Crime: आठ वर्षीय बच्ची की गला दबाकर की हत्या, पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार हुआ आरोपी

पत्थर से बच्ची के सिर पर किए वार
प्राथमिक विद्यालय के परिसर में फेंका शव
वाराणसी। रामनगर थाना क्षेत्र के सूजाबाद में आठ वर्षीय बच्ची की हत्या ऑटो चालक इरशाद ने गला दबाकर की थी। फिर बच्ची के शव को प्लास्टिक के बोरे में भर कर घसीटते हुए अपने घर से बाहर निकला था। कुछ दूरी पर जाकर 20 किलो वजनी पत्थर से बच्ची के सिर पर चार बार मारा था। इसके बाद बोरे को बहादुरपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के परिसर में फेंक दिया था। इरशाद ने 17 मिनट के अंदर ही वारदात को अंजाम दिया और शव को फेंक दिया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की आशंका जताई गई है। इसलिए पुलिस ने दुष्कर्म की धारा बढ़ा दी है। पॉक्सो एक्ट के साथ ही अपहरण का मामला भी दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, दुष्कर्म की पुष्टि के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट की मदद ली जाएगी। बृहस्पतिवार को डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि इरशाद ने बच्ची का हाथ पकड़ कर घर में खींचा तो वह शोर मचाने लगी थी। इरशाद को लगा कि वह पकड़ा जाएगा, इसलिए उसने बालिका को मार डाला था। घटना के खुलासे के बाद पुलिस ने बुधवार की देर रात मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगने से घायल सूजाबाद निवासी इरशाद को अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।
वारदात के खुलासे में इलाके में लगे चार सीसी कैमरों की फुटेज की अहम भूमिका रही। खुलासे पर डीसीपी काशी जोन ने रामनगर थानाध्यक्ष और एसओजी प्रभारी के साथ उनकी टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया। सूजाबाद इलाके के एक ऑटो चालक की आठ वर्षीय बेटी मंगलवार की शाम सात बजे अपने घर से मच्छर मारने वाली क्वायल लेने निकली थी। इसके बाद वह घर नहीं लौटी। खोजबीन के बाद रात 11 बजे परिजनों ने सूजाबाद चौकी इंचार्ज को सूचना दी, लेकिन बालिका का पता नहीं लगा। बुधवार की सुबह कुछ बच्चे कटी पतंग लेने के लिए बहादुरपुर प्राथमिक विद्यालय के परिसर में गए तो बोरे में शव देख कर उन्होंने परिजनों को बताया था।
डीसीपी काशी जोन ने बताया कि वारदात की सूचना मिलने पर शंका के आधार पर इलाके के संदिग्ध गतिविधियों वाले लोगों से पूछताछ शुरू की गई। रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह और उनकी टीम के दरोगा अमीर बहादुर सिंह, अश्वनी कुमार राय व पंकज कुमार मिश्र ने इलाके में लगे चार सीसी कैमरों की फुटेज को खंगालना शुरू किया। फुटेज से सामने आया कि बच्ची दुकान से मच्छर मारने का क्वायल लेने के बाद लौटती है। रास्ते में इलाके के बच्चों के साथ खेलती है। फिर कुत्तों को पुचकारती है। बच्ची के पास पांच-पांच के दो सिक्के थे। इनमें से एक सिक्का गिर गया था तो उसे खोजती है। शाम 7:45 बजे वह 22 वर्षीय इरशाद के दरवाजे पर पहुंचती है, तभी उसने उसका हाथ पकड़ कर अंदर खींच लिया।
बच्ची ने इरशाद को पहचान लिया था, इसलिए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। लगभग पांच मिनट बाद इरशाद बच्ची का शव बोरे में लेकर अपने घर से बाहर निकला। स्कूल के पीछे गया और सिर पर पत्थर से वार करने के बाद शव वाले बोरे को फेंक दिया। बच्ची का शव मिलने के बाद बीते बुधवार को इरशाद अपने घर से भाग गया था। सीसी फुटेज से जब पुष्टि हो गई कि आरोपी इरशाद ही है तो पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी। पिता और भाई के साथ ही दोस्तों से उसके बारे में पूछताछ की गई। डीसीपी काशी जोन ने बताया कि इरशाद को तलाशते हुए बुधवार की रात रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह अपनी टीम के साथ पड़ाव चौराहे पर मौजूद थे।
इसी दौरान एसओजी प्रभारी मनीष मिश्र भी अपनी टीम के दरोगा गौरव कुमार सिंह और हेड कांस्टेबल चंद्रसेन सिंह के साथ मौके पर पहुंच गए। मुखबिर से पता लगा कि इरशाद डोमरी में गंगा किनारे मौजूद है। पुलिस टीम ने घेराबंदी की तो इरशाद ने फायरिंग शुरू कर दी। रामनगर थानाध्यक्ष और एसओजी प्रभारी ने जवाबी फायरिंग की तो उसके दाएं पैर के घुटने में गोली लग गई। इरशाद के पास से एक तमंचा, गोली और उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त पत्थर बरामद किया गया।
रामनगर थानाध्यक्ष ने बताया कि बच्ची के पिता की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या कर शव छिपाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इरशाद के गिरफ्तार होने पर दर्ज मुकदमे में अपहरण और दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा बढ़ाई गई। इसकी प्रमुख वजह बच्ची की उम्र 12 वर्ष से कम होना है। नए कानून में कम उम्र की बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास भी दुष्कर्म के समान ही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की आशंका जताई गई है। पॉक्सो एक्ट की धारा भी बढ़ाई गई है। पुलिस टीम पर फायरिंग करने पर हत्या के प्रयास और तमंचा बरामद होने पर आर्म्स एक्ट की धारा में एक और मुकदमा दर्ज किया गया है। बच्ची के लापता होने के बाद उसके पिता ने सबसे पहले इरशाद पर ही शंका जताई थी। इसकी जानकारी पुलिस को भी दी थी। बताया था कि इलाके में इरशाद की शोहरत अच्छी नहीं है। दोनों परिवारों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे, मगर एक ही मुहल्ला होने के कारण सब एक-दूसरे के बारे में जानते थे। उधर, बृहस्पतिवार को सूजाबाद स्थित कब्रिस्तान में बालिका का शव दफनाया गया। परिजनों ने पुलिस की कार्रवाई पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि इरशाद को मौत की सजा मिले।