Uttarakhand: योग वेलनेस केंद्रों की स्थापना की योजना, राज्य में 10 योग वेलनेस केंद्र खुलेंगे
Uttarakhand: उत्तराखंड में लोगों को योग और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 10 योग वेलनेस केंद्र खोले जाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए आयुर्वेद विभाग ने आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रत्येक केंद्र पर एक योग प्रशिक्षक और बहु-उद्देश्यीय कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इन केंद्रों में लोग न केवल योग का अभ्यास कर सकेंगे, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली से संबंधित जानकारी भी प्राप्त होगी।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत पहल
राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत इन योग वेलनेस केंद्रों की स्थापना की जा रही है। पहले चरण में उत्तराखंड के पांच जिलों में ये केंद्र खोले जाएंगे। इन जिलों में उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, नैनीताल और पिथौरागढ़ शामिल हैं। इसके तहत उत्तरकाशी के हर्षिल और भटवाड़ी, चमोली के सुगी, चंपावत के टनकपुर और चंपावत, नैनीताल के नौकुचियाताल, पिथौरागढ़ के तल और गूंजी में केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष मिलेगा 7 लाख रुपये का अनुदान
आयुष मंत्रालय द्वारा प्रत्येक केंद्र के लिए प्रतिवर्ष 7 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया जाएगा। यह धनराशि केंद्रों के सुचारु संचालन और आवश्यक संसाधनों के लिए खर्च की जाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को योग और आयुर्वेद के महत्व के बारे में जागरूक करना है। इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को नियमित दिनचर्या और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूकता
इन केंद्रों में योग का अभ्यास करने के साथ-साथ लोगों को आयुर्वेद और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लोगों को, जो अभी तक इन विषयों से बहुत अधिक परिचित नहीं हैं, इन केंद्रों के माध्यम से योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूक किया जाएगा।
यह पहल राज्य में स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली को बढ़ावा देने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारने में सहायक सिद्ध होगी। इन केंद्रों में प्रशिक्षित कर्मचारी और योग प्रशिक्षक लोगों को नियमित योगाभ्यास और दिनचर्या का पालन करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे।
दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच
इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह राज्य के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुँचाने का प्रयास है। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव होने के कारण लोग अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इन योग वेलनेस केंद्रों के माध्यम से उन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाई जाएंगी, जहाँ आमतौर पर चिकित्सा सेवाएँ पहुँचाना मुश्किल होता है।
योग वेलनेस केंद्रों का संचालन
योग वेलनेस केंद्रों का संचालन कुशल और प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा। इन केंद्रों पर एक योग प्रशिक्षक नियुक्त किया जाएगा जो लोगों को योग सिखाने के साथ-साथ उनके सवालों का समाधान करेगा। इसके साथ ही एक बहुउद्देश्यीय कर्मचारी भी तैनात रहेगा, जो केंद्र की सभी आवश्यक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा।
केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी
आयुर्वेद विभाग ने इन केंद्रों की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। जल्द ही इन केंद्रों में कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा केंद्रों पर योग अभ्यास के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था भी की जाएगी।
योग वेलनेस केंद्रों का महत्त्व
उत्तराखंड, जहाँ देश के विभिन्न हिस्सों से लोग धार्मिक और पर्यटन के उद्देश्य से आते हैं, वहाँ योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए यह पहल अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मानी जा रही है। इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा।
केंद्रों का उद्देश्य केवल योग सिखाना ही नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण स्वास्थ्य जीवनशैली को बढ़ावा देना भी है। आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाकर लोग दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को सिखाया जाएगा कि कैसे वे नियमित योग और आयुर्वेदिक दिनचर्या के माध्यम से अपने जीवन को स्वस्थ बना सकते हैं।
उत्तराखंड में योग वेलनेस केंद्रों की स्थापना का यह कदम न केवल राज्य के लोगों को स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूक करेगा, बल्कि राज्य को योग और आयुर्वेद के केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा। सरकार की इस पहल से दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा और लोग योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से एक बेहतर और स्वस्थ जीवनशैली अपना सकेंगे।
योग वेलनेस केंद्रों के माध्यम से आयुष मंत्रालय का यह प्रयास निश्चित रूप से उत्तराखंड और भारत के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा का संचार करेगा। लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने के इस प्रयास से राज्य में योग और आयुर्वेद के महत्व को स्थापित करने में सफलता मिलेगी।