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Sheohar News: कुशाहर गांव में मजदूर के साथ दर्दनाक अपराध, निकाली गईं आंखें

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Sheohar News: कुशाहर गांव, शिवहर के तिरियानी पुलिस थाना क्षेत्र में एक मजदूर के साथ क्रूरता का मामला सामने आया है, जिसमें उसकी आंखें निकाल दी गईं। यह घटना उस समय की है जब मजदूर सुरेश पासवान का शव तीन दिन बाद गांव के तालाब से बरामद हुआ। शव मिलने के बाद से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और लोग गुस्से में हैं।

शव की बरामदगी

28 वर्षीय सुरेश पासवान, कुशाहर वार्ड 9 के निवासी, का शव रविवार की सुबह तालाब में मिला। सुरेश तीन दिन पहले काम पर जाने के बाद से लापता थे। जब शव मिला, तो लोगों में आक्रोश फैल गया, क्योंकि उनकी आंखें निकाली गई थीं। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने हत्या का आरोप लगाते हुए कुशाहर चौक के पास शिवहर-तिरियानी राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर चार घंटे तक बैठकर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की।

Sheohar News: कुशाहर गांव में मजदूर के साथ दर्दनाक अपराध, आंखें निकाली गईं

क्षेत्र में मचा हड़कंप

सुरेश पासवान के शव की बरामदगी ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। ग्रामीणों का कहना है कि सुरेश को बेरहमी से पीटा गया और उनकी आंखें निकाली गईं। इस क्रूरता ने क्षेत्र के निवासियों को उग्र कर दिया और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की। गांव में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और मृतक के परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।

ग्रामीणों का आरोप है कि सुरेश का अपहरण कर उन्हें हत्या की गई। यह घटना शिवहर में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाती है और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता को भी उजागर करती है।

पुलिस की प्रतिक्रिया

सूचना मिलने पर तिरियानी पुलिस थानाध्यक्ष विनय प्रसाद और शहर पुलिस थानाध्यक्ष अभय कुमार सिंह के नेतृत्व में कई पुलिस थाने की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद जाम समाप्त हुआ। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया।

SDPO अनिल कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा।

सुरेश पासवान का जीवन

सुरेश पासवान कुशाहर वार्ड 9 के निवासी थे और चार साल पहले शादी की थी। उनके दो छोटे बच्चे हैं। वह अपने परिवार का भरण-पोषण मजदूरी करके करते थे। सुरेश की मेहनत और संघर्ष की कहानी ने गांव के लोगों को उनकी यादों में जीवित रखा है।

सुरेश का परिवार आर्थिक दृष्टि से कमजोर था, और इस घटना ने उनकी पत्नी और बच्चों के जीवन में और अधिक मुश्किलें पैदा कर दी हैं। सुरेश की पत्नी और बच्चे इस घटना से टूट गए हैं, और उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि वे अब कैसे आगे बढ़ेंगे।

स्थानीय नेताओं की प्रतिक्रिया

इस घटना ने स्थानीय नेताओं को भी चिंतित कर दिया है। नेताओं ने मृतक के परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। वे इस क्रूर अपराध के खिलाफ आवाज उठाने और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग करने के लिए एकजुट हो गए हैं।

स्थानीय विधायक और अन्य नेता मौके पर पहुंचे और मृतक के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त की। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे अपराधों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

सामाजिक और राजनीतिक स्थिति

इस घटना ने शिवहर की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया है। लोग अब प्रशासन पर सवाल उठा रहे हैं कि आखिरकार ऐसी क्रूरता कैसे संभव हो गई। गांव में सुरक्षा की कमी और प्रशासन की निष्क्रियता के खिलाफ लोगों में आक्रोश है।

गांव के लोग अब एकजुट होकर अपने हक के लिए लड़ने की सोच रहे हैं। इस घटना ने लोगों में जागरूकता बढ़ाई है और वे अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। यह घटना गांव में एक नई चेतना लाने का कार्य कर रही है, जिससे लोग अपनी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

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