Uttarakhand: अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री धामी को घेरा, उत्तराखंड में विकास पर उठाए सवाल, योगी आदित्यनाथ को बुलाने की दी सलाह
Uttarakhand: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरिद्वार में भाजपा और उत्तराखंड सरकार पर जमकर हमला बोला। अखिलेश यादव ने गंगा की सफाई को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया और उत्तराखंड के विकास पर भी गंभीर सवाल उठाए। अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जो लोग गंगा के नाम पर कसम खाते हैं, वही आज गंगा के इस गंदगी के लिए जिम्मेदार हैं।
हरिद्वार के श्रवणनाथ नगर स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने उत्तराखंड में भाजपा की सरकार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज गंगा में जो गंदगी फैली हुई है, उसमें भाजपा का हाथ है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कोई भी सदस्य अब गंगा का पानी पीने की हिम्मत नहीं कर सकते, क्योंकि गंगा के पानी में नालों और सीवरों का पानी मिलकर उसे गंदा कर दिया है।
उत्तराखंड में विकास का मुद्दा
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड में विकास के नाम पर भी कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के लिए कोई ठोस विकासात्मक योजना नहीं बनाई। उन्होंने उत्तराखंड के हसनपुर इलाके में अपनी सरकार के दौरान किए गए कार्यों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हल्द्वानी के लिए चार-लेन सड़क बनाई थी, लेकिन भाजपा सरकार अब तक उस सड़क के उस हिस्से को नहीं बना पाई जो उत्तराखंड के हिस्से में आता है।
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के विकास के नाम पर केवल जुमलेबाजी की है। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड का गठन उस उद्देश्य के साथ हुआ था कि यहाँ के लोगों को समृद्धि मिलेगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, लेकिन अब तक वह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका।
यूपी में उपचुनाव की जीत का दावा
अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भाजपा की हार का दावा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को 100 फीसदी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने दावा किया कि यहां के युवाओं को अग्निवीर योजना के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि यह योजना सैनिकों की इज्जत बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि उनकी इज्जत छीनने के लिए लाई गई है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने जिस तरह से जीएसटी लागू किया है, वह व्यापारी वर्ग के लिए बेहद कठिन हो गया है और इसके कारण छोटे व्यापारी परेशान हो रहे हैं।
अखिलेश ने जीएसटी को लेकर कहा कि जीएसटी को व्यापारियों के लिए आसान बनाने का वादा किया गया था, लेकिन भाजपा ने इसे व्यापारियों के लिए इतना जटिल बना दिया है कि आम व्यापारी इसकी वजह से परेशान है। उन्होंने कहा कि भाजपा के खास लोग इससे ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं और आम आदमी को इससे कोई राहत नहीं मिल रही। इसके कारण महंगाई भी लगातार बढ़ रही है।
भाजपा की नकारात्मक राजनीति
अखिलेश यादव ने भाजपा की राजनीति को लेकर भी तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नकारात्मक राजनीति कर रही है और ‘विभाजित करो और शिकार करो’ जैसे नारे का विरोध भी अब खुद भाजपा में ही हो रहा है। अखिलेश यादव ने भाजपा के इस नारे पर कहा कि यह नारा भाजपा के अंदर ही विवाद का कारण बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग अब इस नारे को बदलने की सलाह दे रहे हैं।
जब पत्रकारों ने इस नारे के बारे में सवाल किया, तो अखिलेश यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर यह नारा भाजपा को पसंद है, तो उन्हें उस व्यक्ति को उत्तराखंड बुला लेना चाहिए जिसने यह नारा दिया था। अखिलेश यादव ने कहा कि जब उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था, तो उस समय उनके पिता और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा में इस क्षेत्र के विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग की थी।
उत्तराखंड के औद्योगिकीकरण का मुद्दा
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड के औद्योगिकीकरण के बारे में भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड का गठन हुआ था, तो यहां के औद्योगिक विकास के लिए कई योजनाएं बनाई गई थीं, लेकिन इन योजनाओं के परिणामस्वरूप अब उत्तराखंड में औद्योगिकीकरण की स्थिति बहुत खराब हो गई है। उन्होंने कहा कि पंतनगर और हरिद्वार जैसे उद्योगिक केंद्रों के उद्योग धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं और रोजगार के अवसर खत्म हो रहे हैं।
उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य का गठन जिस उद्देश्य से हुआ था, वह पूरा नहीं हो सका। राज्य का उद्देश्य था कि यहां के लोग समृद्ध होंगे और उद्योगों के द्वारा रोजगार के अवसर पैदा होंगे, लेकिन यह सब सिर्फ योजनाओं और वादों तक ही सीमित रह गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोग अब यह समझने लगे हैं कि भाजपा ने इस राज्य के साथ छल किया है और राज्य के विकास को रोकने में भाजपा की ही भूमिका रही है।
अखिलेश यादव के साथ यह लोग थे
अखिलेश यादव के साथ इस दौरान समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शंभू प्रसाद नौटियाल, डॉ. सत्यनारायण सचान, चंद्रशेखर यादव, आशीष यादव, डॉ. राजेंद्र पराशर, श्रवण शंखधार, लवदत्ता समेत अन्य सपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इन नेताओं ने अखिलेश यादव के बयान का समर्थन किया और भाजपा सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।
अखिलेश यादव ने उत्तराखंड में भाजपा की सरकार को घेरते हुए गंगा सफाई, विकास और रोजगार जैसे अहम मुद्दों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड के गठन के समय जो उद्देश्य था, वह आज तक पूरा नहीं हो सका और भाजपा ने इस राज्य के विकास के नाम पर केवल वादे किए हैं। साथ ही उन्होंने भाजपा द्वारा उठाए गए नकारात्मक राजनीति के खिलाफ भी अपनी आवाज उठाई। अखिलेश यादव के इन आरोपों ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति पर नया सवाल खड़ा कर दिया है, जो आने वाले समय में और भी गंभीर राजनीतिक चर्चाओं का कारण बनेगा।