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Haridwar: हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के रुड़की कार्यालय पर हंगामा के बाद दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज, जांच में जुटी पुलिस

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रुड़की। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण के रुड़की कार्यालय में सोमवार को अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। इस प्रकरण को लेकर जहां प्राधिकरण की ओर से सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया गया वही भगवानपुर में भी एक आम नागरिक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस दोनों ही मामले में जांच कर रही है।

आपको बता दे कि हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण की कार्रवाई से नाराज आजाद समाज पार्टी के महक सिंह अपने साथियों के साथ हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के रुड़की कार्यालय पर पहुंचे जहां उन्होंने अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा कांटा। जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। मामले को लेकर जहा प्राधिकरण के कनिष्ठ अभियंता कमलेश्वर रावत ने तहरीर देकर बताया कि सोमवार को लगभग 11:30 बजे आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह, जिला अध्यक्ष मोहन दास, जिला प्रभारी अनुराग, प्रदेश महासचिव तेज प्रताप सैनी, अक्षय सभासद, राव अरशद, अकरम, रोहित कर्णवाल, मिथुन नौटियाल, सुमित कटारिया समेत करीब 40 से 50 लोग एचआरडीए कार्यालय में बिना अनुमति जबरन घुस आए।

कार्यालय के गेट पर फेंके नोट आरोप है कि इन लोगों ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर भारतीय मुद्रा के नोट फेंके, जिससे वहां अराजकता का माहौल बन गया। इसके बाद अभियंता आकाश जगूड़ी के केबिन में घुसकर उनकी मेज पर भी नकद रुपये फेंक दिए गए। इस दौरान महक सिंह द्वारा “जूते बजाने” की धमकी भी दी गई, जिससे कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई प्रदर्शनकारियों द्वारा प्राधिकरण की भगवानपुर क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ की गई विधिक कार्रवाई का विरोध किया जा रहा था।

घटना को पूर्व नियोजित बताया

अभियंता का आरोप है कि यह पूरी घटना पूर्वनियोजित थी, जिसका उद्देश्य सरकारी काम में बाधा डालना, डर का माहौल बनाना और कानूनी कार्रवाई को रोकना था। वही भगवानपुर निवासी मुशीर आलम की ओर से दर्ज दूसरी एफआईआर में विवेक, अजीज और राव अकरम पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने खुद को एचआरडीए से जुड़ा बताते हुए उनसे 22 लाख की अवैध वसूली की। उन्होंने धमकी दी थी कि यदि पैसे नहीं दिए गए तो कॉलोनी को सील करवा दिया जाएगा।

मुशीर ने डर के कारण किस्तों में यह रकम दी। मुशीर का आरेाप है कि पैसे देने के बावजूद 6 जून को प्राधिकरण द्वारा उनकी कॉलोनी ध्वस्त कर दी गई। मुशीर ने जब 9 जून को टेलीविजन पर इन्हीं लोगों को एचआरडीए कार्यालय में प्रदर्शन करते देखा, तो उसे संदेह हुआ और उसने पूरी जानकारी पुलिस को दी। सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ली सिविल लाइंस कोतवाली और थाना भगवानपुर पुलिस ने दोनों तहरीरों के आधार पर संबंधित धाराओं में मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी अपने कब्जे में ले ली है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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