Pithoragarh: पहाड़ी रास्तों पर यात्रा का डर… जर्जर रोडवेज बसों में जा रहे हैं लोग
Pithoragarh: उत्तराखंड परिवहन निगम की पिथौरागढ़ डिपो की 56 पुरानी बसें अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुकी हैं। इन बसों की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि यह कहना मुश्किल है कि ये बसें स्टेशन से निकलने के बाद कहां तक पहुंच पाएंगी। बुधवार को इन बसों की जांच की, तो सामने आया कि लोग अपनी जान की बाजी लगाकर इन जर्जर बसों में यात्रा करने को मजबूर हैं।
पिथौरागढ़ से देहरादून के लिए दोपहर 12 बजे बस संख्या UK 07 PA 2820 38 यात्रियों को लेकर निकली। बस स्टेशन से ऐंचोली तक यात्रा कर रही थी, इस दौरान ड्राइवर और कंडक्टर पूरी यूनिफार्म में थे और बस में प्राथमिक चिकित्सा का बॉक्स भी मौजूद था। लेकिन बसों की हालत देखकर यात्री भी हैरान थे।
इस दौरान पिथौरागढ़ रोडवेज स्टेशन पर 11 बजे के आसपास यात्रियों की भीड़ जमा हो गई थी। तीन बसें यहां से बाहर जाने के लिए खड़ी थीं। एक बस गुरुग्राम के लिए थी, जिसकी सीटें पहले ही ऑनलाइन बुक हो चुकी थीं। दूसरी बस देहरादून जाने के लिए थी, लेकिन इन सभी बसों की हालत बेहद खराब थी। कुछ सीटों के कवर फटे हुए थे, बस का शरीर जंग खा चुका था और एक बस की सामने की कांच में भी दरारें थीं, हालांकि यात्रियों की खिड़कियों के कांच सही थे।
देहरादून जा रहे यात्री जितेंद्र ने बताया, “वह घर में दिवाली मनाकर लौट रहे हैं, और उनका कहना था कि उत्तराखंड राज्य की अधिकांश बसों की हालत बहुत खराब है। उम्मीद है कि उनकी यात्रा ठीक रहेगी।”
इसी दौरान लखनऊ और बरेली जाने वाली बसों ने समय पर स्टेशन नहीं पहुंचने के कारण यात्रियों को परेशान किया। लखनऊ के लिए सुबह एक बस निकली थी, लेकिन यात्री सुबह से ही स्टेशन पर इंतजार कर रहे थे, क्योंकि एकमात्र बस सेवा के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मेहरा सीरोला नाम की यात्री ने कहा कि वह सुबह 9 बजे से बस का इंतजार कर रही हैं और स्टेशन पर बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है।
साथ ही बरेली जाने वाली दो बसों के न पहुंचने से यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। कई यात्री ऑनलाइन टिकट बुक कर चुके थे, लेकिन बसें न पहुंचने के कारण यात्री निराश हो गए। रोडवेज प्रशासन ने स्थिति का समाधान करने के लिए अन्य बसों का इंतजाम किया। रविशेखर कपूर ने बताया कि दीपावली के चलते यात्री संख्या अधिक है और बसों का भी उचित निरीक्षण किया जा रहा है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
16 बसों की अक्टूबर में खराबी
पिथौरागढ़ डिपो की पुरानी बसें अकसर रास्ते में खराब हो जाती हैं, और इसका उदाहरण अक्टूबर में देखने को मिला, जब 16 बसों के खराब होने की घटनाएं सामने आईं। इन बसों के इंजन में समस्या आने के कारण या तो बसें शुरू ही नहीं हो पाईं, या फिर रास्ते में रुक गईं। सिलेंसर में स्पार्किंग, इन्जेक्टर पाइप में लीकेज, डीजल लीक होने, और एक्सेलेरेटर का काम न करने की समस्याओं के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
नए बसों का हुआ आगमन
हालांकि, पिथौरागढ़ डिपो को 10 नई बसें मिली हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी। पिथौरागढ़- दिल्ली और देहरादून रूट्स पर ये नई बसें चलाई जाएंगी। 2019 से नए बसों का आवंटन नहीं हुआ था, जिसके कारण पुरानी बसों की संख्या घटकर केवल 56 रह गई थी, अब यह संख्या बढ़कर 66 हो गई है। आने वाले समय में कुछ और नई बसों के आने की उम्मीद है, जिससे यात्रियों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
यह सरहदी क्षेत्र के लोगों के लिए राहत की बात है, क्योंकि 28 सितंबर को पहली दो नई बसें पिथौरागढ़ डिपो में आई थीं। इसके बाद, आठ और नई बसों ने पिथौरागढ़ डिपो में अपनी जगह बनाई है। जल्द ही और नई बसें प्राप्त होने की उम्मीद है, ताकि यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सके और उनकी यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक हो।