Delhi Election 2025: आम आदमी पार्टी में टिकट को लेकर मंथन, हर सीट पर छह दावेदार तैयार
Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है। पार्टी को सत्ता बरकरार रखने के लिए जहां विपक्ष का सामना करना पड़ेगा, वहीं आंतरिक स्तर पर टिकट वितरण की समस्या ने भी सरदर्द बढ़ा दिया है। हर सीट पर छह मजबूत दावेदारों के दावे ने पार्टी नेतृत्व को गहरी सोच-विचार करने पर मजबूर कर दिया है।
हर सीट पर छह दावेदार, स्थिति जटिल
इस बार आम आदमी पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकटों के बंटवारे को लेकर है। पार्टी के कार्यकर्ता, यहां तक कि जिन सीटों पर पहले से पार्टी के विधायक हैं, वहां भी दावेदार बनकर सामने आ रहे हैं। कई कार्यकर्ताओं ने अपने नाम के पोस्टर और होर्डिंग्स लगवा दिए हैं। इस स्थिति में पार्टी नेतृत्व के लिए यह तय करना मुश्किल हो गया है कि किसे टिकट दिया जाए और किसे नहीं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी में टिकट मांगने वालों की संख्या पहले से काफी बढ़ गई है। यहां तक कि उन सीटों पर भी कई दावेदार तैयार हैं जहां वर्तमान में पार्टी के मजबूत विधायक मौजूद हैं।
पहले 11 सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने से बढ़ा तनाव
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि पार्टी द्वारा चुनाव से तीन महीने पहले ही 11 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करना इस उथल-पुथल का मुख्य कारण है। पार्टी के इस कदम ने कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश दिया कि बाकी सीटों पर भी जल्द ही उम्मीदवार घोषित हो सकते हैं।
इस फैसले का परिणाम यह हुआ कि जिन विधायकों का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उनके खिलाफ शिकायतें बढ़ने लगीं। शिकायत करने वाले कार्यकर्ताओं को यह उम्मीद हो गई कि यदि वे नेतृत्व को अपनी स्थिति मजबूत दिखा पाए तो उन्हें टिकट मिल सकता है। इसने टिकट चाहने वालों की संख्या में और इजाफा कर दिया।
जंगपुरा सीट पर तीखी प्रतिस्पर्धा
जंगपुरा सीट पर इस बार स्थिति काफी जटिल है। यहां दो बार के विधायक प्रवीण कुमार फिर से टिकट के प्रबल दावेदार हैं। लेकिन पार्टी की वरिष्ठ नेता रीना गुप्ता ने भी इस सीट से अपने दावे को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
रीना गुप्ता ने अपने प्रचार अभियान को गति दे दी है। उन्होंने अपने चुनावी संदेश रिकॉर्ड कर लोगों के फोन पर भेजने शुरू कर दिए हैं। इस संदेश में वह कहती हैं कि वह इस सीट से चुनाव लड़ने जा रही हैं और जनता का समर्थन चाहती हैं।
उनके इस कदम ने अन्य दावेदारों की बेचैनी बढ़ा दी है। कई अन्य कार्यकर्ताओं ने इस मामले को पार्टी नेतृत्व के सामने उठाया है। वहीं, प्रवीण कुमार अपने तीसरे कार्यकाल के लिए इस सीट से टिकट पाने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं।
कई सीटों पर पोस्टर वार
दिल्ली की कई सीटों पर कार्यकर्ताओं के बीच पोस्टर वार शुरू हो गया है। कुछ सीटों पर तो ऐसे कार्यकर्ताओं के पोस्टर देखे गए हैं, जिन्होंने अब तक चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं किया है। लेकिन उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर क्षेत्र में प्रचार अभियान शुरू कर दिया है।
पार्टी नेतृत्व का असमंजस
आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को इस स्थिति में गहन विचार-विमर्श करना पड़ रहा है। पार्टी को न केवल अपने विधायकों के प्रदर्शन को ध्यान में रखना होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि टिकट वितरण से पार्टी के भीतर असंतोष न फैले।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमारे पास हर सीट पर कई योग्य कार्यकर्ता हैं। यह हमारे लिए एक सकारात्मक बात है, लेकिन इससे टिकट वितरण की प्रक्रिया जटिल हो जाती है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सबसे योग्य व्यक्ति को टिकट दिया जाए।”
दावेदारों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा
टिकट पाने की उम्मीद में कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने इलाकों में सक्रियता बढ़ा दी है। कुछ दावेदारों ने अपने समर्थन में रैलियां शुरू कर दी हैं। वहीं, कुछ ने वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है।
पार्टी के लिए चुनौती
आम आदमी पार्टी के सामने इस बार केवल विपक्ष की चुनौती नहीं है। पार्टी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि टिकट वितरण के दौरान आंतरिक असंतोष न बढ़े। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पार्टी टिकट बंटवारे में पारदर्शिता नहीं रख पाई, तो इससे उसके चुनावी प्रदर्शन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
विपक्ष की नजरें भी टिकीं
दिल्ली चुनाव में विपक्ष भी इस स्थिति पर नजर रख रहा है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां AAP की आंतरिक स्थिति का लाभ उठाने की कोशिश कर सकती हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी के लिए टिकट वितरण सबसे बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। हर सीट पर कई दावेदारों के दावे ने पार्टी नेतृत्व को गहन मंथन करने पर मजबूर कर दिया है। पार्टी के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि टिकट वितरण में निष्पक्षता बनी रहे और योग्य उम्मीदवारों का चयन हो। आगामी दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस स्थिति से कैसे निपटती है और क्या रणनीति अपनाती है।