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Canada: ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी अतिवादियों का हमला, एक गंभीर घटना

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Canada: 3 नवंबर 2023 को, ब्रैम्पटन  स्थित हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तानी अतिवादियों द्वारा किया गया हमला कनाडा में धार्मिक सहिष्णुता और सुरक्षा के मुद्दों को एक बार फिर से उजागर करता है। इस घटना ने भारतीय समुदाय में चिंता और आक्रोश पैदा किया है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय हिंदुओं ने मंदिर के बाहर प्रदर्शन किया।

हमले का विवरण

इस घटना के दौरान, खालिस्तानी समर्थकों का एक समूह भारतीय तिरंगा थामे हुए लोगों पर हमला करने के लिए उतरा। वीडियो फुटेज में साफ दिखता है कि कैसे खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर अचानक हमला किया। इस हमले के दौरान, कई लोग मंदिर परिसर में शरण लेने के लिए भागे, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। ऐसे हमलों की बढ़ती घटनाएं, विशेषकर विंडसर, मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन  में, इस बात का संकेत हैं कि खालिस्तानी तत्वों का प्रभाव बढ़ रहा है।

Canada: ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी अतिवादियों का हमला: एक गंभीर घटना

मंदिर के पुजारी का बयान

मंदिर के पुजारी ने इस हमले को केवल कनाडा में रहने वाले हिंदुओं पर नहीं, बल्कि दुनिया भर के हिंदुओं पर हमला बताया। उन्होंने बताया कि यह एक चेतावनी है कि हमें एकजुट रहना चाहिए। पुजारी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए एक प्रसिद्ध नारे को दोहराते हुए कहा, “अगर आप विभाजित होंगे, तो आप कट जाएंगे।” यह संदेश हिंदू समुदाय की एकजुटता को बढ़ावा देने का था।

भारतीय उच्चायोग की प्रतिक्रिया

भारतीय उच्चायोग ने 4 नवंबर को इस हमले की कड़ी निंदा की। उच्चायोग ने कहा, “हमने ब्रैम्पटन  में हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा की गई हिंसक गतिविधियों का गवाह बना। यह अत्यंत निराशाजनक है कि हमारे वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में ऐसे व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं।” उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और स्थानीय प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।

कनाडा के प्रधानमंत्री का बयान

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस हमले की निंदा की और कहा कि हर कनाडाई को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने का अधिकार है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “ब्रैम्पटन  के हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करने का अधिकार है।” ट्रूडो का यह बयान इस बात का संकेत है कि कनाडा की सरकार धार्मिक सहिष्णुता को प्राथमिकता देती है।

घटना का तात्कालिक प्रभाव

इस घटना ने स्थानीय हिंदू समुदाय को एकजुट होने का अवसर दिया। हिंदू संगठनों ने मिलकर एकजुटता प्रदर्शित की और स्थानीय प्रशासन से सुरक्षा की मांग की। यह घटना केवल एक धार्मिक स्थल पर हमला नहीं है, बल्कि यह कनाडा में भारतीय समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के लिए एक बड़ा संकेत है।

बढ़ती चिंताएँ

ब्रैम्पटन  में हुए इस हमले ने कनाडा में हिंदू समुदाय के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। मंदिर के भक्तों ने मांग की है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। कई धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों ने इस हमले की निंदा की है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की आवश्यकता को स्पष्ट किया है।

पिछले घटनाक्रम

इससे पहले, कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। विंडसर और मिसिसॉगा में भी हिंदू मंदिरों पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा हमले किए गए थे, जिनमें धार्मिक प्रतीकों को नष्ट करने की घटनाएं शामिल थीं। इन घटनाओं ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या कनाडा में भारतीय समुदाय सुरक्षित है।

ब्रैम्पटन  में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी अतिवादियों का हमला एक गंभीर घटना है जो न केवल कनाडा में हिंदू समुदाय के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। यह घटना धार्मिक सहिष्णुता और विविधता की रक्षा की आवश्यकता को उजागर करती है। सभी धर्मों के प्रति सम्मान और सहिष्णुता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि हम एक शांतिपूर्ण समाज बना सकें।

इस घटना ने हमें यह सिखाया है कि हमें अपनी पहचान को सुरक्षित रखने और सभी के लिए एक शांतिपूर्ण समाज बनाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। ब्रैम्पटन  की इस घटना ने एक बार फिर से हमें याद दिलाया है कि हमें एकजुट होकर हर प्रकार के भेदभाव और हिंसा का सामना करना होगा। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करें और हर किसी को सुरक्षित महसूस कराएं।

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