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Uttarakhand: हत्या और आत्महत्या के बाद खुला एक खौ़फनाक राज, पुलिस को लगा जोरदार झटका

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Uttarakhand: उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के तेहरी विस्थापित कॉलोनी में 25 नवम्बर को एक ऐसा दिल दहला देने वाला अपराध सामने आया, जिसने पूरे क्षेत्र को चौंका दिया। राजीव अरोड़ा ने अपनी पत्नी और सास की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली, लेकिन इससे जुड़ी एक चौंकाने वाली सच्चाई अब सामने आई है। राजीव के द्वारा लिखा गया एक डायरी में एक ऐसा राज छिपा हुआ था, जिसे जानकर पुलिस भी हैरान रह गई।

राजीव ने अपनी आत्महत्या से पहले इस डायरी में 2014 में अपने साले विनय की पहली पत्नी जैसिका की मौत को सामान्य नहीं बल्कि हत्या करार दिया है। उसने आरोप लगाया है कि उसने और पुलिस ने मिलकर जैसिका की मौत को साधारण दुर्घटना के रूप में पेश किया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। राजीव के अनुसार, जैसिका की मौत के वक्त उसके मुंह से झाग निकल रहे थे और शरीर नीला पड़ रहा था, जिससे साफ था कि उसकी मौत साधारण नहीं हो सकती थी।

Uttarakhand: हत्या और आत्महत्या के बाद खुला एक खौ़फनाक राज, पुलिस को लगा जोरदार झटका

क्या है इस हत्या और आत्महत्या के पीछे का सच?

राजीव ने अपनी आत्महत्या से पहले जो डायरी लिखी थी, उसमें उसने विस्तार से अपनी सारी बातें दर्ज की थीं। इस डायरी में उसने बताया कि किस तरह से उसने जैसिका की हत्या को छिपाने के लिए पुलिस के साथ मिलकर उसे सामान्य मौत के रूप में पेश किया। यह बात अब राजीव के रिश्तेदारों के माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसके बाद लोग जैसिका के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

हरिद्वार की पुलिस ने इस डायरी को अपनी जांच में शामिल किया है, लेकिन अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया है। पुलिस का कहना है कि सबसे पहले इसे राजीव के रिश्तेदारों के सामने पढ़ा जाएगा और फिर डायरी में लिखी गई बातों की सच्चाई की जांच की जाएगी। अगर इसमें किसी पुलिस कर्मी की लापरवाही या किसी अन्य व्यक्ति का हाथ सामने आता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राजीव का अंत और एक चौंकाने वाला राज

राजीव अरोड़ा ने अपनी डायरी में यह भी लिखा था कि अगर प्रेम विवाह में विश्वास की दीवार को समय रहते नहीं गिराया जाता, तो उसकी दिशा और परिणाम कुछ भी हो सकते हैं। वह अपनी पत्नी और सास की हत्या के बाद बेहद पछताया हुआ महसूस कर रहा था, और यही वह समय था जब उसने इन अपराधों को अंजाम दिया।

राजीव ने आत्महत्या से पहले अपनी पत्नी और सास को मौत के घाट उतारा। जानकारी के अनुसार, उसने अपनी सास को पहले बेसबॉल बैट से हमला कर घायल किया और फिर गोली मारी। यह जानकारी पुलिस के साथ-साथ इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रही है। पुलिस ने घटनास्थल से बेसबॉल बैट बरामद किया है, लेकिन सास के हाथ के टूटने की स्थिति का पता केवल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही चलेगा।

क्या था राजीव का असली उद्देश्य?

राजीव के आत्महत्या के पहले के कदमों को लेकर एक सवाल उठ रहा है कि आखिर उसने अपनी पत्नी और सास को क्यों मारा, जबकि वह किसी और को मारने का इरादा रखता था। इंटरनेट मीडिया पर राजीव के कुछ करीबी रिश्तेदार यह दावा कर रहे हैं कि राजीव का असली निशाना कुछ और लोग थे, लेकिन उसकी अचानक हुई आत्महत्या ने इस राज को और भी गहरा कर दिया।

हत्या और आत्महत्या के पीछे की सच्चाई:

हरिद्वार के तेहरी विस्थापित कॉलोनी में 25 नवम्बर को हुई इस हत्या और आत्महत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। राजीव ने अपनी डायरी में लिखा था कि उसे यह अहसास था कि उसके पास अब जीने के लिए ज्यादा दिन नहीं हैं, इसलिए उसने इस कदम को उठाया। उसका यह कदम केवल एक अपराध नहीं, बल्कि एक भारी बोझ का नतीजा था जिसे वह सालों से अपने दिल में दबाए हुए था।

राजीव की डायरी में जो बाते लिखी गई हैं, वो सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं बताती, बल्कि उन भावनाओं और अपराधबोध को भी उजागर करती हैं, जो राजीव के दिल में थे। उसने अपने भाई की पत्नी जैसिका की हत्या को छिपाने में अपनी भूमिका को स्वीकार किया है, और यह मानते हुए कि इस अपराध ने उसकी आत्मा को परेशान किया।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच:

पुलिस ने इस पूरे मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और राजीव की डायरी को अपने जांच में शामिल किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि डायरी में लिखी गई सारी बातें राजीव की मानसिक स्थिति और उसके अपराधबोध को उजागर करती हैं। अब पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या वास्तव में पुलिस और अन्य लोग किसी तरह के अपराध में शामिल थे और क्या जैसिका की मौत के पीछे कोई साजिश थी।

अब यह देखना होगा कि इस जांच के बाद क्या पुलिस इस पूरे मामले में किसी निष्कर्ष पर पहुंचती है, और क्या जैसिका के लिए न्याय मिल पाता है।

यह घटना न केवल हरिद्वार बल्कि पूरे उत्तराखंड को दहला देने वाली है। राजीव के अपराध और आत्महत्या की गुत्थी अब और जटिल होती जा रही है। यह मामला इस बात को भी दर्शाता है कि कभी-कभी एक छोटा सा झूठ कितनी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता है। अब इस हत्या और आत्महत्या की जांच से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या सचमुच न्याय की प्रक्रिया सही ढंग से काम कर रही है, और क्या जिम्मेदार लोगों को सजा मिल पाएगी।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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