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Dehradun: 1970 के दशक के पुराने सायरनों की जगह आधुनिक तकनीक वाले सायरन करेंगे शहर को सतर्क

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सीएम की प्रेरणा से आखिर डीएम जिले में ले ही आए आधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन, आपदा परिचालन केन्द्र में किया परीक्षण

देहरादूनआपदा एवं आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए देहरादून जिला प्रशासन ने आधुनिक तकनीकों से लैस लंबी दूरी तक सुनाई देने वाले आपातकालीन सायरनों की स्थापना शुरू कर दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल की पहल पर जिले के प्रमुख स्थानों पर अत्याधुनिक लांग रेंज इमरजेंसी सायरन लगाए जा रहे हैं, जिनकी पहली बार शनिवार को जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (ईओसी) में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

प्रशासन की योजना के पहले चरण में 8 और 16 किलोमीटर तक सुनाई देने वाले कुल 15 आधुनिक सायरनों की स्थापना की जा रही है। इनमें से 6 सायरन 16 किमी रेंज के और 9 सायरन 8 किमी रेंज के होंगे। ये सायरन खास तौर पर पुलिस थानों और चौकियों में लगाए जाएंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में शहर के बड़े हिस्से तक तुरंत चेतावनी पहुंचाई जा सके।

डीएम बंसल ने बताया कि यह सिस्टम सिर्फ प्राकृतिक आपदाओं ही नहीं, बल्कि युद्ध या हवाई हमले जैसी परिस्थितियों में भी आम नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी देने के लिए काम करेगा। इसके अतिरिक्त, आर्मी, पैरामिलिट्री, एयरपोर्ट और बड़े अस्पतालों जैसे वायटल इंस्टॉलेशन क्षेत्रों में भी रेपिड कम्यूनिकेशन सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे सभी एजेंसियों के बीच तत्काल संपर्क स्थापित हो सकेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि इससे पहले देहरादून में 1970 के दशक में सायरन लगाए गए थे, जो वर्तमान जनसंख्या और शहरी विस्तार के हिसाब से अब अप्रभावी हो चुके हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नए तकनीकी सायरनों की खरीद की गई है। भविष्य में इस योजना को जिले के अन्य कस्बों जैसे ऋषिकेश, विकासनगर और चकराता में भी लागू किया जाएगा।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सायरन ऐसी जगह लगाए जाएं जहां कोई भौतिक बाधा न हो, ताकि उनकी आवाज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली सिविल डिफेंस सिस्टम को और अधिक मजबूत बनाएगी और किसी भी आपदा में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा, एसडीएम सदर हरिगिरि, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी, और आपदा प्रबंधन अधिकारी ऋषभ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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