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New Delhi: शाही ईदगाह के पास निर्माण कार्य फिर से शुरू, डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति स्थापित की जाएगी

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New Delhi: दिल्ली के शाही ईदगाह के पास निर्माण कार्य एक बार फिर से शुरू हो गया है। डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति स्थानांतरित करने का कार्य पिछले कुछ दिनों से चल रहा था, लेकिन शुक्रवार को जुमे की नमाज के कारण इसे रोक दिया गया था। आज फिर से उस स्थान पर काम शुरू हो गया है, जहां मूर्ति स्थापित की जानी है।

मूर्ति स्थापना पर विवाद

यह ध्यान देने योग्य है कि ईदगाह कमिटी ने रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति की स्थापना का विरोध किया था। मूर्ति स्थापना के खिलाफ प्रदर्शन करने का भी आह्वान किया गया था, जिसके कारण कल कार्य रोक दिया गया था। इस विरोध का मुख्य कारण यह था कि ईदगाह कमिटी का दावा है कि यह भूमि डीडीए की नहीं बल्कि वक्फ की है।

New Delhi: शाही ईदगाह के पास निर्माण कार्य फिर से शुरू, डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति स्थापित की जाएगी

सुरक्षा व्यवस्था

डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति की स्थापना का कार्य फिर से शुरू होने के साथ ही दिल्ली पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। पुलिस ने पार्क की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है। किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए महिला पुलिस भी तैनात की गई है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस क्षेत्र में रैलियाँ, प्रदर्शन और जुलूस बैन हैं। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि कानून तोड़ने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

उच्च न्यायालय की फटकार

शाही ईदगाह कमिटी ने डीडीए पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति की स्थापना का विरोध किया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने कमिटी की याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें फटकार भी लगाई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब पता चला कि शाही ईदगाह के पास एक एक किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर भी बनाया जा रहा है। रानी झांसी चौक इस रास्ते पर आता है और यहां स्थापित की गई मूर्ति को डीडीए पार्क में स्थानांतरित किया जाना है।

निर्माण कार्य की प्रगति

जब एमसीडी ने निर्माण कार्य शुरू किया, तब इसका विरोध किया गया। मामला अदालत में पहुंचा, जहां कमिटी को फटकार मिली, जिसके बाद विभिन्न प्रकार के संदेश विरोध के संबंध में वायरल होने लगे। इस स्थिति के बीच, मूर्ति की स्थापना का कार्य पुनः आरंभ किया गया है, और पुलिस की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि प्रशासन इस विवाद को गंभीरता से ले रहा है।

मूर्ति का महत्व

रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति का भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान है। वे न केवल एक महान योद्धा थीं, बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रतीक भी थीं। उनकी मूर्ति का स्थापना स्थल यह दर्शाता है कि उन्हें भारतीय संस्कृति और इतिहास में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस मूर्ति की स्थापना न केवल उन्हें श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।

स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रिया

स्थानीय समुदाय इस निर्माण कार्य और मूर्ति की स्थापना पर विभिन्न प्रतिक्रियाएँ दे रहा है। कुछ लोग इसका स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे विवादित मानते हैं। इस मामले में समझौते की आवश्यकता है ताकि सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान किया जा सके। स्थानीय लोगों का मानना है कि रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ति की स्थापना से न केवल ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होगी, बल्कि यह क्षेत्र की पहचान को भी मजबूत करेगी।

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