India’s Pinaka Rocket System: दुनिया में मचाई धूम, फ्रांस ने खरीदी में रुचि दिखाई, आर्मेनिया ने पहले ही किया ऑर्डर
India’s Pinaka Rocket System: भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ चुका है। एक समय था जब भारत को हथियारों के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब भारत दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में से एक बन गया है। भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम इस बात का बेहतरीन उदाहरण है, जो अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी धाक जमा चुका है।
पिनाका रॉकेट सिस्टम: भारत की आत्मनिर्भरता की मिसाल
भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम, जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है, ने वैश्विक रक्षा क्षेत्र में भारत को एक नई पहचान दिलाई है। यह रॉकेट सिस्टम भगवान शिव के धनुष के नाम पर पिनाका नामित किया गया है। पिनाका रॉकेट सिस्टम न केवल भारतीय सेना के लिए एक ताकतवर हथियार साबित हुआ है, बल्कि अब विदेशी देशों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
फ्रांस ने दिखाया रुचि, आर्मेनिया ने किया ऑर्डर
फ्रांस, जो खुद रक्षा उपकरणों का एक बड़ा निर्यातक है, अब पिनाका रॉकेट सिस्टम खरीदने में रुचि दिखा रहा है। फ्रांसीसी सेना के ब्रिगेडियर जनरल स्टेफान रिचौ ने कहा कि हम पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का मूल्यांकन कर रहे हैं क्योंकि हमें ऐसे सिस्टम की जरूरत है। यह बयान उस समय आया जब फ्रांस के उच्च अधिकारियों का एक दल भारत में बातचीत के लिए आया था। इससे यह स्पष्ट होता है कि पिनाका रॉकेट सिस्टम की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है।
इससे पहले, भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्यात फिलीपींस को किया था। यह मिसाइल भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है। इन घटनाओं ने भारत को अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक ठोस कदम के रूप में प्रस्तुत किया है।
भारत-फ्रांस का रणनीतिक साझेदारी: एक नई दिशा
फ्रांस और भारत के बीच रक्षा सहयोग पहले से मजबूत रहा है। फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि दोनों देशों के बीच उच्च तकनीक का साझा करना एक सामान्य बात है, जैसे कि वे संयुक्त रूप से उच्च क्षमता वाले पनडुब्बियों का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें स्कॉर्पीन पनडुब्बी प्रमुख है। यह साझेदारी केवल एक व्यापारिक संबंध नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच सामरिक और राजनीतिक रिश्तों का प्रतीक है।
ब्रिगेडियर जनरल स्टेफान रिचौ ने आगे कहा, “हमने शांति और सैन्य अभ्यासों की श्रृंखला, ‘शक्ति’ में भी एक-दूसरे के साथ भाग लिया है, और दोनों देशों ने एक-दूसरे के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रमों में भी सहभागिता की है, जो हमारे रिश्तों की गहरी साझेदारी को दर्शाता है।”
पिनाका की ताकत: 75 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने की क्षमता
पिनाका रॉकेट सिस्टम की सबसे बड़ी विशेषता इसकी लंबी रेंज है। यह सिस्टम 75 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखता है, जो इसे अन्य देशों के मुकाबले एक बेहतरीन रक्षा प्रणाली बनाता है। पिनाका की इस क्षमता के चलते दुनिया के कई देश इसकी खरीदारी में रुचि दिखा रहे हैं। वर्तमान में, आर्मेनिया ने पहले ही पिनाका रॉकेट सिस्टम का ऑर्डर दे दिया है और अन्य कई देश भी इस सिस्टम को खरीदने के लिए विचार कर रहे हैं।
पिनाका रॉकेट सिस्टम का निर्माण भारतीय कंपनियों जैसे सोलर इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के सहयोग से हुआ है। इसने भारतीय रक्षा उत्पादन में स्थानीय उद्योगों की भूमिका को भी महत्वपूर्ण बना दिया है।
भारत की आत्मनिर्भरता के लिए एक बड़ा कदम
पिनाका रॉकेट सिस्टम का विकास भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रयासों का हिस्सा है। यह भारत के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता का एक आदर्श उदाहरण है, जहां भारतीय कंपनियों और संस्थाओं ने मिलकर अपनी प्रौद्योगिकी का निर्माण किया है, जो अब न केवल भारतीय सेना के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है।
भारत और वैश्विक बाजार का बढ़ता हुआ प्रभाव
पिनाका रॉकेट सिस्टम की सफलता ने भारत को रक्षा उपकरणों के वैश्विक बाजार में एक नई दिशा दी है। अब भारत न केवल हथियारों का आयातक है, बल्कि उसने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है और अपने रक्षा उपकरणों को दूसरे देशों को निर्यात भी करना शुरू कर दिया है। यह बदलाव भारत की आर्थिक और राजनीतिक शक्ति को भी बढ़ावा दे रहा है।
भारत के रक्षा क्षेत्र में इस तरह की सफलता, विशेष रूप से पिनाका रॉकेट सिस्टम जैसे उन्नत हथियारों के विकास के बाद, भारत के सामरिक महत्व को भी बढ़ा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अब अपनी रक्षा क्षमता में आत्मनिर्भर है और भविष्य में और भी देशों को रक्षा उपकरणों का निर्यात करने में सक्षम होगा।
भारत का पिनाका रॉकेट सिस्टम न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह भारत की बढ़ती वैश्विक शक्ति और प्रभाव को भी दर्शाता है। फ्रांस और आर्मेनिया जैसे देशों का पिनाका में रुचि दिखाना यह साबित करता है कि भारत अब दुनिया के प्रमुख रक्षा उत्पादक देशों में से एक बन चुका है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हुए इस विकास ने भारतीय रक्षा उद्योग को न केवल देश के भीतर, बल्कि विदेशों में भी एक नई पहचान दिलाई है। अब भारत की रक्षा तकनीकी क्षमता का वैश्विक मंच पर स्वागत किया जा रहा है।