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Uttarakhand: प्रदेश की अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित और विकलांग एकल आदि महिलाओं के लिए एकल महिला स्वरोजगार योजना शुरू…..जाने पूरी डिटेल्स?

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कैबिनेट से मंजूरी के बाद कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने किया योजना को लॉन्च

पहले वर्ष में कुल 2000 महिलाओं को सहायता देने का लक्ष्य

देहरादून। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत 18 जून से आवेदन किया जा सकता हैं। बीते माह कैबिनेट की मंजूरी के बाद महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने इस योजना को लांच किया। इसके लिए आवेदन 18 जून से 31 जुलाई तक किया जा सकता है।

महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कैंप कार्यालय पर अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कहा कि प्रदेश की अविवाहित, परित्यक्ता, तलाकशुदा, निराश्रित और विकलांग एकल महिलाओं को इस योजना की दायरे में लाया गया है।

रेखा आर्या ने बताया कि इस योजना में पात्र महिलाओं को स्वरोजगार के लिए ₹200000 तक के प्रोजेक्ट स्वीकार किए जाएंगे जिसमें से 75% हिस्सा सब्सिडी यानी अनुदान के रूप में रहेगा। लाभार्थियों को सिर्फ 25 फ़ीसदी हिस्सा ही व्यवसाय में अपने पास से लगाना होगा। मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि पहले साल इस योजना के तहत काम से कम 2000 महिलाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, पहले साल इसकी प्रगति को देखते हुए योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय किया जाएगा।

योजना में चयनित व्यवसाय

कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी व मत्स्य पालन, उद्यान, फल प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर, बुटीक, रिपेयरिंग, आल्ट्रेशन, टेलरिंग, सौंदर्य प्रसाधन, जनरल सर्विस, कैंटीन, कैटरिंग, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री, कंप्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली कालिंग, हिंदी काल सेंटर समेत अन्य किसी भी प्रकार के निजी व्यवसाय।

प्रोजेक्ट की लागत

योजना में स्वरोजगार के दृष्टिगत उद्यम स्थापना को अधिकतम दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाएंगे। लाभार्थी को ऋण के रूप में ली गई धनराशि के सापेक्ष 75 प्रतिशत अथवा अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक की सब्सिडी जो भी अधिकतम हो, दी जाएगी।

दो लाख रुपये से अधिक लागत की परियोजना होने पर भी अधिकतम सब्सिडी डेढ़ लाख रुपये ही रहेगी। अब यह प्रविधान किया गया है, जिस अनुपात में प्रोजेक्ट पर लागत लगेगी, उसी अनुपात में सब्सिडी भी तीन किस्तों में दी जाएगी। इसके अलावा स्वीकृति के उपरांत छह माह में प्रोजेक्ट शुरू न होने पर सब्सिडी वापस लेने का प्रविधान भी रखा गया है।

ये होंगी शर्तें

लाभार्थी महिला उत्तराखंड की मूल व स्थायी निवासी हो।

महिला की पारिवारिक आय 72 हजार रुपये सालाना हो।

सरकारी-गैर सरकारी उपक्रम में कार्यरत अथवा राजकीय व पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं पात्र नहीं होंगी।

पूर्व में किसी भी योजना की हितग्राही या वित्तीय संस्थान से डिफाल्टर महिला अपात्र होगी।

पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर पात्र महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।

ऐसे होगा चयन

जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति योजना के लिए लाभार्थियों का चयन करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चयन समिति अंतरिम स्वीकृति प्रदान करेगी।

एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए फॉर्म

मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सशक्त करने की पहले से कई योजनाएं विद्यमान है लेकिन विशेष रूप से एकल महिलाओं को केंद्रित सहायता योजना अभी तक नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस कैटेगरी की महिलाओं को सशक्त किए जाने की सबसे ज्यादा जरूरत है इसलिए एकल महिलाओं के लिए विशेष योजना तैयार की गई है।

बैठक में सचिव चंद्रेश कुमार और निदेशक प्रशांत आर्य आदि उपस्थित रहे।

प्रदेश की एकल महिलाओं के लिए यह महत्वाकांक्षी योजना है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम है। सभी पात्र महिलाएं अपने-अपने जनपदों में विभाग से संपर्क करके इसके लिए आवेदन कर सकती हैं । मेरा निवेदन है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इसके लिए आवेदन करें जिससे उन्हें स्वरोजगार की दिशा में बढ़ने के लिए सरकारी सहायता मिल सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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