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Uttarkashi: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन दो प्रमुख परियोजनाओं पर सर्दी का असर, काम में आई रुकावट

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Uttarkashi: उत्तरकाशी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो प्रमुख परियोजनाओं पर सर्दी ने ब्रेक लगा दिया है। इनमें से एक परियोजना सीमा पर स्थित जाडुंग गांव में बनने वाले होमस्टे की है, जबकि दूसरी परियोजना गंगोत्री धाम के पास लंका में निर्माणाधीन देश के पहले स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र (SLCC) की है। हालांकि, ग्रामीण निर्माण विभाग का कहना है कि हिना के पास SLCC के निर्माण के लिए पत्थर काटने का काम किया जाएगा।

असल में, इन दोनों बड़ी परियोजनाओं पर काम इस साल शुरू हुआ था। केंद्रीय सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ब्राइट विलेज स्कीम’ के तहत जाडुंग गांव में छह होमस्टे का निर्माण सितंबर महीने में शुरू किया गया था। इन होमस्टे की कुल लागत 3.65 करोड़ रुपये है। इनमें से छह होमस्टे में से चार की नींव लगभग तैयार हो चुकी है। लेकिन सर्दी बढ़ने के कारण और गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के दरवाजे बंद होने के कारण यह काम फिलहाल रोक दिया गया है। अब यह काम जून 2025 में फिर से शुरू होगा।

Uttarkashi: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन दो प्रमुख परियोजनाओं पर सर्दी का असर, काम में आई रुकावट

36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य

दूसरी ओर, देश का पहला स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र (SLCC) 2020 में मंजूरी प्राप्त हुआ था, जिसके निर्माण पर लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इस परियोजना के तहत स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र, कैफेटेरिया और वन विभाग की सुविधा भवन का निर्माण किया जाएगा। हालांकि, इस परियोजना का काम पहले लंबे समय तक लंबित था। लेकिन मार्च-अप्रैल में साइट विकास कार्य शुरू होने के बाद इसे 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।

फिर भी, गंगोत्री धाम से लंका तक सर्दी बढ़ने के कारण इस परियोजना का काम नींव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस कड़ी सर्दी के कारण मजदूरों के लिए साइट तक पहुंच पाना भी मुश्किल हो जाता है। सुबह 11 बजे तक मजदूर काम करने के लिए साइट पर नहीं पहुंच पाते, और इसके बाद दोपहर 2 बजे के बाद सर्द हवाओं का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे निर्माण कार्य संभव नहीं हो पाता।

पर्यटन के लिए महत्वपूरण दोनों परियोजनाएं

जाडुंग में होमस्टे और लंका में स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र जिले में पर्यटन को एक नई दिशा देने में सक्षम होंगे। जाडुंग सीमा गांव में होमस्टे बनने के बाद पर्यटकों को ठहरने के लिए एक स्थान मिलेगा। इसके साथ ही, होमस्टे के माध्यम से वे स्थानीय जाड समुदाय की लोक संस्कृति और खानपान की आदतों से भी परिचित हो सकेंगे। वहीं, लंका में स्थित स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र के माध्यम से पर्यटक गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के बारे में गहरे से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जो स्नो लेपर्ड्स का प्राकृतिक आवास है।

होमस्टे और संरक्षण केंद्र दोनों परियोजनाएं पर्यटन को बढ़ावा देने और उत्तरकाशी जिले के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी। ये परियोजनाएं न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर प्रदान करेंगी, बल्कि इससे क्षेत्र की संस्कृति और प्रकृति के प्रति पर्यटकों का आकर्षण भी बढ़ेगा।

सर्दी के प्रभाव से प्रभावित निर्माण कार्य

जहां एक ओर इन परियोजनाओं का पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है, वहीं दूसरी ओर सर्दी ने निर्माण कार्य में बड़ी रुकावट डाल दी है। गंगोत्री धाम के पास लंका में बन रहा स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र खासकर सर्दी के कारण प्रभावित हो रहा है। ठंड के कारण निर्माण कार्य को रोक दिया गया है, और अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना के निर्माण के लिए पत्थर काटने का काम हिना के पास शुरू किया जाएगा।

जाडुंग में होमस्टे का निर्माण

जाडुंग गांव में होमस्टे बनाने का उद्देश्य स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देना है। होमस्टे के जरिए पर्यटकों को उत्तरकाशी की विशिष्ट संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली से परिचित कराया जाएगा। यहां के निवासी अपनी पारंपरिक जीवनशैली, खानपान और रीति-रिवाजों के बारे में पर्यटकों को जानकारी देंगे। होमस्टे के निर्माण से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि इसके माध्यम से सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन का विस्तार होगा, जो आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होगा।

पारिस्थितिकीय संरक्षण और स्नो लेपर्ड का महत्व

लंक में बनने वाला स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र प्राकृतिक पर्यावरण के संरक्षण के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान और इसके आसपास के क्षेत्र में स्नो लेपर्ड्स का प्राकृतिक आवास है, और यह केंद्र उनके संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम होगा। पर्यटकों को इस केंद्र के माध्यम से स्नो लेपर्ड्स की जीवनशैली, उनकी आदतों और उनके संरक्षण के प्रयासों के बारे में जानकारी मिलेगी। इससे पर्यटकों को प्राकृतिक संरक्षण की महत्वता का भी अहसास होगा, और वे इस क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा में भागीदार बनेंगे।

अगले साल काम फिर से शुरू होगा

सर्दी के प्रभाव के कारण फिलहाल दोनों परियोजनाओं का काम रुक चुका है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगले साल जून से इन दोनों परियोजनाओं पर फिर से काम शुरू होगा। होमस्टे के निर्माण में भी जाडुंग गांव में काम फिर से शुरू होगा और अगले साल पूरी उम्मीद है कि यह परियोजना अपने निर्धारित समय के अनुसार समाप्त हो जाएगी। साथ ही, स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र पर भी काम जारी रहेगा और इसे 36 महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

उत्तरकाशी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जाडुंग गांव में होमस्टे और लंका में स्नो लेपर्ड संरक्षण केंद्र जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण हो रहा है, जो स्थानीय पर्यटन को एक नई दिशा देंगे। हालांकि, सर्दी के कारण इन परियोजनाओं का काम फिलहाल रुक चुका है, लेकिन अगले साल काम फिर से शुरू होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र के विकास में भी अहम योगदान मिलेगा।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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