Uttarakhand News: DM और SSP ने बुलेट पर शहर का एक बार फिर लिया जायजा, ट्रैफिक व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस
Uttarakhand News: सोमवार को जिले के जिला अधिकारी (DM) सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अजय सिंह ने एक बार फिर बुलेट पर सवार होकर शहर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। यह उनका दूसरा दौरा था, जिसमें उन्होंने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, अतिक्रमण, पार्किंग, सड़क किनारे सजावट, नालियों और चौराहों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया।
इस बार, DM और SSP ने अपने काफिले को मुख्य रूप से घण्टाघर से शुरू किया और रिस्तपाना ब्रिज, कर्गी चोक, ISBT, लालपुल, सहारनपुर चोक और प्रिंस चोक तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सड़क व्यवस्था के अलावा महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर पिंक बूथ और पिंक टॉयलेट के निर्माण के संभावित स्थानों का भी निरीक्षण किया।
शहर की व्यवस्थाओं की विस्तृत जांच
सप्ताहिक निरीक्षण में सविन बंसल ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से संवाद किया और शहर की व्यवस्थाओं में सुधार की दिशा में सुझाव मांगे। इस दौरान, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह और एसपी ट्रैफिक मुकेश कुमार भी उनके साथ थे। उन्होंने देखा कि शहर में अतिक्रमण की समस्या, ट्रैफिक जाम, सड़क किनारे पार्किंग, नालियों की स्थिति, और चौराहों की डिज़ाइन में सुधार की आवश्यकता है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बूथ और टॉयलेट
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जिला अधिकारी ने शहर के कुछ प्रमुख स्थानों पर पिंक बूथ और पिंक टॉयलेट के निर्माण की योजना बनाई है। पिछली बार, पत्तल बाजार में सीएनआई कॉलेज चोक पर एक पिंक बूथ का निर्माण किया गया था। अब, गांधी पार्क, एमकेपी चोक और लालपुल में पिंक बूथ बनाने की योजना है। इसके अलावा, लालपुल पुलिस बूथ पर पिंक टॉयलेट बनाने के आदेश भी दिए गए हैं।
जलभराव की समस्या का समाधान
इसी बीच, DM ने शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव की समस्या की समीक्षा की, जो मानसून के दौरान गंभीर रूप ले लेती है। रिस्तपाना ब्रिज, प्रिंस चोक और ISBT में जलभराव की समस्या है, जिसके समाधान के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) और हाईवे विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। DM ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि अगले मानसून से पहले जलभराव की समस्या का समाधान किया जाए।
ISBT में जलभराव की गंभीर स्थिति
ISBT, जो शहर का प्रवेश द्वार है, हर साल मानसून के दौरान जलभराव का शिकार हो जाता है। यहां की सर्विस लेन (देहरादून शहर की ओर जाने वाली) की स्थिति एक स्विमिंग पूल जैसी हो जाती है। अब तक की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं क्योंकि सर्विस लेन संकरी है और नाले का आकार छोटा है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए राष्ट्रीय उच्चमार्ग विभाग ने पिछले साल 27 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन यह फाइल में ही दबा रह गया।
जलभराव से निपटने के लिए प्रस्ताव
अब, अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार किया है कि इस समस्या का समाधान केवल तब हो सकता है जब नाले का आकार बढ़ाया जाए। इसके लिए, सर्विस लेन को चौड़ा करना होगा और नाले को अंदर की ओर शिफ्ट करना होगा। इसके साथ ही, ऊर्जा निगम के पावर हाउस के कारण भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त, मोहब्बेवाला के राजा राम मोहन राय अकादमी से भी कुछ भूमि अधिग्रहण करनी पड़ेगी। इस काम को दो चरणों में पूरा किया जा सकता है, और इसके लिए लगभग 27 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
ISBT चोक का चौड़ीकरण
DM ने ISBT चोक की चौड़ाई को अपर्याप्त बताया। उनका मानना है कि ISBT चोक पर वाहनों का दबाव अधिक है और इसका विस्तार जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चोक क्षेत्र में जहां भी आवश्यकता हो, भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव तैयार किए जाएं।
सड़क और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार
ISBT के आसपास के क्षेत्र में ट्रैफिक की समस्या को लेकर पहले भी कई बार चर्चा की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। हाईवे विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या का समाधान निकाले जाने के लिए दुकानों को शिफ्ट करने का सुझाव दिया था, ताकि बाइपास रोड की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।
DM सविन बंसल और SSP अजय सिंह के द्वारा बुलेट पर सवार होकर किए गए निरीक्षण से यह साफ हो गया कि प्रशासन शहर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। महिला सुरक्षा, जलभराव, ट्रैफिक व्यवस्था और चौराहों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रशासन ने कई योजनाओं का ऐलान किया है। अब देखना होगा कि इन योजनाओं पर कब और कैसे अमल होता है, ताकि देहरादून शहर में यातायात, जलनिकासी और सार्वजनिक सुविधाओं की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।