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Sunita Williams ने अंतरिक्ष में मनाया थैंक्सगिविंग, नासा ने विशेष मेन्यू दिया

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भारतीय मूल की नासा की अंतरिक्ष यात्री Sunita Williams ने अंतरिक्ष में थैंक्सगिविंग मनाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। सुनिता इस खास अवसर को अपने सहकर्मियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मनाएंगी। नासा ने इस अवसर के लिए उन्हें स्वादिष्ट भोजन मुहैया कराया है, जिसमें स्मोक्ड टर्की, मश पॉटेटोस, एप्पल कोब्लर और ग्रीन बीन्स जैसे व्यंजन शामिल हैं।

थैंक्सगिविंग अमेरिका में हर साल नवम्बर के चौथे गुरुवार को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष भर की प्राप्तियों और फसल की सराहना करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग पारंपरिक भोज का आनंद लेते हैं और अपने परिवारों के साथ समय बिताते हैं। हालांकि, इस बार सुनिता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री इस दिन को पृथ्वी से दूर, अंतरिक्ष में बिताएंगे।

Sunita Williams ने अंतरिक्ष में मनाया थैंक्सगिविंग, नासा ने विशेष मेन्यू दिया

अंतरिक्ष में थैंक्सगिविंग

नासा ने सुनिता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक विशेष मेन्यू तैयार किया है, जिसमें थैंक्सगिविंग के खास व्यंजन शामिल हैं। सुनिता ने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा, “हमारा दल पृथ्वी पर सभी मित्रों और परिवारों को थैंक्सगिविंग की शुभकामनाएं देना चाहता है, और उन सभी का धन्यवाद करता है जो हमारा समर्थन करते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि नासा ने उन्हें बटरनट स्क्वैश, सेब, सरडिन्स और स्मोक्ड टर्की जैसे व्यंजन मुहैया कराए हैं, ताकि वे इस खास दिन को पूरी तरह से आनंदित कर सकें।

नासा के साथ एक साक्षात्कार में सुनिता ने अपने अंतरिक्ष साथी बुच विलमोर, निक हैग और अलेक्जेंडर गोर्बुनोव के साथ थैंक्सगिविंग मनाने की योजनाओं के बारे में बताया। इस दिन की योजनाओं में Macy’s Thanksgiving Day Parade का आनंद लेना और एक भव्य भोज का आयोजन करना शामिल है, जिसमें “स्मोक्ड टर्की, क्रैनबेरी, एप्पल कोब्लर, हरी बीन्स और मश पॉटेटोस” का स्वाद लिया जाएगा।

अंतरिक्ष में लंबा समय बिताने का अनुभव

सुनिता विलियम्स और बुच विलमोर के लिए आठ दिन का अंतरिक्ष यात्रा अनुभव अब आठ महीने में बदल गया है। दरअसल, नासा ने बोइंग द्वारा विकसित स्टारलाइनर को मानव यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं माना और इसकी वजह से उनकी यात्रा बढ़ गई। हालांकि, स्टारलाइनर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आया है, लेकिन सुनिता विलियम्स को अब फरवरी 2025 में SpaceX Dragon कैप्सूल के जरिए पृथ्वी पर लौटने का इंतजार है।

इस लंबे अंतरिक्ष मिशन के दौरान कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन नासा और सुनिता ने इस यात्रा को सुरक्षित रूप से पूरा करने का निर्णय लिया है। नासा ने हाल ही में कहा था कि सुनिता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष स्टेशन पर पूरी तरह सुरक्षित हैं। सुनिता ने खुद भी यह बताया कि वे अच्छा महसूस कर रही हैं, सही आहार ले रही हैं और नियमित रूप से व्यायाम कर रही हैं।

अंतरिक्ष में दिवाली का उत्सव

सुनिता विलियम्स ने अंतरिक्ष में दिवाली भी मनाई थी। यह एक और खास मौका था, जब उन्होंने ISS पर दिवाली का आनंद लिया। नासा के अनुसार, सुनिता विलियम्स ने कुल 322 दिन अंतरिक्ष में बिताए हैं और वे स्पेसवॉक करने वाली दूसरी महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने अंतरिक्ष विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

सुनिता विलियम्स का यह लंबा अंतरिक्ष मिशन न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा है, बल्कि यह भारतीय समुदाय के लिए भी गर्व का विषय है। सुनिता की सफलता यह साबित करती है कि भारतीय मूल के लोग अंतरिक्ष यात्रा में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

अंतरिक्ष यात्रा: चुनौतियाँ और अनुभव

अंतरिक्ष यात्रा अपने आप में एक बड़ी चुनौती होती है। वहां के कठोर वातावरण, माइक्रोग्रेविटी (अर्थव्यवस्था) और जीवन के अन्य पहलुओं से निपटना एक अंतरिक्ष यात्री के लिए आसान नहीं होता। सुनिता ने अपनी यात्रा के दौरान कई बार कठिन परिस्थितियों का सामना किया। लेकिन उन्होंने हमेशा अपने मिशन को प्राथमिकता दी और अपनी टीम के साथ मिलकर उसे पूरा किया।

इस मिशन में लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना और परिवार से दूर रहना एक मानसिक चुनौती हो सकती है। लेकिन सुनिता ने इसे आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय के साथ स्वीकार किया। उनका मानना है कि यह अनुभव उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है।

सुनिता के अनुसार, अंतरिक्ष में जीवन जीने के लिए एक खास तरह की मानसिकता की जरूरत होती है। वे कहती हैं कि “अंतरिक्ष में रहते हुए हर दिन नया अनुभव होता है और हर दिन आपको कुछ नया सीखने को मिलता है।” उनका यह कहना भी है कि अंतरिक्ष में रहते हुए वे परिवार और दोस्तों की याद बहुत करती हैं, लेकिन साथ ही वे अपने मिशन के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझती हैं।

अंतरिक्ष यात्रा का महत्व

सुनिता विलियम्स का मिशन न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह मानवता की तरक्की और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम है। अंतरिक्ष में इतने लंबे समय तक रहकर उन्होंने यह साबित किया कि इंसान अब अंतरिक्ष में भी लंबे समय तक रह सकता है। यह भविष्य में मंगल ग्रह और अन्य ग्रहों पर मनुष्य की यात्रा के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।

नासा की इस मिशन ने यह भी दिखाया है कि अंतरिक्ष यात्री किसी भी परिस्थिति में अपने देश और मानवता के लिए योगदान दे सकते हैं। इस मिशन ने अंतरिक्ष विज्ञान में नए आयाम खोले हैं और यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

सुनिता विलियम्स का अंतरिक्ष में थैंक्सगिविंग मनाना एक विशेष और प्रेरणादायक घटना है। उनकी यात्रा ने न केवल भारतीय समुदाय बल्कि पूरे विश्व को यह दिखाया कि अंतरिक्ष में मनुष्यों की पहुंच अब और भी बढ़ चुकी है। थैंक्सगिविंग जैसे पारंपरिक अवसरों को भी अंतरिक्ष में मनाना यह दर्शाता है कि भले ही हम पृथ्वी से दूर हों, हमारे दिल और संस्कृतियाँ हमेशा हमारे साथ रहती हैं।

यह यात्रा न केवल सुनिता के लिए, बल्कि सभी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक प्रेरणा है, जो सीमाओं को पार करने और नए आयामों की खोज में लगे हैं

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