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Uttarkashi: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख के पार, नया रिकॉर्ड बनने की उम्मीद

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Uttarkashi: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नई ऊँचाई को छू लिया है। इस वर्ष अब तक 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इन पवित्र स्थलों का दर्शन किया है। इनमें से 8 लाख श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम और 7 लाख से अधिक ने यमुनोत्री धाम का दर्शन किया है। धाम के दरवाजे बंद होने में केवल एक सप्ताह का समय बचा है, ऐसे में यह संख्या एक नया रिकॉर्ड बनाने की दिशा में बढ़ रही है।

यात्रा की शुरूआत और श्रद्धालुओं की भीड़

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दरवाजे इस वर्ष 10 मई को खोले गए थे। महज 17 दिनों में दोनों धामों में 4 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुँच चुके थे। पिछले साल गंगोत्री धाम की यात्रा 207 दिनों तक चली थी, जबकि यमुनोत्री धाम की यात्रा 208 दिनों तक चली। लेकिन इस वर्ष गंगोत्री धाम की यात्रा अवधि 177 दिन और यमुनोत्री धाम की यात्रा अवधि 178 दिन है। फिर भी, श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या देखी जा रही है।

Uttarkashi: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख के पार, नया रिकॉर्ड बनने की उम्मीद

संख्या में बढ़ोतरी

रविवार की शाम तक, दोनों धामों में कुल 15,015,63 श्रद्धालु पहुँच चुके थे। इनमें से 7,00,828 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री धाम और 8,00,735 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम का दर्शन किया। इस प्रकार, दोनों धामों में श्रद्धालुओं की औसत संख्या प्रतिदिन 8,781 रही, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 7,907 थी। यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि श्रद्धालुओं में तीर्थ यात्रा के प्रति उत्साह बढ़ा है।

यात्रा की तैयारियाँ

उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने अतिरिक्त सुविधाएँ और सुरक्षा उपाय किए हैं। धामों के चारों ओर साफ-सफाई, पेयजल और शौचालय की व्यवस्थाएँ की गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

धार्मिक महत्व

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का धार्मिक महत्व भारतीय संस्कृति में बहुत गहरा है। गंगोत्री, मां गंगा के जन्मस्थान के रूप में मानी जाती है, जबकि यमुनोत्री, मां यमुना के लिए श्रद्धा का केंद्र है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आकर अपनी धार्मिक आस्था व्यक्त करते हैं। यह धाम न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

मौसम की भूमिका

इस साल मौसम भी श्रद्धालुओं की संख्या में सहायक रहा है। हाल के दिनों में मौसम सामान्य रहा है, जिससे यात्रा में कोई बाधा नहीं आई है। यात्रा के दौरान मौसम की अनिश्चितता का सामना करने के लिए प्रशासन ने भी सभी आवश्यक तैयारियाँ की हैं।

पर्यावरण की सुरक्षा

धार्मिक स्थानों पर बढ़ती भीड़ के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। प्रशासन ने तीर्थ यात्रियों से अपील की है कि वे स्वच्छता बनाए रखें और पर्यावरण का ध्यान रखें। इसके लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखें और प्लास्टिक का उपयोग न करें।

भविष्य की योजना

जैसे-जैसे यात्रा का समय समाप्त होता है, प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बना रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी श्रद्धालुओं को बिना किसी परेशानी के यात्रा करने का अनुभव मिले, सभी आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास की एक महत्वपूर्ण यात्रा है। आने वाले समय में, उम्मीद है कि श्रद्धालुओं की यह संख्या और भी बढ़ेगी और ये धाम हमेशा श्रद्धालुओं के दिलों में एक विशेष स्थान बनाए रखेंगे।

इस वर्ष के अंत में, जब यात्रा समाप्त होगी, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि यह संख्या कितनी बढ़ती है और क्या नए रिकॉर्ड स्थापित होते हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए की गई सभी तैयारियाँ निस्संदेह उन्हें एक सुखद अनुभव प्रदान करेंगी।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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