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Uttrakhand news: वरुणावत टॉप से पहली बार पैराग्लाइडिंग, साहसिक पर्यटन के नए आयाम

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Uttrakhand news: उत्तरकाशी जिले के वरुणावत टॉप  (समुद्र तल से 4970 फीट की ऊंचाई) से पहली बार अमेरिका के दो प्रशिक्षित पैराग्लाइडर्स ने पैराग्लाइडिंग कर साहसिक पर्यटन के नए आयाम खोलने का संदेश दिया है। गेब्रियल (30) और नताली (27), जो अमेरिका के निवासी हैं, ने अपनी अद्भुत क्षमता और अनुभव का प्रदर्शन करते हुए यहां पैराग्लाइडिंग की। इसके साथ ही दोनों दिसंबर 18 से टिहरी झील में होने वाले जल क्रीड़ा आयोजन में अपनी प्रतिभा और कौशल का प्रदर्शन करेंगे।

पैराग्लाइडिंग का रोमांचक प्रदर्शन

 वरुणावत टॉप  से पैराग्लाइडिंग के दौरान, दोनों विदेशी नागरिकों ने लगभग 4970 फीट की ऊंचाई से उड़ान भरी और जिला मुख्यालय के जोशीयाड़ा झील तक पहुंचने का प्रयास किया। हालांकि, झील के पास बिजली की तारों के कारण उन्होंने सुरक्षित लैंडिंग के लिए तिलोथ पुल के पास उतरने का निर्णय लिया।

गेब्रियल ने बताया कि  वरुणावत टॉप  पैराग्लाइडिंग के लिए एक शानदार स्थान हो सकता है। यहां की हवा और मौसम पैराग्लाइडिंग को सहयोग प्रदान करते हैं। यदि जोशीयाड़ा झील के आसपास सुरक्षित लैंडिंग स्पॉट विकसित किए जाएं, तो यह स्थान साहसिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सकता है।

 Uttrakhand news: वरुणावत टॉप से पहली बार पैराग्लाइडिंग, साहसिक पर्यटन के नए आयाम

साहसिक पर्यटन में नई संभावनाएं

गेब्रियल और नताली ने कहा कि हालांकि, यह स्थान केवल उन्हीं पैराग्लाइडर्स के लिए उपयुक्त है जो तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हैं।  वरुणावत टॉप  से जिला मुख्यालय तक का क्षेत्र ऊंचा है और यहां पेड़ों की संख्या भी अधिक है, जो उड़ान के दौरान चुनौतीपूर्ण बनाता है।

अतीत की कोशिशें और भविष्य की योजनाएं
साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 में भी यहां पैराग्लाइडिंग का प्रयास किया गया था। जिले के पूर्व जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने प्रशिक्षित लोगों के साथ मिलकर  वरुणावत टॉप  से जोशीयाड़ा झील तक पैराग्लाइडिंग को प्रोत्साहित करने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय मौसम अनुकूल न होने के कारण यह संभव नहीं हो सका।

इसके अलावा, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए  वरुणावत टॉप  पर एक इको पार्क बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया था, लेकिन इस पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है।

टिहरी झील में गेब्रियल और नताली का प्रशिक्षण

गेब्रियल और नताली को उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रशिक्षकों के रूप में आमंत्रित किया गया है। टिहरी झील में दिसंबर 18 से होने वाले जल क्रीड़ा आयोजन में ये दोनों अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। पैराग्लाइडिंग के साथ ही, ये जल क्रीड़ा जैसे कायाकिंग, कैनोइंग और अन्य खेलों में भी तकनीकी रूप से प्रशिक्षित हैं।

पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा अवसर

उत्तरकाशी जिले में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की असीम संभावनाएं हैं।  वरुणावत टॉप , अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऊंचाई के कारण, पैराग्लाइडिंग के लिए एक उत्कृष्ट स्थान बन सकता है। यहां का वातावरण साहसिक खेलों के लिए अनुकूल है, जिससे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा।

स्थानीय व्यवसाय और रोजगार में वृद्धि

ऐसे साहसिक खेलों से न केवल जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। स्थानीय होमस्टे और पर्यटन सेवाएं भी इन गतिविधियों से लाभान्वित हो सकती हैं।

सुरक्षा और प्रबंधन का महत्व

पैराग्लाइडिंग जैसे खेलों के लिए सुरक्षा और प्रबंधन बेहद जरूरी है। सरकार को यहां सुरक्षित लैंडिंग क्षेत्र विकसित करने और प्रशिक्षित लोगों की टीम तैयार करने की दिशा में काम करना होगा। इसके साथ ही,  वरुणावत टॉप  और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान देना आवश्यक है।

 वरुणावत टॉप  से पहली बार पैराग्लाइडिंग कर गेब्रियल और नताली ने यह साबित कर दिया है कि उत्तरकाशी में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। यदि सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं, तो यह क्षेत्र न केवल साहसिक खेलों का केंद्र बन सकता है, बल्कि उत्तराखंड पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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