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Ganga Utsav 2024: गंगा आरती ने जीता मन, आशुतोष राणा का शिव स्तोत्र बना दिल का सुकून

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Ganga Utsav 2024 का आयोजन को चांदी पुल के पास नामामि गंगे घाट पर धूमधाम से मनाया गया। इस उत्सव का उद्देश्य लोगों को गंगा की स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना और उसे एक देवी के रूप में पूजा करना है, जिससे यह एक जीवित प्राणी के रूप में स्वीकार किया जा सके। इस भव्य आयोजन में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर उत्तराखंड के मंत्रियों ने भाग लिया और गंगा आरती ने सभी के दिलों में एक खास स्थान बना लिया।

पहली बार गंगा के तट पर उत्सव का आयोजन

इस बार का गंगा उत्सव गंगा के तट पर पहली बार मनाया गया। इस मौके पर आशुतोष राणा द्वारा प्रस्तुत शिव स्तोत्र ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। गंगा उत्सव के दौरान आयोजित आरती में लेजर लाइट शो और 3डी मूवी ने लोगों की खूब सराहना प्राप्त की। इसके अलावा, राजीव खंडेलवाल का नाटकीय प्रदर्शन भी लोगों के बीच बहुत पसंद किया गया, जिसमें गंगा पर आधारित थीम को दर्शाया गया।

Ganga Utsav 2024: गंगा आरती ने जीता मन, आशुतोष राणा का शिव स्तोत्र बना दिल का सुकून

गंगा की पूजा का महत्व

गंगा उत्सव में उपस्थित लोगों ने माँ गंगा की पूजा अर्चना की और अपने श्रद्धा भाव के साथ इस महान नदी के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की। नामामि गंगे के महानिदेशक राजीव मित्तल ने कहा कि यह उत्सव माँ गंगा के संरक्षण के लिए आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह उत्सव देश के पांच अन्य राज्यों में भी मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नदियों को केवल जल का स्रोत न मानकर जीवन का आधार बनाना है।

गंगा का संरक्षण और उसका महत्व

राजीव मित्तल ने कहा कि यह केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि एक अभियान है। इस अभियान के माध्यम से हम नदियों के महत्व को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बार का गंगा उत्सव गंगा के तट पर पहली बार आयोजित किया गया है, जबकि पूर्व में इसका आयोजन दिल्ली में किया जाता था।

मछली संरक्षण की पहल

इस आयोजन के दौरान केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने गंगा में महसीर मछली के कई लाख मछली के बीजों को छोड़कर जलजीव संतुलन बनाए रखने की पहल की। इस प्रकार का प्रयास गंगा में जलजीवों की विविधता को बनाए रखने में मदद करेगा।

‘घाट पर हाट’ कार्यक्रम

‘घाट पर हाट’ कार्यक्रम के तहत गंगा किनारे के कई गांवों की समितियों ने इस कार्यक्रम में स्टॉल लगाए और स्थानीय हर्बल उत्पादों को प्रदर्शित किया। इसके साथ ही, सपोर्टिंग डिस्ट्रिक्ट हरिद्वार द्वारा ‘स्वीट गंगा’ के स्टॉल भी लगाए गए, जिसमें मधुमक्खी पालन और उससे संबंधित उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।

महिला जवानों की राफ्टिंग यात्रा

इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने बीएसएफ की महिला जवानों को झंडी दिखाकर रवाना किया, जो देव प्रयाग से गंगासागर तक राफ्टिंग कर गंगा की निरंतरता और स्वच्छता का संदेश देने निकलीं। यह पहल न केवल गंगा के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि महिला सशक्तीकरण का भी प्रतीक बनेगी।

गंगा उत्सव 2024 ने गंगा के प्रति लोगों की श्रद्धा और प्रेम को फिर से जीवित किया है। यह उत्सव न केवल गंगा के संरक्षण के लिए एक कदम है, बल्कि यह लोगों को इस पवित्र नदी के महत्व को समझाने और उसकी पूजा को एक संस्कार के रूप में मान्यता देने का प्रयास भी है। ऐसे आयोजनों से न केवल गंगा की स्वच्छता का संदेश फैलता है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रकट करता है। हमें सभी को इस अभियान में भागीदारी करनी चाहिए ताकि गंगा को उसकी पूरी गरिमा और पवित्रता के साथ संरक्षित किया जा सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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