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Netanyahu’s statement: “इज़राइल बिना फ्रांस के भी युद्ध जीतेगा”, मैक्रों का ऐसा था जवाब

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Netanyahu’s statement: हाल के दिनों में इज़राइल और फ्रांस के बीच बयानबाज़ी में तेज़ी आई है, खासकर इज़राइल की ओर से गाजा में संघर्ष के दौरान हथियारों की आपूर्ति पर फ्रांस की आपत्ति के चलते। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बयान पर तीखा जवाब दिया है। आइए जानते हैं इस विवाद का पूरा हाल।

नेतन्याहू का बयान

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में कहा, “इज़राइल बिना फ्रांस या उसके समर्थन के भी युद्ध जीतेगा।” उनके इस बयान का संदर्भ उस समय आया जब फ्रांस और अन्य पश्चिमी देशों ने इज़राइल को गाजा में उपयोग के लिए हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की। नेतन्याहू ने कहा, “उन (फ्रांस या अन्य यूरोपीय देशों) का अपमान युद्ध जीतने के लंबे समय बाद भी जारी रहेगा।” उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या ईरान हिज़्बुल्लाह को जो हथियार मुहैया करा रहा है, उस पर कोई रोक लगा रहा है? उन्होंने कहा कि ऐसे में फ्रांस इज़राइल को हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगाने वाला कौन होता है।

Netanyahu's statement: "इज़राइल बिना फ्रांस के भी युद्ध जीतेगा", मैक्रों का ऐसा था जवाब

मैक्रों का प्रतिक्रिया

नेतन्याहू के बयान ने फ्रांस को बैकफुट पर ला दिया। मैक्रों ने अब एक विशेष संदेश में कहा है कि इज़राइल फ्रांस का मित्र है और हम हमेशा उसके साथ खड़े रहेंगे। मैक्रों ने फ्रेंच रेडियो पर कहा, “प्राथमिकता यह है कि हम राजनीतिक समाधान की ओर लौटें और गाजा में लड़ाई के लिए हथियारों की आपूर्ति को रोकें।” उन्होंने गाजा में संघर्ष की निरंतरता पर चिंता व्यक्त की और इज़राइल के लबनान में ग्राउंड ट्रूप्स भेजने के फैसले की आलोचना की।

नेतन्याहू का सख्त रुख

नेतन्याहू ने केवल मैक्रों को ही नहीं, बल्कि अन्य यूरोपीय और पश्चिमी नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए।” नेतन्याहू ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “इज़राइल उनके समर्थन के बिना भी जीतेगा, लेकिन हथियारों पर रोक लगाना अपमानजनक है।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान, जो हिज़्बुल्लाह और हमास को हथियार दे रहा है, उसके खिलाफ क्यों कोई रोक नहीं है।

मैक्रों की स्थिति

नेतन्याहू के इस हमले के बाद मैक्रों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “फ्रांस इज़राइल का एक मजबूत मित्र है।” लेकिन इस विवाद ने दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ा दी है। नेतन्याहू ने कहा कि “जो भी देश इज़राइल का साथ नहीं देता, वह ईरान और उसके सहयोगियों का समर्थन कर रहा है।”

फ्रांस की विदेश नीति

फ्रांस ने इज़राइल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन गाजा में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर वह गंभीर चिंता भी प्रकट कर रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति का यह बयान दिखाता है कि वे एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि इज़राइल अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।

इज़राइल और पश्चिमी सहयोग

इज़राइल की स्थिति यह है कि उसे ईरान की बढ़ती सैन्य शक्ति और उसके सहयोगियों से खतरा है। नेतन्याहू का यह कहना कि “सभी सभ्य देशों को इज़राइल के पक्ष में खड़ा होना चाहिए” इस बात की ओर इशारा करता है कि इज़राइल अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर पर जाने को तैयार है।

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