Uttarakhand news : 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेज, जूडो के प्रतियोगिता निदेशक का हुआ बदलाव
Uttarakhand news: उत्तराखंड में आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों की तारीख पर भले ही संशय बना हुआ हो, लेकिन खेलों की तैयारियों को लेकर औपचारिक प्रक्रियाएं जारी हैं। इस सिलसिले में गुरुवार को जूडो और शूटिंग के प्रतियोगिता निदेशकों (DOC) की नियुक्ति भी कर दी गई। विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि अब तक 34 खेलों में से 25 के DOC नियुक्त हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश ने अपनी संबंधित खेलों के लिए प्रस्तावित स्थलों का निरीक्षण भी कर लिया है, जबकि कुछ खेलों के लिए DOC की नियुक्ति अभी बाकी है। इस बीच, खेल निदेशालय अब तक लगभग नौ DOC की नियुक्ति का इंतजार कर रहा है।
DOC की भूमिका और महत्व
DOC यानी प्रतियोगिता निदेशक खेल आयोजन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पद है, जिस पर नियुक्त व्यक्ति सभी महत्वपूर्ण निर्णयों को लेने का अधिकार रखता है। DOC का प्रमुख कार्य होता है कि वह अपने संबंधित खेल की प्रतियोगिता की आयोजन प्रक्रिया को सही तरीके से नियंत्रित और संचालित करें। इसके अलावा, खेलों से जुड़ी सभी अहम योजनाओं और कार्यों पर निर्णय लेने का दायित्व भी DOC के पास होता है। ऐसे में इस पद पर समय पर नियुक्ति की अत्यधिक आवश्यकता है, ताकि खेलों की तैयारी सही समय पर पूरी हो सके।
हालांकि, कई खेलों के लिए DOC की नियुक्ति में देरी होने से खेल निदेशालय के अधिकारियों में चिंता का माहौल बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों की तैयारी में योगदान देने के लिए संबंधित खेल संघ ही अपने DOC की नियुक्ति करते हैं।
38वें राष्ट्रीय खेलों की तारीख पर अनिश्चितता
उत्तराखंड राज्य में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों की तारीख को लेकर असमंजस बना हुआ है। हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा इसकी प्रस्तावित तारीख 28 जनवरी से 14 फरवरी तक रखी गई थी, लेकिन अभी तक तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस बीच, भारतीय ओलंपिक संघ ने सभी राष्ट्रीय खेल संघों को सूचित किया है कि राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां जोरों से चल रही हैं, और DOC की नियुक्ति में कोई भी देरी नहीं होनी चाहिए।
जूडो के DOC में बदलाव
इस बीच, जूडो के DOC पद पर एक बड़ा बदलाव हुआ है। जूडो के पूर्व प्रतियोगिता निदेशक सतिश शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी जगह मुनव्वर अंजार को जूडो के नए DOC के रूप में नियुक्त किया गया है। जूडो के प्रमुख कार्यों को देखते हुए सतिश शर्मा ने पद छोड़ने का फैसला लिया है। उनका कहना था कि वह उत्तराखंड जूडो संघ के महासचिव हैं और जूडो की राष्ट्रीय टीम के कोच भी रह चुके हैं। ऐसे में, उन्हें अपनी टीम के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए, उन्होंने DOC पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया, ताकि राज्य को अधिकतम पदक दिलवाने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा टीम के प्रशिक्षण में लगा सकें।
शूटिंग के लिए नया DOC नियुक्त
जूडो के अलावा शूटिंग खेल के लिए भी नया DOC नियुक्त किया गया है। अशोक मित्तल को शूटिंग के DOC के रूप में नियुक्त किया गया है। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शूटिंग जैसे खेलों में भी बारीकी से प्रतियोगिता संचालन की आवश्यकता होती है। डॉक नियुक्ति से संबंधित अधिकारियों का मानना है कि प्रतियोगिता निदेशक के रूप में नए नियुक्त व्यक्ति अपने अनुभव का सही इस्तेमाल करते हुए खेलों की बेहतर तरीके से तैयारी करेंगे।
खेलों की तैयारियों में गति
वर्तमान में, राज्य सरकार और खेल संघों द्वारा तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। लगभग सभी DOC ने अपने खेलों के आयोजन स्थलों का निरीक्षण कर लिया है। निरीक्षण के दौरान प्रतियोगिता की जरूरतों और मैदान की स्थिति का मूल्यांकन किया गया है। इसके अलावा, खेल अधिकारियों का मानना है कि अब तक जिन खेलों के DOC का चयन नहीं हो सका है, उनकी नियुक्ति भी जल्द ही कर दी जाएगी ताकि किसी भी खेल की तैयारी में कोई विघ्न न आए।
उत्तराखंड सरकार और खेल निदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि DOC की नियुक्ति के बाद, हर खेल के आयोजन स्थल पर विभिन्न प्रकार के कार्यों की शुरुआत की जाएगी, जैसे कि मैदान की सजावट, उपकरणों की व्यवस्था, और खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना बनाना। इसके अलावा, राज्य सरकार ने इस आयोजन को लेकर विभिन्न प्रशासनिक पहलुओं पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
स्पर्धाओं और तैयारियों की सफलता के लिए बारीकी से निगरानी
स्पर्धाओं की सफलता के लिए बारीकी से निगरानी रखना और सभी प्रतियोगिताओं के आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करवाना DOC के हाथों में होता है। इसलिए यह जरूरी है कि सभी खेलों के DOC समय रहते नियुक्त हो जाएं। हालांकि, कुछ खेलों में नियुक्तियों में देरी हो रही है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में इनकी नियुक्ति पूरी हो जाएगी।
उत्तराखंड में खेलों की छवि में बदलाव
उत्तराखंड राज्य में खेलों की छवि को और मजबूती देने के लिए इन राष्ट्रीय खेलों का आयोजन एक अहम कदम साबित हो सकता है। इस आयोजन के द्वारा जहां एक ओर राज्य को खेलों में अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा, वहीं दूसरी ओर राज्य के युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर भी प्राप्त होगा। यह आयोजन न केवल उत्तराखंड के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी राज्य की खेल संस्कृति को प्रमोट करने का सुनहरा अवसर है।
38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है, लेकिन DOC की नियुक्ति में देरी की चिंता अभी भी बनी हुई है। जूडो और शूटिंग के प्रतियोगिता निदेशकों की नियुक्ति इस प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है, और बाकी खेलों के लिए भी जल्द ही नियुक्तियां की जाएंगी। खेलों की सफलता के लिए सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है, और उत्तराखंड में खेलों के आयोजन से जुड़ी सभी तैयारियां तेजी से पूरी की जा रही हैं।