • प्रतिशत: 44%
  9. ऊर्जा (गैर-कर)
    • 2024: ₹76 करोड़
    • प्रतिशत: 10%
  10. ऊर्जा (बिजली शुल्क)
    • 2024: ₹182 करोड़
    • प्रतिशत: 33%
  11. यूपी पेंशन हिस्सा
    • 2024: ₹570 करोड़
    • प्रतिशत: 42%
  12. अन्य
    • 2024: ₹589 करोड़
    • प्रतिशत: 49%
  13. कुल
    • 2024: ₹12343 करोड़

सरकारी निर्देश:

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को राजस्व उत्पन्न करने के संभावित स्रोतों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। साथ ही, उन खर्चों पर भी ध्यान देने को कहा गया है जिन्हें कम किया जा सकता है। सरकार की प्राथमिकता अब सख्त वित्तीय प्रबंधन और आय बढ़ाने पर केंद्रित है, ताकि घटते राजस्व घाटा अनुदान की कमी को पूरा किया जा सके।

उत्तराखंड राज्य सरकार को अपनी वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे। राजस्व घाटा अनुदान में कमी के कारण सरकार को न केवल नए राजस्व स्रोतों की खोज करनी होगी, बल्कि मौजूदा व्यवस्थाओं में सुधार कर उन्हें अधिक प्रभावी बनाना होगा। इससे न केवल आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य के विकास को भी गति मिलेगी।

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