Uttarakhand: IIT रुड़की का हिल कैंपस बनेगा टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज, जल्द शुरू होंगे पीएचडी और एमटेक कोर्स

Uttarakhand: टिहरी जिले के भागीरथीपुरम स्थित टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज को IIT रुड़की का हिल कैंपस बनाने की तैयारी जोरों पर है। इसके तहत यहाँ एक शोध कैंपस स्थापित किया जाएगा, जिसमें पीएचडी और एमटेक जैसे उन्नत पाठ्यक्रमों की शुरुआत करने पर विचार किया जा रहा है। इस कदम से न केवल उत्तराखंड के छात्रों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे, बल्कि प्रदेश के शैक्षिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज का इतिहास
टिहरी जिले के भागीरथीपुरम में स्थित टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना वर्ष 2011 में की गई थी। इसे विशेष रूप से हाइड्रो पावर और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता देने के लिए स्थापित किया गया था। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कॉलेज को IIT रुड़की का हिल कैंपस बनाने की घोषणा की थी, जिससे प्रदेश के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में नया आयाम जोड़ा जा सके।
IIT रुड़की के साथ बैठक में लिए गए अहम फैसले
7 सितंबर, 2024 को IIT रुड़की में तकनीकी शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज को IIT रुड़की का हिल कैंपस बनाने से जुड़े अहम फैसले लिए गए। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि IIT रुड़की इस कॉलेज के विकास में मार्गदर्शन करेगा। इसके लिए एक मुख्य समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें IIT रुड़की, टीएचडीसी-आईएचईटी टिहरी, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, राज्य सरकार और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
पीएचडी और एमटेक कोर्स शुरू करने पर विचार
बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया कि कॉलेज में एक शोध कैंपस स्थापित किया जाए, जिसमें भविष्य में पीएचडी और एमटेक जैसे उच्चस्तरीय पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जा सके। यह कदम उत्तराखंड के छात्रों को उन्नत शिक्षा और शोध के अवसर प्रदान करेगा। समिति द्वारा इस कैंपस की स्थापना पर अध्ययन किया जाएगा और फिर अपनी सिफारिशें पेश की जाएंगी।
भविष्य के रोड मैप की तैयारी
भविष्य की योजनाओं को साकार करने के लिए एक और समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक, टीएचडीसी और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी शामिल होंगे। इस समिति का कार्य भविष्य के रोड मैप को तैयार करना होगा, ताकि तय दिशा में कॉलेज के विकास के कार्यों को आगे बढ़ाया जा सके।
यूजी कोर्स जारी रहेंगे
बैठक में निर्णय लिया गया कि फिलहाल टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे यूजी कोर्स जारी रहेंगे। इन पाठ्यक्रमों के लिए वर्तमान शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ अपनी सेवाएँ देते रहेंगे। इसके अतिरिक्त, इन सभी कार्यों में IIT रुड़की का मार्गदर्शन लिया जाएगा ताकि कॉलेज को बेहतर मानकों पर खड़ा किया जा सके।
IIT रुड़की के मानकों पर पहुंचाने के लिए तैयार होगी रिपोर्ट
टीएचडीसी को IIT रुड़की के मानकों पर लाने के लिए कई कार्यों की आवश्यकता होगी। इसके लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। सरकार से अपेक्षित सहयोग प्राप्त होने पर इस परियोजना को तेजी से अमल में लाया जाएगा।
राज्य के छात्रों के लिए नए अवसर
IIT रुड़की के हिल कैंपस बनने के बाद टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज में उच्चस्तरीय शिक्षा और शोध के नए अवसर खुलेंगे। राज्य के छात्रों को अपनी शिक्षा के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और वे अपने राज्य में ही IIT के स्तर की शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, उत्तराखंड में तकनीकी शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, जिससे अन्य राज्यों से भी छात्र यहां अध्ययन के लिए आकर्षित होंगे।
तकनीकी शिक्षा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में IIT जैसे संस्थान का होना राज्य के शैक्षिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। IIT रुड़की के मार्गदर्शन में टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज को हाइड्रो पावर, सस्टेनेबल एनर्जी और क्लाइमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध और अध्ययन के लिए विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही यह पहल राज्य में रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देगी।
सरकार और स्थानीय प्रशासन की भूमिका
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन इस परियोजना को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए बैठक के मिनट्स के अनुसार, राज्य सरकार, IIT रुड़की और टीएचडीसी-आईएचईटी टिहरी मिलकर इस परियोजना को सफल बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके तहत अनुसंधान और उच्च शिक्षा के विकास के लिए कई नई योजनाएं लागू की जाएंगी।
टिहरी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग कॉलेज का IIT रुड़की के हिल कैंपस के रूप में विकास उत्तराखंड के छात्रों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। इससे राज्य में उच्च शिक्षा और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा। IIT के मानकों के साथ विकसित होने के बाद यह संस्थान न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के छात्रों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बनेगा।