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Uttarakhand: अल्मोड़ा के द्वाराहाट में भीषण वनाग्नि, हजारों पेड़ खाक

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अल्मोड़ा। द्वाराहाट तहसील स्थित तल्ली मिरई और किरौली के बीच के जंगलों में भीषण आग लगने की घटना से हड़कंप मच गया है। आग इतनी विकराल है कि इसकी लपटें दूर-दूर से दिखाई दे रही हैं। जानकारी के अनुसार, हजारों पेड़ इस आग की चपेट में आकर राख हो चुके हैं और अभी भी जंगल धधक रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि आग को कई घंटे बीत चुके हैं, लेकिन इसे बुझाने के प्रयास शुरुआती तौर पर दिखाई नहीं दिए। गर्मियों की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर पहाड़ी इलाकों में चीड़ के जंगल धधकने लगे हैं। हर साल की तरह इस बार भी लाखों की वन संपदा और वन्य जीवन को भारी नुकसान हुआ है।

 

वन विभाग और प्रशासन की ओर से आग पर नियंत्रण को लेकर किए जा रहे दावों पर सवाल उठने लगे हैं। हर साल वन विभाग को आग बुझाने के लिए करोड़ों की धनराशि दी जाती है, लेकिन फिर भी आग की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है। डीएफओ अल्मोड़ा द्वारा जारी बयान के अनुसार आग नाप खेत में लगी है, और यह क्षेत्र आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता है उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग को तुरंत जानकारी दी गई।

वन विभाग की ओर से 20 सदस्यीय विशेष दल को मौके पर भेजा गया है जो आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह आग किसी व्यक्ति द्वारा लगाई गई है। दोषी व्यक्ति की पहचान कर ली गई है और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि विभाग का दावा है कि आग पर काबू पाने के प्रयास तेज़ी से जारी हैं, लेकिन ज़मीनी हालात बता रहे हैं कि आग की अभी थमी नहीं है। स्थानीय लोगों में प्रशासन की सुस्ती को लेकर गहरा आक्रोश है।

हर साल गर्मियों में उत्तराखंड के जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं, जिससे न केवल प्राकृतिक संसाधनों को क्षति होती है, बल्कि जैव विविधता को भी खतरा उत्पन्न होता है। ऐसे में समय की मांग है कि वन विभाग और प्रशासन मिलकर अधिक प्रभावी और सक्रिय रणनीति अपनाएं, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

Manoj kumar

Editor-in-chief

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